ऋषिकेश: 12 जुलाई को लक्ष्मण झूला पुल को बंद करने का आदेश जारी किया गया. जिसके बाद इस फैसले के विरोध में स्थानीय लोग और व्यापारी वर्ग सड़क पर आ गये हैं. लक्ष्मण झूला पुल के बंद होने का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार का यह फैसला सरासर गलत है. जिसके लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं.
लक्ष्मण झूला के पास रहने वाले स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल उनके लिए एक लाइफ लाइन की तरह है. इसी पुल की वजह से उन लोगों का रोजगार भी चलता है. भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग इस पुल को देखने के लिए यहां पहुंचते हैं. अब पुल को बंद कर देने के बाद यहां का व्यापार खत्म हो जाएगा.
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब विभाग द्वारा इस पुल की सर्वे रिपोर्ट 6 माह पहले शासन को भेज दी गई थी तो प्रशासन ने 6 माह पहले ही उस रिपोर्ट पर कार्रवाई क्यों नहीं की. उन्होंने कहा कि अगर समय रहते इस रिपोर्ट पर गौर किया जाता तो एक वैकल्पिक रास्ता जरूर निकाला जा सकता था.
वहीं तपोवन के व्यापारियों में भी लक्ष्मण झूला पुल को बंद करने को लेकर नाराजगी दिखी. व्यापारियों का कहना है कि लक्ष्मण झूला पुल के बंद होने के बाद उनका व्यापार पूरी तरह से ठप हो जाएगा. उन्होंने कहा कि लक्ष्मण झूला पुल की वजह से ही उनका रोजगार चलता है. पुल बंद होने के बाद उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.
वहीं कुछ लोगों ने इस पूरे फैसले पर सरकार को दोषी मानते हुए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है. लोगों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग मुख्यमंत्री के पास है. ऐसे में इसकी पूरी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की ही होगी.