देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना कर्फ्यू को अगले एक हफ्ते के लिए और बढ़ाया गया है. जो 15 जून तक जारी रहेगा. हालांकि, कोविड के कम होते मामलों को देखते हुए कुछ ढील दी गई है, लेकिन प्रदेश में सरकार की नई गाइडलाइन का तीखा विरोध शुरू हो गया है. व्यापारी वर्ग इस ढील से संतुष्ट नहीं हैं. उन्हें उम्मीद थी कि सरकार इस बार कुछ राहत देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिसे लेकर व्यापारियों ने विरोध-प्रदर्शन और तेज कर दिया है.
बता दें कि सरकार की ओर से जारी हुई एसओपी (SOP) का व्यापारी वर्ग ने विरोध शुरू कर दिया है. व्यापारियों का कहना है कि राज्य सरकार ने नई एसओपी जारी कर शराब कारोबारियों को तो छूट दे दी है, लेकिन छोटे व्यापारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है. व्यापारियों ने नई गाइडलाइन का विरोध करते हुए सरकार से इसे वापस लेने की मांग की है. वहीं, व्यापारियों का कांग्रेस ने भी अपना समर्थन देते विरोध प्रदर्शन किया.
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देहरादून में कांग्रेसियों ने व्यापारी वर्ग का उत्पीड़न बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया. कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा और व्यापारियों ने राजीव भवन परिसर में राज्य सरकार का पुतला दहन करते हुए नई गाइडलाइन को वापस लिए जाने की मांग की. साथ ही राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर आक्रोश व्यक्त किया.
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार लगातार गलत फैसले लेने में लगी हुई है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में सरकार आम जनमानस और व्यापारियों को राहत देने में पूरी तरह विफल साबित हुई है. उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली समेत अन्य राज्यों में वहां की सरकारें व्यापारियों को छूट प्रदान कर रही है, लेकिन उत्तराखंड में व्यापारियों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है.
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काशीपुर में व्यापार मंडल ने सरकार का फुतला फूंका
कोरोना संक्रमण लगातार घटने के बाद भी सरकार की ओर से व्यापारियों को कोई राहत न दिए जाने से नाराज व्यापारियों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है. काशीपुर में भी प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल ने प्रदेश सरकार का पुतला दहन कर बाजार खोलने की मांग की. व्यापारियों का कहना है कि बीते लंबे समय से बाजार बंद होने से तमाम व्यापारी भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं, लेकिन सरकार उनकी परेशानियों को नजर अंदाज कर रही है.
रुद्रप्रयाग में व्यापारियों का जोरदार प्रदर्शन
रुद्रप्रयाग में भी व्यापारियों ने मुख्य बाजार में प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सरकार का पुतला दहन करते हुए विरोध जताया. व्यापारियों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की. उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष अंकुर खन्ना और नगर अध्यक्ष चंद्रमोहन सेमवाल ने कहा कि दुकानें बंद होने से व्यापारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. अब तो नौबत और भी खराब हो गए हैं. एक ओर बैंकों का ऋण देने की चिंता है तो दूसरी ओर घर का खर्चा चलाना भी मुश्किल हो गया है.
ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट चौक व्यापारियों का दिखा आक्रोश
कोरोना काल मे बाजार खोलने के लिए छूट नहीं मिलने से व्यापारी भड़क गए हैं. व्यापारियों ने त्रिवेणी घाट चौक पर सरकार का पुतला फूंक अपना रोष जताया. व्यापारियों ने आरोप लगाया कि सरकार व्यापारी हितों के लिए गंभीर नहीं है. लगातार व्यापारियों की मदद के स्थान पर उत्पीड़न किया जा रहा है. उनकी सरकार से सिर्फ इतनी ही मांग है कि व्यापारी हित में आधे दिन बाजार खोलने की छूट दी जाए. इसमें भी ऑल इन वन का फार्मूला सरकार अपना सकती है.
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उत्तरकाशी में व्यापारियों ने बजाए थाली
उत्तरकाशी में जिला व्यापार संघ समेत नगर व्यापार मंडल और उनके समर्थन में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े होटल एसोसिएशन के लोग हनुमान चौक पर एकत्रित हुए. जहां पर थालियां बजाकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और काबीना मंत्री सुबोध उनियाल के खिलाफ नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज करवाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार व्यापारियों के साथ अन्याय कर रही है. कुछ दुकानों को सीमित समय मे खोलने की अनुमति दी जा रही है तो कई दुकानें दो साल से बंद पड़ी हुई है.
खटीमा में कल से खुलेंगी दुकानें
खटीमा व्यापार मंडल ने खटीमा एसडीएम को ज्ञापन सौंपते हुए जल्द दुकानें खोलने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर शासन प्रशासन उनकी मांगों को अनसुना करता है तो वह सरकार की गाइडलाइन को तोड़ सभी दुकानों को खोलने पर मजबूर हो जाएंगे. चाहे इस कार्य के लिए उन्हें जेल भी जाना क्यों न पड़े.
रुड़की में भी व्यापारियों का प्रदर्शन
कोरोना कर्फ्यू की नई गाइडलाइन में छूट नहीं देने से नाराज व्यापारियों ने बड़ी संख्या में सिविल लाइन कोतवाली पहुंचकर कोतवाली का घेराव किया है. प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने कोविड कर्फ्यू में व्यापारियों को किसी तरह की छूट नहीं दी है. जबकि कोरोना का ग्राफ काफी घट चुका है. व्यापारियों का कहना है कि कोविड कर्फ्यू के चलते व्यापार बन्द है, जिस कारण व्यापारियों को परिवार के भरणपोषण में दिक्कतें आ रही हैं. ऐसे में उत्तराखंड सरकार को भी व्यापारियों का हित देखते हुए उन्हें राहत देनी चाहिए.