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परिवहन निगम में चालक और परिचालकों की नई विज्ञप्ति पर संगठन की तनी भौंहें, कर्मचारी मुखर

परिवहन निगम द्वारा चालक और परिचालकों की नियुक्त की विज्ञप्ति जारी करने के बाद उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन (Uttaranchal Roadways Employees Union) में आक्रोश बना हुआ है. यूनियन ने परिवहन निगम में रिक्त पदों से पहले कार्यरत 2968 कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की.उसके बाद ही आवश्यकता के अनुसार एजेंसी के द्वारा संविदा कर्मियों की नियुक्ति परिवहन निगम द्वारा की जाएं.

Uttarakhand Transport Corporation
उत्तराखंड परिवहन निगम
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Published : Apr 20, 2022, 9:58 AM IST

Updated : Apr 20, 2022, 12:31 PM IST

देहरादून: परिवहन निगम द्वारा चालक और परिचालकों की नियुक्त की विज्ञप्ति जारी करने के बाद उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन (Uttaranchal Roadways Employees Union) मुखर हो गया है. जिसको लेकर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन द्वारा विरोध करने का ऐलान किया है. वहीं परिवहन निगम में रिक्त पदों से पहले कार्यरत 2968 कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की.उसके बाद ही आवश्यकता के अनुसार एजेंसी के द्वारा संविदा कर्मियों की नियुक्ति परिवहन निगम द्वारा की जाएं. जिनके लिए भविष्य के लिए नियमितीकरण की योजना भर्ती के समय ही घोषित किया जाए और वर्तमान एजेंसी योजना को निरस्त किया जाए.

यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि एजेंसियां परिवहन निगम में पहले से कार्य कर रही है. जिनके द्वारा परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके परिवहन निगम को वित्तीय हानि पहुंचाई गई है. जिसकी जांच होने पर एजेंसियों और परिवहन निगम के अधिकारियों को दोषी पाया गया और उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर की गई,लेकिन अधिकारियों द्वारा साक्ष्य छिपाने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई. साथ ही परिवार निगम के अधिकारियों द्वारा परिवहन निगम को हुई वित्तीय हानि वसूलने के विपरीत एजेंसियों की सिक्योरिटी राशि भी वापस कर दी गई थी.

पढ़ें-देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना को पेयजल के क्षेत्र में मिला बेस्ट अवॉर्ड

साथ ही बताया कि पूर्व में कार्यरत एजेंसी द्वारा चालकों और परिचालकों की ईएसआई और ईपीएफ की धनराशि परिवहन निगम को से प्राप्त कर के संबंधित कोष में जमा नहीं कराई गई है. जिससे कर्मचारी और परिवहन निगम को वित्तीय हानि पहुंचाई गई. एजेंसी द्वारा वास्तविक किलोमीटर से अधिक किलोमीटर दर्शा कर वास्तविक भुगतान से अधिक भुगतान प्राप्त किया गया.जिसकी डिपो में जांच होने पर एजेंसी और परिवहन निगम के अधिकारियों को दोषी पाया गया था.उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि एजेंसी द्वारा आपूर्ति के गए चालक व परिचालकों के साथ आर्थिक और अन्य प्रकार का शोषण किया जाता है.

जिससे परिवहन निगम का संचालन प्रभावित होता है.जिसके चलते एजेंसी योजना परिवहन निगम के लिए आर्थिक हानि पहुंचाने वाली है.परिवहन निगम द्वारा चालकों और परिचालकों को देय मानदेय के अलावा कमीशन और सेवा कर 18 प्रतिशत भुगतान करना पड़ता है,जिससे परिवहन निगम पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ता है.

देहरादून: परिवहन निगम द्वारा चालक और परिचालकों की नियुक्त की विज्ञप्ति जारी करने के बाद उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन (Uttaranchal Roadways Employees Union) मुखर हो गया है. जिसको लेकर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन द्वारा विरोध करने का ऐलान किया है. वहीं परिवहन निगम में रिक्त पदों से पहले कार्यरत 2968 कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की.उसके बाद ही आवश्यकता के अनुसार एजेंसी के द्वारा संविदा कर्मियों की नियुक्ति परिवहन निगम द्वारा की जाएं. जिनके लिए भविष्य के लिए नियमितीकरण की योजना भर्ती के समय ही घोषित किया जाए और वर्तमान एजेंसी योजना को निरस्त किया जाए.

यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि एजेंसियां परिवहन निगम में पहले से कार्य कर रही है. जिनके द्वारा परिवहन निगम के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके परिवहन निगम को वित्तीय हानि पहुंचाई गई है. जिसकी जांच होने पर एजेंसियों और परिवहन निगम के अधिकारियों को दोषी पाया गया और उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर की गई,लेकिन अधिकारियों द्वारा साक्ष्य छिपाने के कारण कार्रवाई नहीं हो पाई. साथ ही परिवार निगम के अधिकारियों द्वारा परिवहन निगम को हुई वित्तीय हानि वसूलने के विपरीत एजेंसियों की सिक्योरिटी राशि भी वापस कर दी गई थी.

पढ़ें-देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना को पेयजल के क्षेत्र में मिला बेस्ट अवॉर्ड

साथ ही बताया कि पूर्व में कार्यरत एजेंसी द्वारा चालकों और परिचालकों की ईएसआई और ईपीएफ की धनराशि परिवहन निगम को से प्राप्त कर के संबंधित कोष में जमा नहीं कराई गई है. जिससे कर्मचारी और परिवहन निगम को वित्तीय हानि पहुंचाई गई. एजेंसी द्वारा वास्तविक किलोमीटर से अधिक किलोमीटर दर्शा कर वास्तविक भुगतान से अधिक भुगतान प्राप्त किया गया.जिसकी डिपो में जांच होने पर एजेंसी और परिवहन निगम के अधिकारियों को दोषी पाया गया था.उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अशोक चौधरी ने बताया कि एजेंसी द्वारा आपूर्ति के गए चालक व परिचालकों के साथ आर्थिक और अन्य प्रकार का शोषण किया जाता है.

जिससे परिवहन निगम का संचालन प्रभावित होता है.जिसके चलते एजेंसी योजना परिवहन निगम के लिए आर्थिक हानि पहुंचाने वाली है.परिवहन निगम द्वारा चालकों और परिचालकों को देय मानदेय के अलावा कमीशन और सेवा कर 18 प्रतिशत भुगतान करना पड़ता है,जिससे परिवहन निगम पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ता है.

Last Updated : Apr 20, 2022, 12:31 PM IST
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