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अशरफ हत्याकांड का खुलासा, फर्जी चिटफंड कंपनी का पैसा बना हत्या का कारण, एक गिरफ्तार

देहरादून की संजय नगर कॉलोनी में हुई अशरफ अल्वी की हत्या (Dehradun Ashraf murder case) उसी के दोस्त ने की थी. हत्या की वजह फर्जी चिटफंड कंपनी के पैसे का लेन-देन था. आरोपी ने लाश को ठिकाने लगाने का भी प्रयास किया था, लेकिन उसमें वो कामयाब नहीं हो पाया था.

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Published : Dec 31, 2022, 5:16 PM IST

Updated : Dec 31, 2022, 5:41 PM IST

अशरफ हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा

देहरादून: डालनवाला कोतवाली इलाके में बीते दिनों हुई अशरफ अल्वी हत्याकांड (Dehradun Ashraf murder case) का देहरादून पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने मामले में मृतक के साथी सोहेल को दून यूनिवर्सिटी के पास गीतांजलि एनक्लेव से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया (Police arrested accused Sohail) है. पुलिस का आरोपी के पास से हत्या में प्रयुक्त पेट्रोमैक्स सिलेंडर, मृतक का मोबाइल और स्कूटी बरामद हुई है.

देहरादून एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने पूरे मामले खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक पूछताछ में हत्यारे ने बताया कि वो लोग गुलिस्ता में चल बेनिफिट निधि लिमिटेड कंपनी चला रहे थे, जो पहले उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद में चलाई जा रही थी. नजीबाबाद में अशरफ ने लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी और उसने वहां से भागकर देहरादून की भगत सिंह कॉलोनी में कार्यालय खोल लिया था. देहरादून में भी करीब 200 से अधिक लोगों का चिटफंड खाता खोल कर करीब 2 लाख रुपए इकट्ठे किए गए.
पढ़ें- कमरे से आ रही थी बदबू, दरवाजा खोला तो मंजर देख कांप गई रूह, बोरे में मिली पैर बंधी लाश

इसके बाद अशरफ अपने यहां काम करने वाले तीन कर्मचारी और पार्टनर सोहेल को पैसे देने में परेशान कर रहा था. इसी बात को लेकर बीते 15 दिसंबर को अशरफ और सोहेल का झगड़ा हो हुआ. पुलिस के मुताबिक सोहेल का कहना है कि बहस के बाद भी अशरफ उसे पैसे देने को तैयार नहीं था. इस बहस के बाद ही सोहेल ने अशरफ को मारने का प्लान बनाया.
पुलिस के मुताबिक बीती 21 दिसंबर को सोहेल किसी बहाने से संजय कॉलोनी में अशरफ के किराए के कमरे में रुकने आया. षड्यंत्र के तहत उसी रात को करीब 10.30 बजे सोहेल ने सोते हुए अशरफ के सिर पर 5 किलो वाले पेट्रोमैक्स सिलेंडर से दो बार जबरदस्त वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया.

पुलिस के मुताबिक पूरी रात कमरे में रुकने के बाद 22 दिसंबर सुबह सोहेल ₹5700, दो मोबाइल और स्कूटी लेकर कमरा बंद कर अपने मूल निवास नजीबाबाद फरार हो गया. पुलिस खुलासे के मुताबिक हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपी ने शव प्लास्टिक के कट्टे डालकर ठिकाने लगाने का भी प्रयास किया, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया. इधर संजय कॉलोनी के किराए के कमरे में एक सप्ताह से अधिक अशरफ की लाश बदबू मारने लगी, जिसके बाद मकान मालिक ने पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद हत्या का मामला सामने आया.
पुलिस खुलासे के मुताबिक हत्यारा सोहेल ने मृतक के दोनों मोबाइल इसलिए अपने कब्जे में लिए, ताकि चिटफंड कंपनी के अकाउंट से पैसा निकाला जा सके. लेकिन मोबाइल में पासवर्ड न मिलने के चलते सोहेल इस मकसद में भी कामयाब नहीं हो सका.
पढ़ें- कोटद्वार: पुलिस ने दो लाख की स्मैक के साथ तस्कर को किया अरेस्ट

पुलिस अनुसार सोहेल की मोबाइल सर्विलांस पहले उसकी लोकेशन नजीबाबाद पाई गई. ऐसे में पुलिस ने नजीबाबाद में अलग-अलग ठिकानों में दबिश दी. लेकिन सोहेल नजीबाबाद से भी फरार होकर एक बार फिर देहरादून की तरफ भाग निकला. ऐसे में शनिवार सुबह उसकी लोकेशन बंजारावाला के निकट दून यूनिवर्सिटी के गीतांजलि एनक्लेव के आसपास मिली. जहां से उसकी घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया गया (arrested accused Sohail in Dehradun).

अशरफ हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा

देहरादून: डालनवाला कोतवाली इलाके में बीते दिनों हुई अशरफ अल्वी हत्याकांड (Dehradun Ashraf murder case) का देहरादून पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने मामले में मृतक के साथी सोहेल को दून यूनिवर्सिटी के पास गीतांजलि एनक्लेव से घेराबंदी कर गिरफ्तार किया (Police arrested accused Sohail) है. पुलिस का आरोपी के पास से हत्या में प्रयुक्त पेट्रोमैक्स सिलेंडर, मृतक का मोबाइल और स्कूटी बरामद हुई है.

देहरादून एसएसपी दिलीप सिंह कुंवर ने पूरे मामले खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक पूछताछ में हत्यारे ने बताया कि वो लोग गुलिस्ता में चल बेनिफिट निधि लिमिटेड कंपनी चला रहे थे, जो पहले उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद में चलाई जा रही थी. नजीबाबाद में अशरफ ने लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी और उसने वहां से भागकर देहरादून की भगत सिंह कॉलोनी में कार्यालय खोल लिया था. देहरादून में भी करीब 200 से अधिक लोगों का चिटफंड खाता खोल कर करीब 2 लाख रुपए इकट्ठे किए गए.
पढ़ें- कमरे से आ रही थी बदबू, दरवाजा खोला तो मंजर देख कांप गई रूह, बोरे में मिली पैर बंधी लाश

इसके बाद अशरफ अपने यहां काम करने वाले तीन कर्मचारी और पार्टनर सोहेल को पैसे देने में परेशान कर रहा था. इसी बात को लेकर बीते 15 दिसंबर को अशरफ और सोहेल का झगड़ा हो हुआ. पुलिस के मुताबिक सोहेल का कहना है कि बहस के बाद भी अशरफ उसे पैसे देने को तैयार नहीं था. इस बहस के बाद ही सोहेल ने अशरफ को मारने का प्लान बनाया.
पुलिस के मुताबिक बीती 21 दिसंबर को सोहेल किसी बहाने से संजय कॉलोनी में अशरफ के किराए के कमरे में रुकने आया. षड्यंत्र के तहत उसी रात को करीब 10.30 बजे सोहेल ने सोते हुए अशरफ के सिर पर 5 किलो वाले पेट्रोमैक्स सिलेंडर से दो बार जबरदस्त वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया.

पुलिस के मुताबिक पूरी रात कमरे में रुकने के बाद 22 दिसंबर सुबह सोहेल ₹5700, दो मोबाइल और स्कूटी लेकर कमरा बंद कर अपने मूल निवास नजीबाबाद फरार हो गया. पुलिस खुलासे के मुताबिक हत्याकांड को अंजाम देने वाले आरोपी ने शव प्लास्टिक के कट्टे डालकर ठिकाने लगाने का भी प्रयास किया, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाया. इधर संजय कॉलोनी के किराए के कमरे में एक सप्ताह से अधिक अशरफ की लाश बदबू मारने लगी, जिसके बाद मकान मालिक ने पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद हत्या का मामला सामने आया.
पुलिस खुलासे के मुताबिक हत्यारा सोहेल ने मृतक के दोनों मोबाइल इसलिए अपने कब्जे में लिए, ताकि चिटफंड कंपनी के अकाउंट से पैसा निकाला जा सके. लेकिन मोबाइल में पासवर्ड न मिलने के चलते सोहेल इस मकसद में भी कामयाब नहीं हो सका.
पढ़ें- कोटद्वार: पुलिस ने दो लाख की स्मैक के साथ तस्कर को किया अरेस्ट

पुलिस अनुसार सोहेल की मोबाइल सर्विलांस पहले उसकी लोकेशन नजीबाबाद पाई गई. ऐसे में पुलिस ने नजीबाबाद में अलग-अलग ठिकानों में दबिश दी. लेकिन सोहेल नजीबाबाद से भी फरार होकर एक बार फिर देहरादून की तरफ भाग निकला. ऐसे में शनिवार सुबह उसकी लोकेशन बंजारावाला के निकट दून यूनिवर्सिटी के गीतांजलि एनक्लेव के आसपास मिली. जहां से उसकी घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया गया (arrested accused Sohail in Dehradun).

Last Updated : Dec 31, 2022, 5:41 PM IST
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