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हरिद्वार कुंभ: हरकी पैड़ी के ठीक ऊपर दिखा अद्भुत नजारा, सूर्य के चारों ओर बनी इंद्रधनुष कुंभ कलश आकृति - हरिद्वार कुंभ 2021

दोपहर को हरकी पैड़ी के ठीक ऊपर आसमान में एक अद्भुत खगोलीय घटना देखने को मिली. सूर्य के चारों ओर गोलार्ध इंद्रधनुष कुंभ कलश आकृति साफ नजर आई.

HARIDWAR KUMBH SHAHI SNAN
अद्भुत नजारा
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Published : Apr 12, 2021, 2:24 PM IST

Updated : Apr 12, 2021, 2:39 PM IST

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में आज (12 अप्रैल) सुबह से आस्था का सैलाब उमाड़ा हुआ है. हरकी पैड़ी पर सुबह से ही महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान में अखाड़ों के साधु-संत गंगा में स्नान कर रहे है. इसी बीच दोपहर को हरकी पैड़ी के ठीक ऊपर आसमान में एक अद्भुत खगोलीय घटना देखने को मिली. सूर्य के पास बड़ा गोला साफ दिखाई दिया. ये गोलार्ध इंद्रधनुष कुंभ कलश आकृति जैसा था.

सूर्य के आसपास बनी कुंभ कलश की आकृति.

हरिद्वार में हरकी पौड़ी पर जिस वक्त बैरागी अखाड़ा स्नान कर रहा था, उस वक्त आसमान में सूरज के चारों ओर गोलार्ध इंद्रधनुष दिखाई दिया. ज्योतिषि बताते हैं कि ऐसा बहुत कम देखने के लिए मिलता है. हालांकि, इंद्रधनुष अब तक चंद्राकार या एक पर्वत से निकलने के बाद दूसरे पर्वत पर वह समाप्त हो जाते हैं या नदी से निकलने के बाद दूसरी जगह पर समाप्त हो जाते हैं. लेकिन गोलाकार इंद्रधनुष बेहद अद्भुत दिखाई दिया.

जानकार बताते हैं कि सूरज से इस वक्त निकल रही ये आकृति बेहद अद्भुत और बेहद पवित्र होती है. यही कारण है कि जब यह किरण गंगा और खासकर हरिद्वार के ब्रह्मकुंड स्थित स्थान पर पड़ती है तब भी कुंभ का महत्व बढ़ जाता है.

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में आज (12 अप्रैल) सुबह से आस्था का सैलाब उमाड़ा हुआ है. हरकी पैड़ी पर सुबह से ही महाकुंभ के दूसरे शाही स्नान में अखाड़ों के साधु-संत गंगा में स्नान कर रहे है. इसी बीच दोपहर को हरकी पैड़ी के ठीक ऊपर आसमान में एक अद्भुत खगोलीय घटना देखने को मिली. सूर्य के पास बड़ा गोला साफ दिखाई दिया. ये गोलार्ध इंद्रधनुष कुंभ कलश आकृति जैसा था.

सूर्य के आसपास बनी कुंभ कलश की आकृति.

हरिद्वार में हरकी पौड़ी पर जिस वक्त बैरागी अखाड़ा स्नान कर रहा था, उस वक्त आसमान में सूरज के चारों ओर गोलार्ध इंद्रधनुष दिखाई दिया. ज्योतिषि बताते हैं कि ऐसा बहुत कम देखने के लिए मिलता है. हालांकि, इंद्रधनुष अब तक चंद्राकार या एक पर्वत से निकलने के बाद दूसरे पर्वत पर वह समाप्त हो जाते हैं या नदी से निकलने के बाद दूसरी जगह पर समाप्त हो जाते हैं. लेकिन गोलाकार इंद्रधनुष बेहद अद्भुत दिखाई दिया.

जानकार बताते हैं कि सूरज से इस वक्त निकल रही ये आकृति बेहद अद्भुत और बेहद पवित्र होती है. यही कारण है कि जब यह किरण गंगा और खासकर हरिद्वार के ब्रह्मकुंड स्थित स्थान पर पड़ती है तब भी कुंभ का महत्व बढ़ जाता है.

Last Updated : Apr 12, 2021, 2:39 PM IST
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