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बकाया भुगतान की मांग को लेकर परेशान गन्ना किसान, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

किसानों का भुगतान न होने के कारण वे अब आंदोलन को मजबूर हो गये हैं.किसानों का कहना है कि भुगतान न होने से की वजह से उनका घर चलाना तक मुश्किल हो गया है. किसानों का कहना है कि ये उनकी आर्थिकी का एकमात्र साधन है.

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बकाया भुगतान की मांग को लेकर परेशान गन्ना किसा
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Published : Dec 16, 2019, 4:36 PM IST

डोइवाला: गन्ने की पेराई सत्र का आधा महीना बीत गया है, बावजूद इसके शुगर मिल ने गन्ना किसानों के 10 करोड़ 72 लाख रूपये का भुगतान अभी तक नहीं किया है. जिसके चलते किसानों में शुगर मिल के खिलाफ आक्रोश है. जबकि इससे पहले मिल प्रशासन ने किसानों को गन्ना पेराई सत्र के शुरू होने के एक हफ्ते के भीतर बकाया भुगतान देने का भरोसा दिलाया था. जिस कारण किसानों का गुस्सा अब सातवें आसमान पर है.

बकाया भुगतान की मांग को लेकर परेशान गन्ना किसान.

किसानों का भुगतान न होने के कारण वे अब आंदोलन को मजबूर हो गये हैं.किसानों का कहना है कि भुगतान न होने से की वजह से उनका घर चलाना तक मुश्किल हो गया है. किसानों का कहना है कि ये उनकी आय का एकमात्र साधन है. अब गन्ना बेचने के बाद भी उन्हें उनका भुगतान नहीं मिल पा रहा है. कई बार गन्ना किसान प्रशासन से गन्ने के भुगतान की मांग कर चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें झूठे वादों और दिलासों से सिवा कुछ नहीं मिला है. जिसके कारण उन्हें मजबूरन आंदोलन करना पड़ रहा है.

पढ़ें-देहरादून: CIRT की जांच में टाटा मोटर्स की बसों में पाई गई गड़बड़ी, लौटाई जाएंगी सभी बसें

मामले पर बोलते हुए डोइवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि कैबिनेट से पैसों को मंजूरी मिल चुकी है और मिल प्रशासन की ओर से कागजी कार्रवाई के बाद जल्द गन्ने का भुगतान कर दिया जाएगा.

डोइवाला: गन्ने की पेराई सत्र का आधा महीना बीत गया है, बावजूद इसके शुगर मिल ने गन्ना किसानों के 10 करोड़ 72 लाख रूपये का भुगतान अभी तक नहीं किया है. जिसके चलते किसानों में शुगर मिल के खिलाफ आक्रोश है. जबकि इससे पहले मिल प्रशासन ने किसानों को गन्ना पेराई सत्र के शुरू होने के एक हफ्ते के भीतर बकाया भुगतान देने का भरोसा दिलाया था. जिस कारण किसानों का गुस्सा अब सातवें आसमान पर है.

बकाया भुगतान की मांग को लेकर परेशान गन्ना किसान.

किसानों का भुगतान न होने के कारण वे अब आंदोलन को मजबूर हो गये हैं.किसानों का कहना है कि भुगतान न होने से की वजह से उनका घर चलाना तक मुश्किल हो गया है. किसानों का कहना है कि ये उनकी आय का एकमात्र साधन है. अब गन्ना बेचने के बाद भी उन्हें उनका भुगतान नहीं मिल पा रहा है. कई बार गन्ना किसान प्रशासन से गन्ने के भुगतान की मांग कर चुके हैं लेकिन अब तक उन्हें झूठे वादों और दिलासों से सिवा कुछ नहीं मिला है. जिसके कारण उन्हें मजबूरन आंदोलन करना पड़ रहा है.

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मामले पर बोलते हुए डोइवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि कैबिनेट से पैसों को मंजूरी मिल चुकी है और मिल प्रशासन की ओर से कागजी कार्रवाई के बाद जल्द गन्ने का भुगतान कर दिया जाएगा.

Intro:डोईवाला
किसानों का टूटा सब्र का बांध
गन्ने के बकाया भुगतान को लेकर किसानों का आंदोलन शुरू
डोईवाला शुगर मिल पर किसानों का 10 करोड़ 72 लाख रुपया बकाया ।

डोईवाला शुगर मिल को गन्ने की पेराई सत्र को चलते हुए आधा महीना बीत गया है लेकिन किसानों का 10 करोड 72 लाख रूपया अभी भी बकाया चल रहा है जबकि मिल प्रशासन ने किसानों को गन्ना पेराई सत्र के शुरू होने के एक हफ्ते के भीतर 10 करोड़ 72 लाख रुपया देने का भरोसा दिलाया था ।

28 नवंबर को डोईवाला शुगर मिल का गन्ना पेराई सत्र शुरू हो गया था लेकिन किसानों का 10 करोड़ 72 लाख रुपया अभी भी डोईवाला शुगर मिल पर बकाया चल रहा है जबकि मिल प्रशासन द्वारा पेराई सत्र के एक हफ्ते के अंदर किसानों को पैसा देने का वादा किया गया था लेकिन आधा महीना बीत जाने के बाद भी किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं किया गया जिसके चलते किसान अब आंदोलन करने को मजबूर हो गए हैं किसानों का कहना है कि गन्ने का भुगतान न होने से उन्हें घर चलाना तक मुश्किल हो गया है ।


Body:किसानों का कहना है कि उनका आर्थिक की का एकमात्र साधन गन्ने की खेती है और डोईवाला शुगर मिल में गन्ना भेजने के बाद किसानों को उनके गन्ने के भुगतान के लिए परेशान होना पड़ता है जिससे उनको अपना परिवार चलाना भी मुश्किल हो जाता है इस बार भी मिल प्रशासन द्वारा किसानों को गन्ने का भुगतान करने का वादा किया गया था लेकिन शुगर मिल के गन्ना पेराई सत्र को चलते हुए आधा महीना बीत गया लेकिन किसानों को अभी पिछले सत्र का गन्ने का भुगतान नहीं किया गया और किसानों का 10 और 72 लाख रुपया मिल पर बकाया चल रहा है कई बार किसानों ने प्रशासन से गन्ने के भुगतान की मांग की है लेकिन झूठी दिलासा किसानों को दी गई और मजबूरन किसानों को आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ रहा है ।


Conclusion:डोईवाला शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि कैबिनेट में पैसों को मंजूरी मिल चुकी है और मिल प्रशासन की ओर से कागजी कार्रवाई के बाद जल्दी किसानों को गन्ने का भुगतान कर दिया जाएगा ।

बाइट सरदार रणजोध सिंह किसान
बाइट उम्मेद बोरा किसान
बाइट मनमोहन सिंह रावत अधिशासी निदेशक डोईवाला शुगर मिल
पीटीसी
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