डोईवाला: दो दशक पहले तक कल-कल करती सुसुआ नदी ग्रामीणों की प्यास बुझाने के साथ-साथ सिंचाई के काम आती थी. लेकिन अब यह नदी बदहाली के आंसू बहा रही है. देहरादून से गंदगी और सीवर का पानी इस नदी में डाला जा रहा है और अब यह पानी सीवर में बदल चुका है. यही गंदा पानी फसलों में लगाया जा रहा है. जिससे फसलें खराब होने के साथ-साथ ग्रामीणों को कई रोग इस पानी से होने लगे हैं और अब ग्रामीण इस नदी के पानी को साफ करने के साथ ही झील बनाने की मांग कर रहे हैं. जिससे पानी तो साफ होगा ही टूरिज्म के क्षेत्र में भी नई पहचान मिलेगी.
पूर्व ग्राम प्रधान उमेद बोरा ने बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक कार्यक्रम में नदी के पानी को साफ कराने का वादा जनता से किया था. वे लच्छीवाला में जनता दरबार में मुख्यमंत्री को ग्रामीणों ने वादे को पूरा करने की याद दिलाई, लेकिन अभी भी धरातल पर कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है. ग्रमीणों का कहना है कि दूधली क्षेत्र और शिमलाश ग्रांट क्षेत्र बेहद खूबसूरत जगह है. एक तरफ राजाजी रिजर्व टाइगर पार्क है, तो दूसरी तरफ शिवालिक क्षेत्र है और बीच में सुसुआ नदी बह रही है, लेकिन गंदगी के चलते सुसुआ नदी अपनी पुरानी पहचान खोती जा रही है.
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ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मांग की है कि वह इस जगह को पर्यटन के रूप में विकसित करें और सुसुआ नदी पर झील का निर्माण करें. जिससे यह क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में विकसित हो और रोजगार के साधन उत्पन्न हो.