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कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा: जल्द सच आएगा सामने, 90 फीसदी जांच हुई पूरी

कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंप सकते हैं. रिपोर्ट के सामने आने के बाद कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है. कुछ लोगों की गिरफ्तार भी हो सकती है.

कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा
कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा
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Published : Jul 15, 2021, 4:22 PM IST

Updated : Jul 15, 2021, 7:11 PM IST

हरिद्वार: कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े में जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की अध्यक्षता में गठित की गई टीम ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है. इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि जांच टीम 90 प्रतिशत फोन नंबरों का क्रॉस चेक कर चुकी है. जल्द ही इसकी रिपोर्ट मिल जाएगी. रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तारी की जाएगी. जांच रिपोर्ट एसआईटी को दी जाएगी. वहीं कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अलग से की जा रही जांच को हरिद्वार जिलाधिकारी ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के जरिए जिला स्तर पर जांच सौंपी गई थी, जिसके लिए जांच टीम गठित की गई थी. इसीलिए कोई भी पैरलल जांच करने का कोई औचित्य नहीं है.

रडार पर कई बड़े अफसर

पढ़ें- अंतिम चरण में कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े की जांच, जल्द सौंपी जाएगी रिपोर्ट

जिलाधिकारी ने कहा कि जांच निर्धारित समय में पूरे तरीके से की जा रही है. जांच 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है. जल्द ही रिपोर्ट सौंप दी जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला: बता दें हरिद्वार कुंभ में कोरोना की जांच के लिए 10 लैबों को अधिकृत किया गया था, जिसमें से एक दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट सर्विस थी. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस ने अपनी अधिकृत दो लैब (दिल्ली की डॉ. लाल चंदानी और हरियाणा के हिसार की नलवा) को आगे ये जिम्मेदारी दी थी. इन दोनों लैब की करीब एक लाख कोरोना जांच संदेह के घेरे में हैं.

ऐसे हुआ था खुलासा: दरअसल, पंजाब के एक व्यक्ति को फोन गया था कि हरिद्वार में उन्होंने जो कोरोना टेस्ट कराया था, उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि वो व्यक्ति कुंभ के दौरान हरिद्वार ही नहीं आया था. ऐसे में उसने इसकी शिकायत वहां से स्थानीय प्रशासन को की, लेकिन प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. इसके बाद उक्त व्यक्ति ने मामले की शिकायत आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) को की.

पढ़ें- हरिद्वार जिला कंटेनमेंट जोन फ्री, DM ने कहा- सतर्कता अभी भी है जरूरी

आईसीएमआर ने इस मामले में उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव से जवाब मांगा और जांच के आदेश दिए. प्राथमिक जांच में करीब एक लाख कोरोना टेस्ट संदेह के घेरे में आए. उन्हीं के आधार पर मामले की जांच शुरू की गई. जांच में सामने आया था कि इन लैबों ने एक ही फोन नंबर से सैंकड़ों फर्जी जांच कर दीं. वहीं 100 जांचों में एक ही घर का पता डाला है, जो अंसभव लगता है. ऐसे ही आधार कार्ड नंबर के साथ भी किया गया. एक ही आधार नंबर पर कई जांच कर दी गई थी.

इसके बाद इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने सीडीओ सौरभ गहरवार के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की थी. वहीं हरिद्वार जिलाधिकारी के आदेश पर सीएमओ हरिद्वार एसएन झा ने नगर कोतवाली में मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और उसकी दो अधिकृत लैब दिल्ली की डॉ. लाल चंदानी और हरियाणा के हिसार की नलवा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था. कोतवाली में मामला दर्ज होने के बाद कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा की जांच के लिए एसआईटी भी गठित गई थी, जो अलग से इस मामले की जांच कर रही है.

हरिद्वार: कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़े में जिलाधिकारी के आदेश पर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की अध्यक्षता में गठित की गई टीम ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है. इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि जांच टीम 90 प्रतिशत फोन नंबरों का क्रॉस चेक कर चुकी है. जल्द ही इसकी रिपोर्ट मिल जाएगी. रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर गिरफ्तारी की जाएगी. जांच रिपोर्ट एसआईटी को दी जाएगी. वहीं कुंभ मेला स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अलग से की जा रही जांच को हरिद्वार जिलाधिकारी ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के जरिए जिला स्तर पर जांच सौंपी गई थी, जिसके लिए जांच टीम गठित की गई थी. इसीलिए कोई भी पैरलल जांच करने का कोई औचित्य नहीं है.

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जिलाधिकारी ने कहा कि जांच निर्धारित समय में पूरे तरीके से की जा रही है. जांच 90 प्रतिशत पूरी हो चुकी है. जल्द ही रिपोर्ट सौंप दी जाएगी. रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

क्या है मामला: बता दें हरिद्वार कुंभ में कोरोना की जांच के लिए 10 लैबों को अधिकृत किया गया था, जिसमें से एक दिल्ली की मैक्स कॉरपोरेट सर्विस थी. मैक्स कॉरपोरेट सर्विस ने अपनी अधिकृत दो लैब (दिल्ली की डॉ. लाल चंदानी और हरियाणा के हिसार की नलवा) को आगे ये जिम्मेदारी दी थी. इन दोनों लैब की करीब एक लाख कोरोना जांच संदेह के घेरे में हैं.

ऐसे हुआ था खुलासा: दरअसल, पंजाब के एक व्यक्ति को फोन गया था कि हरिद्वार में उन्होंने जो कोरोना टेस्ट कराया था, उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि वो व्यक्ति कुंभ के दौरान हरिद्वार ही नहीं आया था. ऐसे में उसने इसकी शिकायत वहां से स्थानीय प्रशासन को की, लेकिन प्रशासन ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. इसके बाद उक्त व्यक्ति ने मामले की शिकायत आईसीएमआर (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) को की.

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आईसीएमआर ने इस मामले में उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव से जवाब मांगा और जांच के आदेश दिए. प्राथमिक जांच में करीब एक लाख कोरोना टेस्ट संदेह के घेरे में आए. उन्हीं के आधार पर मामले की जांच शुरू की गई. जांच में सामने आया था कि इन लैबों ने एक ही फोन नंबर से सैंकड़ों फर्जी जांच कर दीं. वहीं 100 जांचों में एक ही घर का पता डाला है, जो अंसभव लगता है. ऐसे ही आधार कार्ड नंबर के साथ भी किया गया. एक ही आधार नंबर पर कई जांच कर दी गई थी.

इसके बाद इस मामले में हरिद्वार जिलाधिकारी सी रविशंकर ने सीडीओ सौरभ गहरवार के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की थी. वहीं हरिद्वार जिलाधिकारी के आदेश पर सीएमओ हरिद्वार एसएन झा ने नगर कोतवाली में मैक्स कॉरपोरेट सर्विस और उसकी दो अधिकृत लैब दिल्ली की डॉ. लाल चंदानी और हरियाणा के हिसार की नलवा के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया था. कोतवाली में मामला दर्ज होने के बाद कुंभ कोरोना टेस्ट फर्जीवाड़ा की जांच के लिए एसआईटी भी गठित गई थी, जो अलग से इस मामले की जांच कर रही है.

Last Updated : Jul 15, 2021, 7:11 PM IST
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