देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा बैकडोर भर्ती मामले (Uttarakhand assembly backdoor recruitment case) में शनिवार को एक तरफ जहां विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी (Assembly Speaker Ritu Khanduri) ने तीन सदस्य कमेटी गठित कर इस मामले में जांच के आदेश दिए है. वहीं, विधानसभा सचिव को लंबी छुट्टी पर भेजते हुए उनका कमरा भी सील कर दिया (Secretary room sealed after order of inquiry) है, ताकि सबूतों के साथ किसी भी तरह का छेड़छाड़ न की जा सके.
कर्मचारियों की होगी छंटनी: वहीं, सूत्रों के हवाले के इस तरह की खबर भी सामने आ रही है कि विधानसभा में कर्मचारियों की संख्या घटाकर 100 कर दी जाएगी. अभी उत्तराखंड विधानसभा में 400 से अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं. विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी नई भर्ती के मूड में नहीं हैं. यहां तक बताया जा रहा है कि पुरानी नियमावली को छोड़कर नई नियमावली के तहत हुई सभी भर्तियों का निरस्तीकरण भी हो सकता है. उत्तराखंड की विधानसभा सचिवालय में कार्यरत उत्तर प्रदेश और कई बड़े राज्य के कर्मचारियों से ज्यादा संख्या होने पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि, वो लगातार अन्य राज्यों की विधानसभाओं का भी अध्ययन करेंगे और देखेंगे कि किस तरह से विधानसभाओं में नियुक्ति प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है और किस तरह से कर्मचारियों की संख्या को निर्धारित किया जाता है.
विदेश दौरे से लौटते ही बड़ा एक्शन: शनिवार को विदेश दौरे से लौटते ही विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी सबसे पहले उत्तराखंड विधानसभा पहुंचीं. जहां उन्होंने विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल के ऑफिस को सील कराया. इसके बाद उन्होंने प्रेस वार्ता की. प्रेस वार्ता के बाद ईटीवी भारत ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से खास बातचीत की. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि इस मामले में तीन सदस्य जांच समिति गठित की गई है. समिति एक महीन के अंदर अपनी रिपोर्ट उन्हें देगी. जब तक इस मामले की रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तबतक सचिव को छुट्टी पर भेजा गया हैं. इसके साथ उनका कार्यालय भी सील कर दिया गया है.
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विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि जांच समिति अगर कोई फाइल देखना चाहेगी तो ही सचिव के ऑफिस खोला जाएगा, क्योंकि मामले की गंभीरता को देखते हुए दफ्तर को सील करना जरूरी था. वहीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने साफ किया है कि उन्होंने जांच सीमित को एक महीन के अंदर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा स्पीकर ने कहा कि वो हिमाचल और कर्नाटक जैसे राज्यों के विधानसभा के कामकाज का अध्ययन करेंगी और जहां के अच्छे नियम कायदे होंगे, उन्हें उत्तराखंड में लागू करेंगी.
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इसके साथ ही ये भी जानकारी निकलकर सामने आ रही है कि विधानसभा में आयोग के माध्यम से जिस भर्ती को हाईकोर्ट में लंबित रखा गया है. उस भर्ती प्रक्रिया को भी यूकेएसएससी में भर्ती करवाने वाली एजेंसी आरएमएस ने ही अंजाम दिया था. बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड विधानसभा में हुई बैकडोर भर्तियों का मामला सामने आया था, जिसमें विधानसभा सचिव पर खुद बैक डोर भर्ती का आरोप लगा है, तो वहीं कई नेताओं और मंत्रियों के परिजनों की भी बैक डोर भर्ती कराई गई थी.