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लक्ष्मण झूला पर सरकारी आदेश के खिलाफ व्यापारी और स्थानीय जनता, फैसले को बताया गलत

लक्ष्मण झूला पुल को बंद होने पर व्यापारियों का कहना है कि लक्ष्मण झूला पुल के बंद होने के बाद उनका व्यापार पूरी तरह से ठप हो जाएगा. उन्होंने कहा कि लक्ष्मण झूला पुल की वजह से ही उनका रोजगार चलता है. पुल बंद होने के बाद उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.

लक्ष्मण झूला पर सरकारी आदेश के खिलाफ व्यापारी और स्थानीय जनता
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Published : Jul 15, 2019, 8:20 PM IST

ऋषिकेश: 12 जुलाई को लक्ष्मण झूला पुल को बंद करने का आदेश जारी किया गया. जिसके बाद इस फैसले के विरोध में स्थानीय लोग और व्यापारी वर्ग सड़क पर आ गये हैं. लक्ष्मण झूला पुल के बंद होने का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार का यह फैसला सरासर गलत है. जिसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं.

लक्ष्मण झूला पर सरकारी आदेश के खिलाफ व्यापारी और स्थानीय जनता

लक्ष्मण झूला के पास रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल उनके लिए एक लाइफ लाइन की तरह है. इसी पुल की वजह से उन लोगों का रोजगार भी चलता है. भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग इस पुल को देखने के लिए यहां पहुंचते हैं. अब पुल को बंद कर देने के बाद यहां का व्यापार खत्म हो जाएगा.

पढे़ं- कारगिल युद्ध में उत्तराखंड के 75 रणबांकुरों ने दी थी आहुति, एक साथ आए 9 शवों से शोक में डूब गया था पहाड़

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब विभाग द्वारा इस पुल की सर्वे रिपोर्ट 6 माह पहले शासन को भेज दी गई थी तो प्रशासन ने 6 माह पहले ही उस रिपोर्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं की. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस रिपोर्ट पर गौर किया जाता तो एक वैकल्पिक रास्ता जरूर निकाला जा सकता था.

वहीं तपोवन के व्यापारियों में भी लक्ष्मण झूला पुल को बंद करने को लेकर नाराजगी दिखी. व्यापारियों का कहना है कि लक्ष्मण झूला पुल के बंद होने के बाद उनका व्यापार पूरी तरह से ठप हो जाएगा. उन्होंने कहा कि लक्ष्मण झूला पुल की वजह से ही उनका रोजगार चलता है. पुल बंद होने के बाद उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.

वहीं कुछ लोगों ने इस पूरे फैसले पर सरकार को दोषी मानते हुए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. लोगों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग मुख्यमंत्री के पास है. ऐसे में इसकी पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की ही होगी.

ऋषिकेश: 12 जुलाई को लक्ष्मण झूला पुल को बंद करने का आदेश जारी किया गया. जिसके बाद इस फैसले के विरोध में स्थानीय लोग और व्यापारी वर्ग सड़क पर आ गये हैं. लक्ष्मण झूला पुल के बंद होने का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार का यह फैसला सरासर गलत है. जिसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं.

लक्ष्मण झूला पर सरकारी आदेश के खिलाफ व्यापारी और स्थानीय जनता

लक्ष्मण झूला के पास रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल उनके लिए एक लाइफ लाइन की तरह है. इसी पुल की वजह से उन लोगों का रोजगार भी चलता है. भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग इस पुल को देखने के लिए यहां पहुंचते हैं. अब पुल को बंद कर देने के बाद यहां का व्यापार खत्म हो जाएगा.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि जब विभाग द्वारा इस पुल की सर्वे रिपोर्ट 6 माह पहले शासन को भेज दी गई थी तो प्रशासन ने 6 माह पहले ही उस रिपोर्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं की. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस रिपोर्ट पर गौर किया जाता तो एक वैकल्पिक रास्ता जरूर निकाला जा सकता था.

वहीं तपोवन के व्यापारियों में भी लक्ष्मण झूला पुल को बंद करने को लेकर नाराजगी दिखी. व्यापारियों का कहना है कि लक्ष्मण झूला पुल के बंद होने के बाद उनका व्यापार पूरी तरह से ठप हो जाएगा. उन्होंने कहा कि लक्ष्मण झूला पुल की वजह से ही उनका रोजगार चलता है. पुल बंद होने के बाद उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.

वहीं कुछ लोगों ने इस पूरे फैसले पर सरकार को दोषी मानते हुए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. लोगों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग मुख्यमंत्री के पास है. ऐसे में इसकी पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की ही होगी.

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ऋषिकेश-- अपर मुख्य सचिव के द्वारा 12 जुलाई को लक्ष्मण झूला पुल को आवाजाही के लिए बंद करने के आदेश जारी किए थे जिसके बाद से लगातार वहां क्या स्थानीय लोगों मैं आक्रोश व्याप्त है लोग लगातार इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं लोगों का कहना है कि सरकार का यह फैसला गलत है बिना अभिकल्प के इस तरह के फैसले नहीं लेनी चाहिए थी।


Body:वी/ओ-- लक्ष्मण झूला के रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि लक्ष्मण झूला पुल वहां रहने वाले लोगों के लिए एक लाइफ लाइन है साथ ही इसी पुल की वजह से लोगों को रोजगार भी मिलता है क्योंकि भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग इस पुल को देखने मात्र के लिए पहुंचते हैं ऐसे में अब अगर पुल को बंद कर दिया गया तो लोगों का व्यापार तो प्रभावित होगा ही साथ ही लोगों भी काफी प्रभावित होंगे, लोगों का कहना था कि जब विभाग के द्वारा इस पुल की सर्वे रिपोर्ट 6 माह पहले शासन को भेज दी गई थी प्रशासन ने 6 माह पहले ही उस रिपोर्ट पर कार्यवाही क्यों नही की अगर समय रहते इस रिपोर्ट पर गौर किया जाता तो निश्चित तौर पर एक वैकल्पिक रास्ता जरूर निकल जाता।


Conclusion:वी/ओ-- वही तपोवन के व्यापारियों का कहना था कि लक्ष्मण झूला पुल के बंद होने के बाद उनका व्यापार पूरी तरह से ठप हो जाएगा क्योंकि लक्ष्मण झूला पुल की वजह से ही यहां का रोजगार चलता है अब पुल के बंद होने के बाद उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा वहीं लोगों ने इस पूरे फैसले पर सरकार को दोषी मानते हुए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है और लोगों का कहना है की लोक निर्माण विभाग मुख्यमंत्री के पास है ऐसे में इसकी पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की ही होगी।

वन टू वन--विनय पाण्डेय
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