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अब 60 फीसदी घनत्व वाले को माना जाएगा वन क्षेत्र, आदेश जारी

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Published : Nov 24, 2019, 7:13 AM IST

Updated : Nov 24, 2019, 7:36 AM IST

उत्तराखंड में राज्य सरकार ने वनों की परिभाषा को बदलते हुए वृक्षों के कटान को लेकर नियमों में शिथिलता कर दी है. नए मानकों के अनुसार अब प्रदेश में कई वन क्षेत्र वन परिधि से बाहर हो जाएंगे.

नए नियमों की जानकारी देते वन मंत्री हरक सिंह रावत.

देहरादून: उत्तराखंड में राज्य सरकार ने वनों की परिभाषा को बदलते हुए वृक्षों के कटान को लेकर नियमों में शिथिलता कर दी है. राज्य सरकार की तरफ से आदेश जारी होने के बाद नए मानकों के अनुसार अब प्रदेश में कई वन क्षेत्र वन परिधि से बाहर हो जाएंगे. शासनादेश के अनुसार 10 हेक्टेयर या उससे अधिक का सघन क्षेत्र और गोलाकार डेंसियोमीटर से मापने पर जिसका वितान घनत्व 60 प्रतिशत से अधिक होगा, उसे ही वन माना जाएगा.

नए नियमों की जानकारी देते वन मंत्री हरक सिंह रावत.

प्रदेश में कई वन क्षेत्रों को वन परिधि से बाहर लाने के लिए नए मानक तय किये गए हैं. शासनादेश के अनुसार 10 हेक्टेयर या उससे अधिक का सघन क्षेत्र और गोलाकार डेंसियोमीटर से मापने पर जिसका वितान घनत्व 60 प्रतिशत से अधिक होगा, उसे ही वन माना जाएगा.

पढ़ें: चारधाम यात्रा के सफल आयोजन पर पर्यटन मंत्री ने की खुशी जाहिर, पीएम मोदी को कहा शुक्रिया

नए आदेश के अनुसार 10 हेक्टेयर या उससे अधिक के सघन क्षेत्र के साथ 75 प्रतिशत से अधिक देशी वृक्ष प्रजातियां हो तथा गोलाकार डेंसीयोमीटर से मापने पर जिसका वितान घनत्व 60% से अधिक होने पर हीं वन की श्रेणी में रखा जाएगा.

किसी भी आकार और प्रजातियों के बाग को वन की परिभाषा से बाहर रखा जाएगा. साथ ही फलों के बागान को वन नहीं माना जाएगा और 10 हेक्टेयर से कम के जंगल वन की परिधि से बाहर हो जाएंगे. बता दें कि पहाड़ी क्षेत्रों में 10 हेक्टेयर से ज्यादा के बेहद कम वन है, ऐसे में प्रदेश के कई क्षेत्रों में वृक्षों के कटान को लेकर मंजूरी मिलना बेहद आसान हो जाएगा.

वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि विकास कार्यों के लिए कई बार ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं. ऐसे में तमाम योजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि यह फैसला पिछली कैबिनेट में लिया गया था. जिसके बाद अब शासनादेश जारी किया गया.

देहरादून: उत्तराखंड में राज्य सरकार ने वनों की परिभाषा को बदलते हुए वृक्षों के कटान को लेकर नियमों में शिथिलता कर दी है. राज्य सरकार की तरफ से आदेश जारी होने के बाद नए मानकों के अनुसार अब प्रदेश में कई वन क्षेत्र वन परिधि से बाहर हो जाएंगे. शासनादेश के अनुसार 10 हेक्टेयर या उससे अधिक का सघन क्षेत्र और गोलाकार डेंसियोमीटर से मापने पर जिसका वितान घनत्व 60 प्रतिशत से अधिक होगा, उसे ही वन माना जाएगा.

नए नियमों की जानकारी देते वन मंत्री हरक सिंह रावत.

प्रदेश में कई वन क्षेत्रों को वन परिधि से बाहर लाने के लिए नए मानक तय किये गए हैं. शासनादेश के अनुसार 10 हेक्टेयर या उससे अधिक का सघन क्षेत्र और गोलाकार डेंसियोमीटर से मापने पर जिसका वितान घनत्व 60 प्रतिशत से अधिक होगा, उसे ही वन माना जाएगा.

पढ़ें: चारधाम यात्रा के सफल आयोजन पर पर्यटन मंत्री ने की खुशी जाहिर, पीएम मोदी को कहा शुक्रिया

नए आदेश के अनुसार 10 हेक्टेयर या उससे अधिक के सघन क्षेत्र के साथ 75 प्रतिशत से अधिक देशी वृक्ष प्रजातियां हो तथा गोलाकार डेंसीयोमीटर से मापने पर जिसका वितान घनत्व 60% से अधिक होने पर हीं वन की श्रेणी में रखा जाएगा.

किसी भी आकार और प्रजातियों के बाग को वन की परिभाषा से बाहर रखा जाएगा. साथ ही फलों के बागान को वन नहीं माना जाएगा और 10 हेक्टेयर से कम के जंगल वन की परिधि से बाहर हो जाएंगे. बता दें कि पहाड़ी क्षेत्रों में 10 हेक्टेयर से ज्यादा के बेहद कम वन है, ऐसे में प्रदेश के कई क्षेत्रों में वृक्षों के कटान को लेकर मंजूरी मिलना बेहद आसान हो जाएगा.

वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि विकास कार्यों के लिए कई बार ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं. ऐसे में तमाम योजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि यह फैसला पिछली कैबिनेट में लिया गया था. जिसके बाद अब शासनादेश जारी किया गया.

Intro:एक्सक्लूसिव ऑर्डर ....by सेक्रेटेरिएट

*विसुअल में आदेश की कॉपी भी भेजी है...*

summary- उत्तराखंड में राज्य सरकार ने वनों की परिभाषा को बदलते हुए वृक्षों के कटान को लेकर नियमों में शिथिलता कर दी है.. नए मानकों के अनुसार अब प्रदेश में कई वन क्षेत्र वन परिधि से बाहर हो जाएंगे...एक्सक्लूसिव रिपोर्ट...


Body:राज्य सरकार ने हाल ही में गुपचुप रूप से एक आदेश जारी किया है.. जिसमें वनों की परिभाषा को बदल दिया गया है.. यानी कई वन क्षेत्रों को वन परिधि से बाहर लाने के लिए नए मानक तय किये गए हैं.. शासनादेश के अनुसार वन के रूप में अधिसूचित या उल्लेखित वन क्षेत्र जो 10 हेक्टेयर या उससे अधिक का सघन क्षेत्र है, और गोलाकार डेंसियोमीटर से मापने पर जिसका वितान घनत्व 60% से अधिक हो को ही वन माना जाएगा.. आदेश में आगे लिखा है कि अधिसूचित या उल्लेखित वन के अतिरिक्त किसी भी स्वामित्व के अन्य क्षेत्र जिसमें 10 हेक्टेयर या उससे अधिक के सघन क्षेत्र के साथ 75% से अधिक देशी वृक्ष प्रजातियां हो तथा गोलाकार डेंसीयोमीटर से मापने पर जिसका वितान घनत्व 60% से अधिक हो को वन माना जाएगा, लेकिन किसी भी आकार और प्रजातियों के बाग को वन की परिभाषा से बाहर रखा जाएगा...

यानी फलों के बागान को वन नहीं माना जाएगा और 10 हेक्टेयर से कम के जंगल वन की परिधि से बाहर हो जाएंगे... खास बात यह है कि पहाड़ी क्षेत्रों में 10 हेक्टेयर से ज्यादा के बेहद कम वन है... ऐसे में प्रदेश के कई क्षेत्रों में वृक्षों के कटान को लेकर मंजूरी मिलना बेहद आसान हो जाएगा... वन मंत्री हरक सिंह रावत बताते हैं कि विकास कार्यों के लिए कई बार ऐसे निर्णय लेने पड़ते हैं, और तमाम योजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता भी है... ऐसे में पिछली कैबिनेट में इस निर्णय को लिया गया था, और अब उसका शासनादेश हो गया है।।

बाइट हरक सिंह रावत वन मंत्री उत्तराखंड


Conclusion:
Last Updated : Nov 24, 2019, 7:36 AM IST
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