देहरादूनः उत्तराखंड वन विकास निगम के कार्यालय में आज अहम बैठक हुई. बैठक में विभागीय मंत्री सुबोध उनियाल, प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु समेत तमाम बड़े अधिकारी भी शामिल हुए. इस दौरान विभिन्न कर्मचारी संगठनों की मांगों को लेकर विचार किया गया. साथ ही कर्मचारियों की मांगों पर हर संभव प्रयास कर उन्हें पूरा करने की बात भी कही गई. इसके अलावा अवैध पेड़ों के कटान मामले पर एसआईटी जांच कराने की जानकारी भी दी गई.
अंधाधुंध पेड़ों की कटाई मामले पर एसआईटी जांच के आदेशः उत्तराखंड वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश में पिछले दिनों अवैध रूप से पेड़ काटे जाने और गड़बड़ी के कुछ मामले सामने आए हैं. इनमें लालकुआं डिपो में हुई गड़बड़ी मामले पर जहां पुलिस की ओर से एसआईटी जांच कराए जाने का फैसला लिया गया है तो वहीं पुरोला और चकराता में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने पर विभागीय एसआई (SIT) की जांच करने के आदेश दिए गए हैं.
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आज वन विकास निगम मुख्यालय में उत्तराखंड वन विकास निगम कर्मचारी संगठन के पदाधिकारीगण के साथ विभिन्न मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा हुई। pic.twitter.com/hLvoJ4LcxV
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दरअसल, लालकुआं डिपो में लकड़ी की नीलामी घोटाले के मामले में पूर्व में चार कर्मचारी निलंबित किए जाने के आदेश दिए गए थे. साथ ही लालकुआं कोतवाली में भी मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया था. जानकारी के मुताबिक, लालकुआं डिपो में नीलामी की लकड़ी की बिक्री में ठेकेदार और कर्मचारियों की मिलीभगत से धांधली को अंजाम दिया गया. जिसके तहत करीब 9 लाख रुपए की धांधली का मामला सामने आया था.
इसमें पाया गया कि नीलामी की निर्धारित कीमत से कम रकम का बिल बनाकर सरकारी धन का गबन किया गया. प्रकरण सामने आने के बाद तीन कर्मचारियों को निलंबित करने के आदेश दिए गए. हालांकि, अब इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की ओर से एसआईटी जांच कराए जाने का फैसला लिया गया है.
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इसी तरह चकराता और पुरोला में पिछले दिनों काफी मात्रा में अवैध रूप से पेड़ काटे जाने का मामला सामने आया था. इस मामले में पुरोला में तो डीएफओ, प्रभारी एसडीओ और रेंजर्स तक भी सस्पेंड किए गए. उधर, दूसरी तरफ चकराता वन विभाग में भी बड़े पैमाने पर पेड़ों पर आरियां चलाने का मामला सामने आया. इसके चलते कई कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया. जबकि, डीएफओ का तबादला कर दिया गया.
![Forest Development Corporation Uttarakhand](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/04-10-2023/19683114_subodh.jpg)
वहीं, आज बैठक में कर्मचारी संगठनों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि चकराता क्षेत्र में इस जांच के कारण वन विकास निगम के पास मौजूद 50000 से ज्यादा स्लीपर की निकासी पर रोक लग गई है. जिसके कारण उनके खराब होने का संकट बना हुआ है. ऐसे में उनकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर उनकी निकासी के निर्देश दिए जाएं.
कर्मचारियों की इस मांग पर वन मंत्री सुबोध उनियाल ने वन विकास निगम और वन विभाग के शीर्ष अधिकारी की ओर से इस पर फैसला लेने के निर्देश दिए. वहीं, वन विकास निगम कर्मचारी संघ और उत्तराखंड वन विकास निगम कर्मचारी संगठन ने विभिन्न मामलों को लेकर निगम के कर्मचारियों पर हो रही कार्रवाई को पारदर्शी करने की बात कही.