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विदेशों की तर्ज पर रोप-वे योजना को लगेंगे पंख, पर्यटन विभाग ने तैयार किया खाका

उत्तराखंड सरकार ने विदेशों की तर्ज पर मसूरी-देहरादून रोप-वे निर्माण का खाका तैयार कर लिया है. इस रोपवे को फ्रांस और इंडियन की कंपनी के कॉलेब्रेशन से यह रोप-वे बनाया जा रहा है.

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Published : Aug 25, 2019, 3:28 PM IST

Updated : Aug 26, 2019, 5:26 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार सैलानियों को आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इसी क्रम में पर्यटन विभाग बोलिविया और मैक्सिको में संचालित होने वाले मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की तरह ही उत्तराखंड में संचालित की जा रही रोप-वे प्रणाली को बढ़ावा देने की कोशिश में जुट गई है, जिससे ज्यादा से ज्यादा पर्यटक उत्तराखंड का ओर रुख कर सकें. हालांकि, पर्यटन विभाग देहरादून से मसूरी तक रोप-वे को हाईटेक रूप से बेहतर बनाने के साथ ही केदारनाथ रोप-वे, नैनीताल रोप-वे और यमुनोत्री में भी अब रोप-वे बनाने का खाका तैयार कर चुका है.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर

उत्तराखंड राज्य सरकार ऐसे बड़े रोप-वे पर काम कर रहा है, जिनकी कैपेसिटी बहुत ज्यादा है, जिसमें 1 घंटे में करीब एक हजार लोग जा सकें. इसी क्रम में मसूरी-देहरादून रोप-वे की सारी औपचारिकता पूरी कर ली गई हैं और कंपनी को ट्रांसफर कर दी गईं है. सिर्फ एग्रीमेंट पर साइन होने बाकी है. हालांकि, फ्रांस के टेक्नीशियन उत्तराखंड आकर इन जगहों का सर्वे भी कर चुकी हैं. इसके साथ ही टेक्निकल इस्टीमेट भी बना लिया है और आगामी 3-4 महीने में इसका कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा.

पढ़ें- गंगोत्री में पांडव नृत्य और रासो के साथ धूमधाम से मनाई जन्माष्टमी

करीब 300 करोड़ की लागत से बनने वाले मसूरी-देहरादून रोप-वे की लंबाई करीब 5.5 किलोमीटर की है और इस रोप-वे को फ्रांस और इंडियन की कंपनी के कॉलेब्रेशन से यह रोपवे बनाया जा रहा है. इस रोप-वे के बन जाने से देहरादून से मसूरी जाने वाले सैलानी मात्र 16 मिनट में मसूरी पहुंच सकेंगे. इस तरह एक घंटे में करीब 1 एक हजार सैलानी मसूरी पहुंच सकेंगे और उतने ही सैलानी मसूरी से देहरादून आ चुके हैं. रोप-वे बनने जाने के बाद सैलानियों को जाम से निजात मिल सकेगी. साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव भी ले पाएंगे. इस रोप-वे का निर्माण कार्य आगामी 3-4 महीने में शुरू हो जाएगा और 2 साल में यह रोप-वे बनकर तैयार हो जाएगा.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रदेश में कई और जगह भी रोप-वे के लिए सिस्टम डेवेलप किया गया है. नैनीताल रोप-वे को एडवर्टाइज करना है, यमुनोत्री रोप-वे के लिए टेंडर प्रक्रिया को प्रकाशित करने की तैयारी चल रही है. केदारनाथ में रोप-वे बनाने के लिए अभी सर्वे की प्रक्रिया पूरी हुई है. उन्होंने बताया कि सरकार भी पूरी मदद कर रही है. लिहाजा, जल्दी इन सभी रोप-वे पर काम शुरू हो जाएगा.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार सैलानियों को आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इसी क्रम में पर्यटन विभाग बोलिविया और मैक्सिको में संचालित होने वाले मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की तरह ही उत्तराखंड में संचालित की जा रही रोप-वे प्रणाली को बढ़ावा देने की कोशिश में जुट गई है, जिससे ज्यादा से ज्यादा पर्यटक उत्तराखंड का ओर रुख कर सकें. हालांकि, पर्यटन विभाग देहरादून से मसूरी तक रोप-वे को हाईटेक रूप से बेहतर बनाने के साथ ही केदारनाथ रोप-वे, नैनीताल रोप-वे और यमुनोत्री में भी अब रोप-वे बनाने का खाका तैयार कर चुका है.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर

उत्तराखंड राज्य सरकार ऐसे बड़े रोप-वे पर काम कर रहा है, जिनकी कैपेसिटी बहुत ज्यादा है, जिसमें 1 घंटे में करीब एक हजार लोग जा सकें. इसी क्रम में मसूरी-देहरादून रोप-वे की सारी औपचारिकता पूरी कर ली गई हैं और कंपनी को ट्रांसफर कर दी गईं है. सिर्फ एग्रीमेंट पर साइन होने बाकी है. हालांकि, फ्रांस के टेक्नीशियन उत्तराखंड आकर इन जगहों का सर्वे भी कर चुकी हैं. इसके साथ ही टेक्निकल इस्टीमेट भी बना लिया है और आगामी 3-4 महीने में इसका कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा.

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करीब 300 करोड़ की लागत से बनने वाले मसूरी-देहरादून रोप-वे की लंबाई करीब 5.5 किलोमीटर की है और इस रोप-वे को फ्रांस और इंडियन की कंपनी के कॉलेब्रेशन से यह रोपवे बनाया जा रहा है. इस रोप-वे के बन जाने से देहरादून से मसूरी जाने वाले सैलानी मात्र 16 मिनट में मसूरी पहुंच सकेंगे. इस तरह एक घंटे में करीब 1 एक हजार सैलानी मसूरी पहुंच सकेंगे और उतने ही सैलानी मसूरी से देहरादून आ चुके हैं. रोप-वे बनने जाने के बाद सैलानियों को जाम से निजात मिल सकेगी. साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव भी ले पाएंगे. इस रोप-वे का निर्माण कार्य आगामी 3-4 महीने में शुरू हो जाएगा और 2 साल में यह रोप-वे बनकर तैयार हो जाएगा.

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रदेश में कई और जगह भी रोप-वे के लिए सिस्टम डेवेलप किया गया है. नैनीताल रोप-वे को एडवर्टाइज करना है, यमुनोत्री रोप-वे के लिए टेंडर प्रक्रिया को प्रकाशित करने की तैयारी चल रही है. केदारनाथ में रोप-वे बनाने के लिए अभी सर्वे की प्रक्रिया पूरी हुई है. उन्होंने बताया कि सरकार भी पूरी मदद कर रही है. लिहाजा, जल्दी इन सभी रोप-वे पर काम शुरू हो जाएगा.

Intro:प्रदेश की त्रिवेंद्र सरकार उत्तराखंड में देश-विदेश के सैलानियों को आकर्षित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है इसी क्रम में पर्यटन महकमा बोलिविया के लापॉज शहर और मैक्सिको शहर में संचालित होने वाले मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम की तरह ही उत्तराखंड में संचालित की जा रही रोपवे प्रणाली को बढ़ावा देने की कोशिश करने की कवायद में जुट गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक उत्तराखंड का ओर रुख कर सकें। हालांकि पर्यटन विभाग देहरादून से मसूरी में रोपवे को हाईटेक रूप से बेहतर बनाने के साथ ही केदारनाथ रोपवे, नैनीताल रोपवे और यमुनोत्री में भी अब रोपवे लगाने का खाका तैयार किया जा चुका है। 



Body:उत्तराखंड राज्य सरकार ऐसे बड़े रोपवेज पर काम कर रहा है जिनकी कैपेसिटी बहुत ज्यादा है जिसमें 1 घंटे में करीब एक हजार लोग जा सकें। इसी क्रम में मसूरी-देहरादून रोपवे अवर्ड हो गया है। साथ ही मसूरी-देहरादून रोपवे की सारी औपचारिकता पूर्ण हो गयी है और कंपनी को भी ट्रांसफ़र कर दी गयी है। लेकिन अभी एग्रीमेंट पर साइन होने बाकी है। हालांकि फ्रांस के टेक्नीशियन उत्तराखंड आकर इन जगहों का सर्वे भी कर चुकी हैं। इसके साथ ही टेक्निकल इस्टीमेट भी बना लिया है और आगामी 3-4 महीने में इसका कार्य भी प्रारंभ हो जाएगा। 


करीब 300 करोड़ की लागत से बनने वाले मसूरी-देहरादून रोपवे की लंबाई करीब 5.5 किलोमीटर की है और इस रोपवे को फ्रांस और इंडियन की कंपनी के कॉलेब्रेशन से यह रोपवे बनाया जा रहा है। इस रोपवे के बन जाने से देहरादून से मसूरी जाने वाले सैलानी मात्र 16 मिनट में मसूरी पहुच जाएंगे। और एक घंटे में करीब 1 एक हज़ार सैलानी एक तरह से जा सकेंगे और उतने ही सैलानी दूसरे तरफ से वापिस आ सकेंगे। लिहाज इस रोपवे के बन जाने के बाद सैलानियों को जाम में फसने की नौबत नही आयेगी साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव भी ले पाएंगे।हालांकि इस रोपवे का निर्माण कार्य आगामी 3-4 महीने में शुरू हो जाएगा, साथ ही अगले 2 साल में यह रोपवे बनकर तैयार हो जाएगा। 


पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि प्रदेश में कई और जगह भी रोपवेज के लिए सिस्टम डेवेलप किया गया है। नैनीताल रोपवे को एडवर्टाइज करना है, यमुनोत्री रोपवे के लिए टेंडर प्रक्रिया को प्रकाशित करने की तैयारी चल रही है। और केदारनाथ में रोपवे बनाने के लिए अभी सर्वे की प्रक्रिया पूरी हुई है। इसके साथ ही आगामी एक दो महीने में यह सभी रोपवे प्रकाशित कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में लोगों की काफी रुचि भी है और सरकार भी पूर्ण रूप से मदद कर रही है लिहाजा जल्दी इन सभी रोपवे पर काम शुरू हो जाएगा।

बाइट - दिलीप जावलकर, पर्यटन सचिव


Conclusion:
Last Updated : Aug 26, 2019, 5:26 PM IST
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