देहरादून: कोरोना काल और लॉकडाउन के इस नाजुक दौर में जहां समाज की कई बुरी आदतें दूर हुई हैं वहीं कुछ ऐसी आदतें भी हैं जिनसे न चाहते हुए भी हमें हाथ मिलाना पड़ा है. सिंगल यूज प्लास्टिक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. कुछ ही महीनों पहले राज्य सरकार और नगर निगम ने सिंगल यूज प्लास्टिक को खत्म करने का नारा देते हुए सबसे बड़ी मानव ऋंखला बनाई थी. जिसके बाद राजधानी या फिर कहे उत्तराखंड में कुछ समय तक इसका असर देखने को भी मिला, मगर अब कोरोना और लॉकडाउन के दौर में बाजारों में एक बार फिर सिंगल यूज प्लास्टिक का दबदबा फिर बढ़ता नजर आ रहा है.
कोविड-19 ने जैसे ही भारत में दस्तक दी वैसे ही कई सारी गतिविधियों को लेकर सरकारों ने सर्कुलर जारी करने शुरू कर दिए. इसमें बात चाहे सोशल डिस्टेंसिंग की हो या फिर सार्वजनिक जगहों पर मास्क, ग्लव्स इत्यादि पहने जाने की. इन सब आदतों ने हमें कोरोना वायरस से लड़ने की ताकत के साथ ही सोशल संदेश भी दिया. मगर, इन सर्कुलरों के बीच उत्तराखंड सरकार का सबसे अहम सर्कुलर NO TO 'सिंगल यूज प्लास्टिक' कहीं गुम होता सा दिख रहा है.
कुछ महीनों पहले राज्य सरकार ने बड़ी जोर शोर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर जो प्रतिबंध लगा था उसे भी हटा दिया गया है. जिसके बाद बाजारों में प्लास्टिक का प्रयोग बढ़ गया है. ऐसे में बाजारों में प्लास्टिक की क्या स्थिति है इसे जानने के लिए हमारी टीम ने देहरादून की धर्मपुर सब्जी मंडी का रुख किया. जिसमें हमने पाया कि यहां आम से लेकर खास सभी जमकर सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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भले ही कोरोना काल के इस दौर में सिंगल यूज प्लास्टिक को शासन ने हरी झंडी दी हो लेकिन प्लास्टिक का इस्तेमाल हमारे भविष्य के लिए घातक है, इससे मना नहीं किया जा सकता है. सब्जी मंडी में मौजूद कई सब्जी विक्रेताओं से हमने प्लास्टिक को लेकर बातचीत की, जिसमें हमें अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सुनने को मिलीं. सब्जी विक्रेता मदन ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने ही उन्हें प्लास्टिक के इस्तेमाल की इजाजत दी है. एक और सब्जी विक्रेता मनीष ने हमें बताया कि कोरोना वायरस में कपड़े का इस्तेमाल मास्क बनाने में किया जा रहा है जिसके चलते प्लास्टिक को फ्री किया गया है.
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सब्जी मंडी में प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर हर किसी विक्रेता का अपना-अपना दृष्टिकोण हैं. जब इस बारे में आम लोगों से पूछा गया तो उनका कहना था कि हम शॉर्ट टर्म के लिए ही प्लास्टिक से हाथ मिला रहे हैं. लोगों का मानना भी था कि भविष्य के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल हानिकारक है.
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इस संबंध में स्थानीय नगर निगम प्रशासन से भी ईटीवी भारत ने बातचीत की. हम मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरके सिंह से मिले. उन्होंने बताया 28 मार्च को ही शासन ने एक सर्कुलर जारी कर सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगी रोक को हटा दिया था. जिसके कारण एक बार फिर से बाजारों में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जाने लगा है. उन्होंने कहा जनता को सहूलियत देने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया है.