लक्सर/काशीपुर: देशभर में आज विजयदशमी पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला फूंका गया. रावण दहन असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है. दशहरा पर देवभूमि में भी जगह-जगह रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. लक्सर और काशीपुर में धूमधाम से दशहरा पर्व पर रावण दहन किया गया.
लक्सर: श्री सनातन धर्म सभा ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की नगर में शोभायात्रा निकाली गई. जिसके बाद राम-रावण का युद्ध हुआ, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण आए. मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने रावण का वध कर मां सीता को लंका से मुक्त कराया. जिसके बाद रावण का पुतले का दहन किया गया.
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काशीपुर में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित किया गया. दशहरा पर भगवान राम ने रावण और कुंभकर्ण का पुतला दहन किया. इस दौरान स्थानीय प्रशासन ने 300 लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दी थी. जिसका रामलीला कमेटी ने पूरी तरह से पालन किया.
हल्द्वानी: पिछले 145 साल से हो रही कुमाऊं की सबसे प्राचीन रामलीला के अंतिम दिन राम और रावण युद्ध के बाद रावण वध हुआ. इसी के साथ विजयदशमी का पर्व यानी बुराई पर अच्छाई की जीत का यह त्यौहार मनाया गया. सबसे प्राचीन रामलीला मैदान में रावण वध हुआ और रावण का विशालकाय 55 फीट का पुतला दहन किया गया. साथ ही कोरोना रूपी रावण को भी समाप्त करने की अपील की गई.
मसूरी: दशहरा पर्व पर शहर में कोरोना गाइडलाइन को लेकर कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया. पूर्व की तरह मसूरी के तरह मुख्य चौराहों पर रावण दहन नहीं हुआ. वहीं, मसूरी घंटाघर क्षेत्र के बच्चों ने खुद से रावण तैयार कर पूरे विधि विधान के साथ आग के हवाले किया. बता दें कि कोरोना काल से पूर्व मसूरी में सनातन धर्म मंदिर समिति द्वारा दशहरा का पावन पर्व बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता था. गांधी चौक और पिक्चर पैलेस चौक पर रावण दहन का कार्यक्रम आयोजित होता था, लेकिन इस बार किसी प्रकार का कार्यक्रम न होने से लोगों और बच्चों में मायूसी देखी गई.