देहरादून: पावर बैंक एप से 350 करोड़ रुपए के अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड मामले में उत्तराखंड STF और साइबर क्राइम पुलिस की राष्ट्रीय स्तर पर धरपकड़ जारी है. इसी क्रम में उत्तराखंड STF ने तमिलनाडु में देर रात दबिश देकर दो आरोपियों को दबोचा है. इस कार्रवाई के दौरान तमिलनाडु के सालेम और इरोड जिले में कई लोगों से पूछताछ की गई है. इस दौरान पुलिस को कई डिजिटल सबूत हाथ लगे हैं.
एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस की टीम ने तमिलनाडु बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड मनी एक्ट के तहत गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को स्थानीय कोर्ट में पेश किया. कोर्ट से दोनों की 4 दिन की रिमांड मिल गई है. ऐसे में दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद पावर बैंक एप फ्रॉड से जुड़े नेटवर्क की जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई जारी है.
मामले की जांच के दौरान अब तक 30 बैकों को एसटीएफ ने सभी संबंधित बैंक प्रबंधकों और जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ विभागीय और कानूनी जांच के लिए पहले ही पत्र जारी कर दिया है. प्रकरण में 13 अभियुक्त प्रकाश में आए हैं. इसी क्रम में पुलिस टीम को अभियुक्तों की तलाश हेतु तमिलनाडु के जनपद सलेम, इरोड भेजा गया था. जहां से दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक इस मामले में पूरे देश में करीब 239 अभियोग विभिन्न राज्यों में पजीकृत हुए हैं. जिसमें पूरे देशभर में करीब 27 अभियुक्तों की गिरफ्तारी हो चुकी है. प्रकरण काफी गम्भीर एवं इसमें विदेशी नागरिकों/कम्पनियों के जुड़े होने के साक्ष्य प्राप्त होने के कारण राष्ट्रीय एजंसियों CBI, IB, ED आदि से भी समन्वय स्थापित कर सहयोग लिया जा रहा है, साथ ही अन्तराष्ट्रीय एजेंसियों से भी सम्पर्क स्थापित करने का प्रयास जारी है.
अभियोग में अभियुक्तों द्वारा प्रयोग किए गए एप के अतिरिक्त प्रकाश में आये अन्य संदिग्ध ऐप TopCheat, Hxpay, Godpay, Goldmaster, Gudsuapay, Easy Pay, immall2 के संबंध में साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे है.
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बता दें, पिछले दिनों उत्तराखंड एसटीएफ ने देशभर से लगभग साढ़े तीन सौ करोड़ रुपये से अधिक के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पावर बैंक एप के माध्यम से साइबर फ्रॉड मामले का खुलासा किया था. इस इंटरनेशनल गिरोह के सम्बंध में चाइना व हांगकांग से लेकर भारत के कई राज्यों में चलने वाले नेटवर्क के बारे में जानकारी सामने आई थी. उसी के क्रम में दिल्ली, कर्नाटक और अब तमिलनाडु जैसे राज्यों में छापेमारी कर अपराधियों धरपकड़ की कार्रवाई जारी है.
ये था पावर बैंक घोटाला: गूगल के प्ले स्टोर पर पावर बैंक एप की काफी चर्चा थी. लोग इसके 15 दिन में पैसे दोगुने करने के ऑफर के लालच में आ गए. अपने खून-पसीने की कमाई लोगों ने पावर बैंक एप के जरिए इन्वेस्ट कर दी. शुरुआती दौर में इसने कुछ लोगों को पैसा डबल करके दिया तो और लोग झांसे में आते गए. बाद में मोटी रकम जमा होते ही पावर बैंक एप के कर्ता-धर्ता रफूचक्कर हो गए. उत्तराखंड पुलिस का मानना है कि एप के जरिए 350 करोड़ के आसपास घोटाला किया गया है.
अपराध का तरीकाः अभियुक्तो द्वारा फर्जी एप व विभिन्न कम्पनियों के माध्यम से लोगों से पैसे/धनराशि धोखाधडी से प्राप्त की गयी व प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों/Shell Company में भेजा गया तथा विदेशी नागरिकों के कहने पर संदिग्ध बैंक खातों से Crypto Currency Exchanger Wazirx के माध्यम से पैसा भारत से बाहर भेजा गया. अभियुक्तों द्वारा लैपटॉप एवं विभिन्न मोबाइल नम्बर के माध्यम से इन Crypto Currency Exchanger का प्रयोग किया जाता था.
विवेचना में गहनता से तथ्यो को देखा जा रहा है और अपराध में सलिप्त अपराधियों के विरुद्व साक्ष्य संकलन के बाद वैधानिक कार्यवाही की जा रही है. प्रकरण में यह तथ्य भी चौकाने वाला प्रकाश में आया कि अभियुक्तों द्वारा धोखाधड़ी से धनराशि प्राप्त कर उक्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में ट्रासफर कर देश से बाहर भेजा जा रहा है, जो मनी लॉड्रिंग के अन्तर्गत भी दण्डनीय है.