मसूरी: सभासदों ने नगर पालिका परिषद के पर्यटन प्रभारी विनोद कुमार को हटाने की मांग की. जिसको लेकर नगर पालिका परिषद कर्मचारी यूनियन और सभासदों के बीच जमकर हंगामा हुआ. जिसके बाद पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत कराया, तब जाकर बोर्ड की बैठक शुरू हुई.
नगर पालिका बोर्ड बैठक में पर्यटन प्रभारी विनोद कुमार को हटाने को लेकर सभासद और पालिका परिषद कर्मचारी यूनियन में जमकर हंगामा हुआ. वहीं, इस दौरान कुछ सभासदों भी कर्मचारी यूनियन के समर्थन में आ गए और पर्यटन प्रभारी को नहीं हटाने की मांग करने लगे. वहीं, नगर पालिका परिषद कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष महावीर राणा के नेतृत्व में कर्मचारी सदन में घुस गये और पालिका परिषद एवं सभासदों के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए धरना देने लगे.
पालिका परिषद में हुए इस घटनाक्रम से बोर्ड की गरिमा पहली बार तार-तार हो गई, लेकिन बाद में फिर पालिकाध्यक्ष ने सभी सभासदों को बुलाकर समझाया. जिसके बाद मामला शांत होने के बाद पालिका परिषद की बैठक शुरू हो सकी. बैठक में 66 प्रस्ताव रखे गये, जिसमें करीब 52 प्रस्ताव स्वीकृत किए गये.
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बोर्ड बैठक में नगर पालिका द्वारा रोपवे के लिए दी गई 4.25 एकड़ भूमि के हस्तातंरण के प्रस्ताव पर कहा गया कि पहले रोपवे में पालिका की हिस्सेदारी पर बात की जाएगी. बैठक में रोपवे का किराया बढ़ाने पर चर्चा की गई, जिसे शासन को भेजा जाएगा. पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता कहा कि पालिका एक परिवार है और छोटे-मोटे विवाद होते रहते हैं. पालिका सभासदों व पालिका कर्मचारियों के बीच गतिरोध पैदा हो गया था, उसे सुलझा लिया गया है. लंबे समय बाद बोर्ड बैठक हुई जिसमें आपस में नाराजगी थी, वह भी दूर की गई.
पर्यटन प्रभारी विनोद कुमार ने कहा कि मेरे स्थानांतरण का कारण बताया जाए. क्योंकि माल रोड पर प्रतिबंधित समय में वाहनों को रोकने के लिए ईओ के आदेश से कार्य किया गया है. अगर मेरे खिलाफ कोई अनियमितता है तो उसे बताया जाय. केवल यह नहीं कि मैं समाज के कमजोर वर्ग से आता हूं, इसलिए मुझे दबाया जा रहा है.
नगर पालिका कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष महावीर राणा ने कहा सभासदों को कर्मचारियों से कोई नाता नहीं है. अगर कर्मचारी की कोई गलती है तो अधिशासी अधिकारी के संज्ञान में लाना चाहिए. यह न्याय संगत नहीं है, क्योंकि उनका पांच बार स्थानांतरण किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि वह पालिका अध्यक्ष, सभासदों, कर्मचारी एवं अधिकारियों की कोई भी मोनोपोली नहीं चलने देंगे.अगर कर्मचारियों का कोई उत्पीड़न किया गया तो उसका कड़ा विरोध किया जाएगा और बोर्ड बैठक का बहिष्कार किया जायेगा.