देहरादून: उत्तराखंड पुलिस की महत्वपूर्ण इकाइयों में अहम भूमिका निभाने वाली स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को भी पुलिस मॉर्डनाइजेशन किया जा रहा है. जिसके तहत एडवांस टेक्नोलॉजी के दायरे में लाकर आधुनिक संसाधनों व उपकरणों से लैस कर और अधिक मजबूत करने की कवायद चल रही है. जहां एक ओर एसटीएफ के अधीन काम करने वाली एंटी ड्रग्स टीम को ऐसे हाईटेक यंत्र मुहैया कराए जा रहे हैं. जिसकी बदौलत किसी भी तरह नशा तस्करी को ट्रेस करना आसान हो जाएगा. वहीं दूसरी तरफ तेजी से मकड़जाल की तरह पांव पसार रहे साइबर क्राइम जैसे अपराध को ट्रैक करने के लिए ऐसे एडवांस हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिसके उपयोग से देश के अलग-अलग हिस्सों में संगठित साइबर अपराधियों को ट्रैक कर धर दबोचने में आसानी होगी.
व्हाट्सएप और वॉइस कॉलिंग डिटेक्ट करने के लिए संसाधन बढ़ाए जाएंगे
वर्तमान समय में शातिर अपराधी टेक्नॉलॉजी का सहारा लेकर व्हाट्सएप व वॉइस कॉलिंग जैसे माध्यमों का उपयोग कर थ्रेड- ब्लैकमेलिंग सहित कई तरह की संगीन अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड एसटीएफ को पहली बार व्हाट्सएप व वॉइस कॉलिंग जैसे आवाज की पहचान करने के साथ उनका डेटा एकत्र कर केस वर्कआउट करने वाले आधुनिक संसाधनों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है, क्योंकि अभी तक ऐसी कई वॉइस कॉल हैं जिसको ट्रैक कर आईडेंटिफाई करने की कोई सुविधा न होने के चलते संगीन अपराधी पुलिस के चंगुल से बच निकलते थे.
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अपराधिक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी हो सकेगा डिकोड
वहीं, कई तरह की टेक्नॉलॉजी और स्मार्टफोन जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करने वाले अपराधियों को डिकोड करने के लिए भी उत्तराखंड एसटीएफ को आधुनिक टेक्नॉलॉजी से लैस करने की तैयारी है. कई बार अंतरराष्ट्रीय संगठित गिरोह और कुख्यात अपराधियों को पकड़ने के बावजूद उनके स्मार्टफोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कई तरह के क्राइम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी को निकालना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अब इस तरह की एडवांस टेक्नॉलॉजी वाले इंस्टूमेंट और अन्य हार्डवेयर सॉफ्टवेयर संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे किसी भी क्राइम गिरोह के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को डिकोड करना आसान हो जाएगा.
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जेलों से उपयोग होने वाले मोबाइल सिम कार्ड ट्रैक कर क्राइम कुंडली का होगा पर्दाफाश
वहीं, जेलों में अपराधिक नेटवर्क चलाने के दौरान क्रिमिनल द्वारा इस्तेमाल होने वाले मोबाइल फोन व इंस्ट्रूमेंट सहित सिम कार्ड को डीकोड करने के लिए भी उत्तराखंड एसटीएफ को आधुनिक टेक्नॉलॉजी के इंस्ट्रूमेंट और संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि किसी भी तरह की मोबाइल और सिम कार्ड जो क्राइम करने के उपरांत फेंक दिए जाते हैं उनको समय रहते ट्रैक कर अपराधी की कुंडली को खंगाला जा सकेगा.
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एडवांस हाईटेक टेक्नोलॉजी से लैस होने के उपरांत एसटीएफ और मजबूत होगी: एसएसपी
वहीं, उत्तराखंड STF को स्मार्ट हाई मॉर्डनाइजेशन के तहत अपग्रेड करने की दिशा में नए वित्त वर्ष में कई तरह के आवश्यक संसाधनों को मुहैया कराने की कवायद चल रही है.एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक एसटीएफ न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर के संगठित अपराधों को ध्वस्त करने की कार्रवाई करता है, बल्कि एंटी ड्रग टॉस्क फोर्स और साइबर क्राइम जैसे हाईटेक अपराधों का नेतृत्व करता है. ऐसे में एसटीएफ के अधीन आने वाली विंग्स को आधुनिक संसाधनों से लैस करने के कई प्रस्ताव मुख्यालय द्वारा शासन में प्रचलित हैं,उम्मीद है इस नए वित्त वर्ष में एडवांस टेक्नॉलॉजी के तमाम संसाधनों से लैस होकर एसटीएफ और अधिक मजबूती से अपनी कार्रवाई को अंजाम देगी.