देहरादून: प्रदेश सरकार ने एक जुलाई से प्रदेश स्तर के साथ ही 25 जुलाई से अन्य राज्यों के लिए उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू कर दी थी. हालांकि, एक जुलाई से ही चारों धामों में आवाजाही शुरू हो गई थी. उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट www.badrinath-kedarnath.gov. in से सोमवार की शाम तक 3,255 लोगों ने चारधाम की यात्रा पर आने के लिए ई-पास बुक कराए हैं. जिसमें बदरीनाथ धाम के लिए 967, केदारनाथ धाम के लिए 1784, गंगोत्री धाम के लिए 282, यमुनोत्री धाम के लिए 222 लोगों ने ई-पास बुक कराए हैं. साथ ही अभी तक 57 हजार तीर्थयात्री चारधाम के दर्शन कर चुके हैं.
बता दें कि, कोरोना संक्रमण के चलते चारधाम यात्रा ठप पड़ी हुई थी लेकिन, यात्रियों की बढ़ती तादाद देखते हुए अब धीरे-धीरे बदरीनाथ धाम में धर्मशालाएं और होटल खुलने लगे हैं. जिससे स्थानीय लोगों और यंहा के व्यवसायियों में खुशी का माहौल है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए नगरपंचायत बदरीनाथ ने बदरीनाथ मंदिर परिसर और धाम को पूरी तरह सैनिटाइज किया जा रहा है. साथ ही सामाजिक दूरी का भी प्रशासन पूरा ख्याल रख रहा है.
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमन रविनाथन ने बताया कि बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम मंदिर में थर्मल स्क्रीनिंग, सैनेटाइजेशन और मास्क की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही मंदिरों में मूर्तियों को छूना, प्रसाद वितरण पर रोक लगाई गई है. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को देखते हुए घंटियों को भी कपड़े से ढका गया है. देवस्थानम बोर्ड के यात्रा मार्ग सहित बदरीनाथ और केदारनाथ मार्ग पर गुप्तकाशी और सोनप्रयाग में यात्री विश्राम गृहों को आवासीय प्रयोजन के लिए खोला जा चुका है.
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अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि देवस्थानम बोर्ड ने एक जुलाई से पांच अक्टूबर की शाम पांच बजे तक एक लाख से ज्यादा ई-पास जारी किए थे. ई-पास तीर्थ यात्रियों द्वारा दी गई तारीखों के मुताबिक जारी किए गए हैं. जिससे यात्री तय समय पर धाम के दर्शन कर सकें. वहीं, देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि चारधाम में अभी तक 57 हजार तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं. ऐसे में तीर्थयात्रियों से अपेक्षा की जा रही है कि अति आवश्यक होने पर ही धामों में रूके.