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देवस्थानम बोर्ड के फैसले पर सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जताई खुशी, कांग्रेस ने साधा निशाना

गैरसैंण मंडल और देवस्थानम बोर्ड पर सीएम के फैसले को लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. जहां कांग्रेस इसे लेकर सरकार पर निशाना साध रही है तो वहीं, सुब्रह्मण्यम स्वामी इसे लेकर खुशी जता रहे हैं.

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Published : Apr 10, 2021, 8:54 PM IST

Updated : Apr 10, 2021, 9:26 PM IST

Tirath governments decision on Devasthanam board
देवस्थानम बोर्ड पर तीरथ सरकार का फैसला

देहरादून/हल्द्वानी: मुख्यमंत्री तीरथ रावत कैबिनेट ने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाए जाने के पिछली सरकार का फैसला वापस ले लिया हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 51 मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड से बाहर करने की बात की है. जिसके बाद से ही मंदिरों से जुड़े तीर्थ-पुरोहित काफी खुश नजर आ रहे हैं. वहीं, इस बोर्ड के खिलाफ कानूनी लड़ रहे भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी इसे लेकर खुशी जताई है. बात अगर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की करें तो उसका कहना है कि देवस्थानम बोर्ड को भी हटाने की जरूरत है.

बता दें कि त्रिवेंद्र सरकार ने साल 2019 में चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया था. इस बोर्ड में चारधाम समेत प्रदेश के 51 मंदिरों को शामिल किया गया था. इस बोर्ड को अस्तित्व में लाने की मुख्य वजह थी कि प्रदेश के बड़े मंदिर एक बोर्ड के अधीन संचालित हो, जिससे मंदिरों की व्यवस्थायें और बेहतर होगी, लेकिन इस बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद से ही तीर्थ-पुरोहित इसका जमकर विरोध कर रहे है. यही नहीं, इस विरोध में भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इसके खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद स्वामी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जताई खुशी

सीएम तीरथ सिंह के फैसले के बाद भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक अलग अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. स्वामी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा का भविष्य अन्य दलों की तुलना में बेहतर है. वो पार्टी की तभी खुलकर आलोचन करेंगे, जब वह स्थापित नीति से विचलित होगी.

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भी कसा तंज

वहीं, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि गैरसैंण कमिश्नरी पर बीजेपी की बड़ी लीडरशिप भी नाराज थी. नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जनता की नाराजगी को देखते हुए फैसला पलट दिया. उन्होंने कहा अच्छा ही किया जो कमिश्नरी बनाने का फैसला खत्म कर दिया. इंदिरा ने कहा की देवस्थानम बोर्ड की भी कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि अगर हम किसी की नकल भी करें तो ऐसी करें की जिससे जनता को लाभ हो सके. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री ने कमिश्नरी हटाने का फैसला लिया है उसी तरह से देवस्थानम बोर्ड को भी खत्म करने की जरूरत है.

कांग्रेस ने साधा निशाना

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ने भाजपा पर साधा निशाना

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने तीरथ सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों ने दूरदर्शी, जनविरोधी निर्णय लेकर राज्य को बदहाली की ओर धकेला है. उन्होंने कहा जिस प्रकार मुख्यमंत्री तीरथ रावत एक-एक करके त्रिवेंद्र रावत के फैसलों को पलट रहे हैं, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि 4 साल तक राज्य में त्रिवेंद्र सरकार ने जनविरोधी निर्णय लिये. उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने जब गैरसैंण को मंडल बनाने की घोषणा की थी इस दौरान सभी भाजपाइयों ने गैरसैंण में दिए जलाकर दिवाली मनाई थी. सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के मामले में कांग्रेस की स्पष्ट सोच है कि देवस्थानम बोर्ड के कानून पर पुनर्विचार नहीं बल्कि बोर्ड के कानून को खारिज किया जाए. इसके लिए तत्काल सरकार एक दिन का विशेष सत्र आहूत करें.

कांग्रेस ने साधा निशाना

देहरादून/हल्द्वानी: मुख्यमंत्री तीरथ रावत कैबिनेट ने गैरसैंण को कमिश्नरी बनाए जाने के पिछली सरकार का फैसला वापस ले लिया हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 51 मंदिरों को देवस्थानम बोर्ड से बाहर करने की बात की है. जिसके बाद से ही मंदिरों से जुड़े तीर्थ-पुरोहित काफी खुश नजर आ रहे हैं. वहीं, इस बोर्ड के खिलाफ कानूनी लड़ रहे भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने भी इसे लेकर खुशी जताई है. बात अगर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की करें तो उसका कहना है कि देवस्थानम बोर्ड को भी हटाने की जरूरत है.

बता दें कि त्रिवेंद्र सरकार ने साल 2019 में चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया था. इस बोर्ड में चारधाम समेत प्रदेश के 51 मंदिरों को शामिल किया गया था. इस बोर्ड को अस्तित्व में लाने की मुख्य वजह थी कि प्रदेश के बड़े मंदिर एक बोर्ड के अधीन संचालित हो, जिससे मंदिरों की व्यवस्थायें और बेहतर होगी, लेकिन इस बोर्ड के अस्तित्व में आने के बाद से ही तीर्थ-पुरोहित इसका जमकर विरोध कर रहे है. यही नहीं, इस विरोध में भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इसके खिलाफ नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद स्वामी ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जताई खुशी

सीएम तीरथ सिंह के फैसले के बाद भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक अलग अंदाज में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. स्वामी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा का भविष्य अन्य दलों की तुलना में बेहतर है. वो पार्टी की तभी खुलकर आलोचन करेंगे, जब वह स्थापित नीति से विचलित होगी.

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने भी कसा तंज

वहीं, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि गैरसैंण कमिश्नरी पर बीजेपी की बड़ी लीडरशिप भी नाराज थी. नये मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जनता की नाराजगी को देखते हुए फैसला पलट दिया. उन्होंने कहा अच्छा ही किया जो कमिश्नरी बनाने का फैसला खत्म कर दिया. इंदिरा ने कहा की देवस्थानम बोर्ड की भी कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि अगर हम किसी की नकल भी करें तो ऐसी करें की जिससे जनता को लाभ हो सके. उन्होंने कहा कि जिस तरह से मुख्यमंत्री ने कमिश्नरी हटाने का फैसला लिया है उसी तरह से देवस्थानम बोर्ड को भी खत्म करने की जरूरत है.

कांग्रेस ने साधा निशाना

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ने भाजपा पर साधा निशाना

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने तीरथ सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकारों ने दूरदर्शी, जनविरोधी निर्णय लेकर राज्य को बदहाली की ओर धकेला है. उन्होंने कहा जिस प्रकार मुख्यमंत्री तीरथ रावत एक-एक करके त्रिवेंद्र रावत के फैसलों को पलट रहे हैं, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि 4 साल तक राज्य में त्रिवेंद्र सरकार ने जनविरोधी निर्णय लिये. उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने जब गैरसैंण को मंडल बनाने की घोषणा की थी इस दौरान सभी भाजपाइयों ने गैरसैंण में दिए जलाकर दिवाली मनाई थी. सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के मामले में कांग्रेस की स्पष्ट सोच है कि देवस्थानम बोर्ड के कानून पर पुनर्विचार नहीं बल्कि बोर्ड के कानून को खारिज किया जाए. इसके लिए तत्काल सरकार एक दिन का विशेष सत्र आहूत करें.

कांग्रेस ने साधा निशाना
Last Updated : Apr 10, 2021, 9:26 PM IST
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