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कुमाऊं में बारिश ने तोड़ा 124 साल का रिकॉर्ड, आगे ऐसा रहेगा मौसम

बीते 24 घंटे के भीतर हुई बारिश ने नैनीताल, चंपावत और मुक्तेश्वर में 100 से 124 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. चंपावत में 579 एमएम बारिश हुई है. जबकि, नैनीताल में 401 एमएम बारिश दर्ज की गई है.

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Published : Oct 20, 2021, 5:50 PM IST

Updated : Oct 20, 2021, 6:57 PM IST

uttarakhand rain
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देहरादूनः उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ जैसे हालातों से भारी तबाही हुई. इसमें 46 लोगों की जान भी गई. जबकि, अभी भी कई लापता हैं. वहीं, अगर बारिश की बात करें तो बीते 24 घंटे के भीतर हुई बारिश ने रिकॉर्ड भी तोड़े हैं. मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो बीते 24 घंटे में हुई इस बारिश ने नैनीताल, चंपावत और मुक्तेश्वर में 100 से 124 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

मॉनसून की विदाई के बाद पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से प्रदेश में भारी बारिश हुई, जो अपने साथ तबाही भी लाई. मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के मुताबिक अक्टूबर महीने के तीसरे हफ्ते में प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई. ऐसा मंजर करीब 100 से 120 सालों बाद देखने को मिला है.

जानकारी देते मौसम निदेशक विक्रम सिंह.

ये भी पढ़ेंः आसमानी आफत में अब तक 46 लोगों की मौत, 11 लापता, हेल्पलाइन नंबर जारी

बीते कुछ सालों में इस तरह की भारी बारिश अक्टूबर महीने में प्रदेश में अब तक देखने को नहीं मिली थी. बीते 24 घंटें की अगर बात की जाए तो गढ़वाल मंडल की तुलना में कुमाऊं मंडल में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. इसमें मुख्य रूप से चंपावत, नैनीताल, मुक्तेश्वर और पंतनगर शामिल है.

चंपावत में 124 साल का टूटा रिकॉर्डः मौसम विज्ञान केंद्र के रिकॉर्ड के अनुसार चंपावत में अक्टूबर महीने में आखिरी बार साल 1897 में सबसे अधिक 389.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी, लेकिन बीते 24 घंटे में चंपावत में हुई 579 एमएम बारिश ने 124 साल के इस रिकॉर्ड को तोड़ डाला है.

ये भी पढ़ेंः नैनीताल की जिस सड़क पर सैलानी करते थे चहलकदमी, वहां दिख रहा सिर्फ पानी

नैनीताल में 401 एमएम बारिश दर्जः नैनीताल की बात करें तो अक्टूबर महीने में साल 1957 में सबसे अधिक 313.7 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी, लेकिन बीते 24 घंटे में हुई भारी बारिश ने नैनीताल के 1957 के इस रिकॉर्ड को तोड़ डाला है. बीते 24 घंटे के भीतर नैनीताल में 401 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई.

मुक्तेश्वर में हुई 340.8 एमएम बारिशः इसी तरह अगर बात मुक्तेश्वर की करें तो यहां साल 1914 में अक्टूबर माह में 254.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी, लेकिन बीते 24 घंटे में मुक्तेश्वर में 340.8 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई. जिसने 1957 के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.

पंतनगर में 403 एमएम बारिश दर्जः वहीं, अगर बात पंतनगर की करें तो बीते 24 घंटे में हुई बारिश ने 1990 में अक्टूबर महीने में हुई 228 एमएम बारिश के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों में पंतनगर में 403 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है.

ये भी पढ़ेंः आसमानी आफत थमी तो गुलजार हुए चारधाम यात्रा मार्ग, बदरीनाथ में अभी भी बाधा

उत्तराखंड में अगले 10 दिनों तक बारिश से राहतः मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक, प्रदेश में अगले 10 दिनों तक मौसम पूरी तरह से शुष्क और सामान्य बना रहेगा. ऐसे में घबराने वाली कोई बात नहीं है. जो पर्यटक उत्तराखंड का रुख करना चाहते हैं, वो आ सकते हैं.

कुमाऊं मंडल में बीते 24 घंटों में हुई भारी बारिश की वजह से अधिक नुकसान देखने को मिला है. ऐसे में कुमाऊं मंडल का रुख करने पर दिक्कतें पेश आ सकती हैं, लेकिन गढ़वाल मंडल में स्थितियां काफी हद तक सामान्य हैं तो पर्यटक कुमाऊं क्षेत्र के बजाय गढ़वाल क्षेत्र के भ्रमण के लिए सुरक्षित आ सकते हैं.

देहरादूनः उत्तराखंड में बारिश और बाढ़ जैसे हालातों से भारी तबाही हुई. इसमें 46 लोगों की जान भी गई. जबकि, अभी भी कई लापता हैं. वहीं, अगर बारिश की बात करें तो बीते 24 घंटे के भीतर हुई बारिश ने रिकॉर्ड भी तोड़े हैं. मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो बीते 24 घंटे में हुई इस बारिश ने नैनीताल, चंपावत और मुक्तेश्वर में 100 से 124 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

मॉनसून की विदाई के बाद पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से प्रदेश में भारी बारिश हुई, जो अपने साथ तबाही भी लाई. मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के मुताबिक अक्टूबर महीने के तीसरे हफ्ते में प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई. ऐसा मंजर करीब 100 से 120 सालों बाद देखने को मिला है.

जानकारी देते मौसम निदेशक विक्रम सिंह.

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बीते कुछ सालों में इस तरह की भारी बारिश अक्टूबर महीने में प्रदेश में अब तक देखने को नहीं मिली थी. बीते 24 घंटें की अगर बात की जाए तो गढ़वाल मंडल की तुलना में कुमाऊं मंडल में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. इसमें मुख्य रूप से चंपावत, नैनीताल, मुक्तेश्वर और पंतनगर शामिल है.

चंपावत में 124 साल का टूटा रिकॉर्डः मौसम विज्ञान केंद्र के रिकॉर्ड के अनुसार चंपावत में अक्टूबर महीने में आखिरी बार साल 1897 में सबसे अधिक 389.9 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी, लेकिन बीते 24 घंटे में चंपावत में हुई 579 एमएम बारिश ने 124 साल के इस रिकॉर्ड को तोड़ डाला है.

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नैनीताल में 401 एमएम बारिश दर्जः नैनीताल की बात करें तो अक्टूबर महीने में साल 1957 में सबसे अधिक 313.7 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई थी, लेकिन बीते 24 घंटे में हुई भारी बारिश ने नैनीताल के 1957 के इस रिकॉर्ड को तोड़ डाला है. बीते 24 घंटे के भीतर नैनीताल में 401 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई.

मुक्तेश्वर में हुई 340.8 एमएम बारिशः इसी तरह अगर बात मुक्तेश्वर की करें तो यहां साल 1914 में अक्टूबर माह में 254.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी, लेकिन बीते 24 घंटे में मुक्तेश्वर में 340.8 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई. जिसने 1957 के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है.

पंतनगर में 403 एमएम बारिश दर्जः वहीं, अगर बात पंतनगर की करें तो बीते 24 घंटे में हुई बारिश ने 1990 में अक्टूबर महीने में हुई 228 एमएम बारिश के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों में पंतनगर में 403 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है.

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उत्तराखंड में अगले 10 दिनों तक बारिश से राहतः मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक, प्रदेश में अगले 10 दिनों तक मौसम पूरी तरह से शुष्क और सामान्य बना रहेगा. ऐसे में घबराने वाली कोई बात नहीं है. जो पर्यटक उत्तराखंड का रुख करना चाहते हैं, वो आ सकते हैं.

कुमाऊं मंडल में बीते 24 घंटों में हुई भारी बारिश की वजह से अधिक नुकसान देखने को मिला है. ऐसे में कुमाऊं मंडल का रुख करने पर दिक्कतें पेश आ सकती हैं, लेकिन गढ़वाल मंडल में स्थितियां काफी हद तक सामान्य हैं तो पर्यटक कुमाऊं क्षेत्र के बजाय गढ़वाल क्षेत्र के भ्रमण के लिए सुरक्षित आ सकते हैं.

Last Updated : Oct 20, 2021, 6:57 PM IST
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