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गणेश गोदियाल की दो टूक, सत्ता में आए तो हर उस कानून को समाप्त करेंगे जो जनता नहीं चाहती - land law demand in uttarakhand

उत्तराखंड में पिछले कई महीनों से सशक्त भू-कानून लागू करने और देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग उठ रही है. इसको लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने अपना रुख साफ किया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में गोदियाल ने अपनी राय बेबाकी से रखी. गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के बाद हर उस कानून की समीक्षा करेगी और समाप्त करेगी, जो जनता नहीं चाहती.

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भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड
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Published : Aug 18, 2021, 4:45 PM IST

देहरादून: 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल पूरे दमखम से चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने कांग्रेस की रणनीति और चुनावी मुद्दों को लेकर उनसे खास बातचीत की. मौजूदा समय में सशक्त भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग सहित कई मुद्दों पर उन्होंने बड़ी बेबाकी से अपनी राय रखी.

चुनावी मुद्दे: 2022 में बहुत सारे ऐसे चुनावी मुद्दे होंगे, जो पहाड़ की मौजूदा समय में सबसे बड़ी जरूरत और मांग हैं. इनमें रोजगार, पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा, सशक्त भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड जैसे बड़े मुद्दे शामिल हैं. वहीं, पिछले कुछ महीनों से प्रदेश में भू-कानून की मांग और तीर्थ पुरोहितों द्वारा देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के लिए लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं.

भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड पर कांग्रेस का रुख

भू-कानून पर कांग्रेस का स्टैंड: ये मुद्दा निश्चित तौर पर न सिर्फ सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही है, बल्कि आने वाले समय में यह बड़ा चुनावी मुद्दा होने वाला है. इसको भांपते हुए कांग्रेस इस मुद्दे को अपने हाथ से जाने देने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी इन दो मुद्दों पर सरकार को घेरते नजर आए. गोदियाल ने भाजपा सरकार को घोषणाओं की सरकार बताते हुए कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर हमारा स्टैंड बिल्कुल क्लीयर है.

ये भी पढ़ें: 'जहाज डूबता है तो सफल तैराक सुरक्षित जगह पर चले जाते हैं, ऐसा ही भाजपा के साथ होगा'

जनविरोधी कानून नहीं चाहिए: गणेश गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के बाद हर उस कानून की समीक्षा करेगी और समाप्त करेगी, जो जनता नहीं चाहती. जो कानून जिस वर्ग के लिए बना है, लेकिन वह वर्ग उसे नहीं चाहता तो वह कानून नहीं चलेगा. वहीं, भू-कानून को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार ने कानून ही वह बनाए हैं, जिनका जनता विरोध कर रही है. जनता को ये कानून नहीं चाहिए.

6 महीने में बीजेपी का चैन छिनेगा: भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड के अलावा केंद्र के कृषि कानून भी ऐसे ही हैं, जिनका लोग विरोध कर रहे हैं. सरकार की गलत नीतियों को लेकर पूरा देश आंदोलित है. ऐसे में जनता खुश नहीं है. सिर्फ भाजपा सरकार के नेता सुखी हैं. अगले 6 महीने बाद भाजपा नेताओं का भी सुख-चैन छिनने वाला है.

देहरादून: 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल पूरे दमखम से चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने कांग्रेस की रणनीति और चुनावी मुद्दों को लेकर उनसे खास बातचीत की. मौजूदा समय में सशक्त भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड भंग करने की मांग सहित कई मुद्दों पर उन्होंने बड़ी बेबाकी से अपनी राय रखी.

चुनावी मुद्दे: 2022 में बहुत सारे ऐसे चुनावी मुद्दे होंगे, जो पहाड़ की मौजूदा समय में सबसे बड़ी जरूरत और मांग हैं. इनमें रोजगार, पलायन, स्वास्थ्य, शिक्षा, सशक्त भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड जैसे बड़े मुद्दे शामिल हैं. वहीं, पिछले कुछ महीनों से प्रदेश में भू-कानून की मांग और तीर्थ पुरोहितों द्वारा देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के लिए लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं.

भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड पर कांग्रेस का रुख

भू-कानून पर कांग्रेस का स्टैंड: ये मुद्दा निश्चित तौर पर न सिर्फ सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही है, बल्कि आने वाले समय में यह बड़ा चुनावी मुद्दा होने वाला है. इसको भांपते हुए कांग्रेस इस मुद्दे को अपने हाथ से जाने देने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी इन दो मुद्दों पर सरकार को घेरते नजर आए. गोदियाल ने भाजपा सरकार को घोषणाओं की सरकार बताते हुए कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर हमारा स्टैंड बिल्कुल क्लीयर है.

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जनविरोधी कानून नहीं चाहिए: गणेश गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के बाद हर उस कानून की समीक्षा करेगी और समाप्त करेगी, जो जनता नहीं चाहती. जो कानून जिस वर्ग के लिए बना है, लेकिन वह वर्ग उसे नहीं चाहता तो वह कानून नहीं चलेगा. वहीं, भू-कानून को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार ने कानून ही वह बनाए हैं, जिनका जनता विरोध कर रही है. जनता को ये कानून नहीं चाहिए.

6 महीने में बीजेपी का चैन छिनेगा: भू-कानून और देवस्थानम बोर्ड के अलावा केंद्र के कृषि कानून भी ऐसे ही हैं, जिनका लोग विरोध कर रहे हैं. सरकार की गलत नीतियों को लेकर पूरा देश आंदोलित है. ऐसे में जनता खुश नहीं है. सिर्फ भाजपा सरकार के नेता सुखी हैं. अगले 6 महीने बाद भाजपा नेताओं का भी सुख-चैन छिनने वाला है.

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