विकासनगर: प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था का हाल किसी से छुपा नहीं है. आज भी कई जगह छात्र-छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने के लिए मीलों की दूरी नापनी पड़ती है. कुछ ऐसी ही तस्वीर पुरोडी में देखने को मिली है. यहां भवन निर्माण के बाद भी 6 से लेकर 10 तक की पढ़ाई के लिए बच्चों को अन्य जगहों का रुख करना पड़ता है.
गौर हो कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पुरोडी में कक्षा 11वीं व 12वीं की ही कक्षाएं संचालित होती हैं. वहीं स्थानीय लोग 6 से 10 तक की कक्षाएं भी संचालित करने की मांग कर रहे हैं. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चकराता में विद्यालय 1976 में चकराता बाजार के किराए के एक निजी भवन में संचालित होता था. उस समय से विद्यालय में कक्षा 11वीं व 12वीं की कक्षाएं संचालित होती रही हैं.
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चकराता बाजार क्षेत्र कैंट बोर्ड के अधीन होने के चलते विद्यालय के भवन निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध नहीं हो पाई. जिसके बाद ग्रामीणों ने चकराता से करीब पांच किलोमीटर दूर पुरोडी में स्कूल भवन के लिए जगह उपलब्ध करवाई गई. साल 1990-91 में नए भवन निर्माण के बाद भी विद्यालय में 11वीं व 12वीं की कक्षा ही संचालित हो रही हैं. जबकि 6 से 10 तक की कक्षाएं संचालित करने की मांग ग्रामीण लंबे समय से करते आ रहे हैं, उसके बावजूद भी कक्षाएं संचालित न होने से ग्रामीणों में खासा रोष है.
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इस संबंध में उपखंड शिक्षा अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि 6 से 10 तक की पढ़ाई के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. वहीं ग्रामीण राजेंद्र जोशी का कहना है कि एक दर्जन से अधिक गांवों का केंद्र बिंदु होने के बावजूद भी विद्यालय में मात्र 11वीं और 12वीं की कक्षा ही संचालित होती हैं. जबकि ग्रामीण जनप्रतिनिधियों के साथ ही शासन-प्रशासन को समस्या से अवगत करा चुके हैं. इसके बावजूद भी उनकी समस्या जस की तस बनी हुई है. वहीं छात्र-छात्राओं को कई किलोमीटर दूर जाकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है.