मसूरी: सशक्त उत्तराखंड @25 चिंतन शिविर के द्वितीय सत्र के समापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सभी अधिकारियों ने चर्चा की है. इस अवसर पर मुख्य सचिव एसएस संधू ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि चिंतन शिविर के दूसरे दिन में काफी बेहतर चर्चा हुई. मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को यह भी बताया कि चिंतन शिविर की तर्ज पर प्रत्येक माह दो से तीन विभागों के साथ चर्चा की जाएगी. इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चिंतन शिविर में जितने भी विचार आए हैं, उन्हें धरातल पर उतारा जाए और इन्हें कैबिनेट में लाया जाए. मसूरी में चल रहे सशक्त उत्तराखंड @25 चिंतन शिविर में आज 23 नवंबर को पेयजल सचिव नितेश कुमार झा ने नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट पर अपना प्रेजेंटेशन दिया.
देहरादून और हरिद्वार में पानी की सर्वाधिक आवश्यकता: उन्होंने बताया कि अभी राज्य में देहरादून और हरिद्वार दो ऐसे ज़िले हैं, जहां पानी की सर्वाधिक आवश्यकता है, जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. पूरे राज्य में पेयजल को लेकर वृहद स्तर पर जन जागरूकता की जरूरत है. इसके पीछे मंतव्य यही है कि ऐसे सक्षम लोग वहां पहुंचे जो स्थानीय नाले, खालों और तालाबों को गोद ले सकें. इसके अतिरिक्त वृहद पौधरोपण किया जाए ताकि जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ सकें.
पढ़ें- कैबिनेट मंत्री ने फिर से करा दी धामी सरकार की फजीहत, कांग्रेस भी जमकर ले रही चुटकी
सूखती नदियों पर चिंता व्यक्त की: इसके साथ ही सचिव पेयजल ने ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर जैसी नदी से कोसी, गोमती जैसी सूख रही नदियों को पुनर्जीवित करने की बात कही. इसके लिए पिंडर के पानी को चैनेलाइज कर कोसी, सरयू, गोमती आदि तक पहुंचाया जाए. ऐसा देश में पहली बार करने पर विचार किया जा रहा है. प्रेजेंटेशन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पौड़ी निवासी सचिदानंद भारती की सक्सेस स्टोरी दिखाने के साथ ही अल्मोड़ा के टुंडा चौरा गांव में स्थानीय निवासियों द्वारा नाले धारों को रिचार्ज करने सम्बन्धी काम पर भी विशेष चर्चा हुई.
प्रदेश में मेडिकल स्टाफ की कमी: सशक्त उत्तराखण्ड@25 चिंतन शिविर में दूसरे दिन के सत्र में स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर आर राजेश कुमार ने स्वास्थ्य विषय पर प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा कि राज्य में डाक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ की कमी बनी हुई है, जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि अभी विभाग के पास कोई ट्रांसफर पॉलिसी नहीं है, जिसकी वजह से समस्या आ रही है. स्वास्थ्य सचिव द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा विशेष रूप से डेडिकेटेड हाई एल्टीट्यूड सिस्टम बनाया जा रहा है. यह ऐसी टीम होगी जिससे यात्रा के दौरान मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी. वहीं, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी सेक्टर को आकर्षित करने की जरूरत है. मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे सशक्त उत्तराखंड @25 चिंतन शिविर के दूसरे दिन द्वितीय सत्र में पर्यटन, नागरिक उड्डयन, पब्लिक फाइनेंस पॉलिसी एंड मैनेजमेंट विषयों पर चर्चा की गई.
पढ़ें- खानपुर विधायक उमेश कुमार के निर्वाचन को नैनीताल HC में चुनौती, 29 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
उत्तराखंड में बढ़ रहा पर्यटन: पर्यटन सचिव सचिन क़ुर्बे ने बताया कि राज्य में पर्यटन सालाना 12 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटकों की संख्या अधिक है, जबकि हिमाचल विदेशी पर्यटकों एवं एडवेंचर टूरिज्म के क्षेत्र में आगे है. उन्होंने बताया कि औली के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. ऋषिकेश में विश्व स्तरीय कन्वेंशन सेंटर निर्माण किया जा रहा है. रोपवे के लिहाज से सुरकंडा में रोप-वे प्रारंभ हो चुका है, जिसके चलते यहां श्रद्धालु बढ़े हैं. देहरादून-मसूरी रोप-वे, यमुनोत्री रोप-वे पर आगे बढ़ा जा रहा है.
इसके अलावा केदारनाथ और हेमकुंट में रोप-वे की आधारशिला रखी जा चुकी है. अपर सचिव नागरिक उड्डयन सी रविशंकर ने बताया कि सिविल एविएशन का क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उन गिने-चुने राज्यों में शुमार है, जहां लोग हेली का काफी ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके पीछे चारधाम यात्रा अहम वजह है. वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि हमें अपने वित्तीय रिसोर्सेज को बढ़ाना होगा. अभी 50 प्रतिशत वैट और वैज से प्राप्तियां आती हैं, जबकि 10 प्रतिशत स्टाम्प से आता है. बाकी 40 प्रतिशत विभागों से प्राप्त होता है.
चिंतन शिविर के दूसरे दिन आज कृषि-बागवानी, पर्यटन, वन आदि विषयों पर मंथन हुआ. इस दौरान मुख्य सचिव एसएस संधू ने सभी अधिकारियों को तीन दिन तक चलने वाले इस मंथन शिविर की एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश दिए. मुख्य सचिव ने कहा कि इस शिविर में जो भी नए एवं इन्नोवेटिव विचार सामने आ रहे हैं उन पर हमें व्यापक विचार करना होगा.