ऋषिकेशः गुमानीवाला के लाल बीट पानी में प्रस्तावित कचरा निस्तारण प्लांट और गोविंद नगर ट्रंचिंग ग्राउंड के संबंध में पार्षद संगठन की बैठक बुलाई गई, लेकिन बैठक में गिनती भर के पार्षद ही पहुंचे. जिस पर स्थानीय लोग भड़क गए. स्थानी लोगों ने बैठक छोड़कर जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली. उनका कहना था कि जब पार्षद संगठन से जुड़े सदस्य ही बैठक में नहीं पहुंचे तो इस बैठक का औचित्य ही क्या है?
दरअसल, पार्षद संगठन ने देहरादून रोड स्थित जय श्री फॉर्म में गुमानीवाला के लाल बीट पानी में प्रस्तावित कचरा निस्तारण प्लांट के संबंध में एक बैठक बुलाई थी. जिसमें ऋषिकेश के डंपिंग ग्राउंड की समस्या के समाधान को सुझाव लेने के लिए गोविंद नगर के लोगों को भी बुलाया गया, लेकिन बैठक में महज कुछ पार्षदों के पहुंचने से लोगों का पारा चढ़ गया.
बैठक बुलाने वाले गोविंद नगर के पार्षद अजीत सिंह गोल्डी भी खुद बैठक से नदारद रहे. इनता ही नहीं मेयर अनीता ममगाईं भी निर्धारित समय से 2 घंटे लेट पहुंचीं. जिस पर जाने माने व्यापारी बिशन खन्ना नाराज दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि जब बैठक रखने वाले पार्षद ही बैठक में नदारद हैं तो ऐसे में बैठक बुलाने का क्या औचित्य है.
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उन्होंने कहा कि गोविंद नगर के निवासियों को अपनी ही समस्या का समाधान करने के लिए समय नहीं है. केवल चार लोग गोविंद नगर के बैठक में पहुंचे हैं. जिनको भी वो अपने साथ लाए हैं. ऐसे में समस्या का समाधान कैसे होगा? यह सोचनीय विषय है.
वहीं, लोगों ने कचरा निस्तारण के समस्या का समाधान करने के लिए मेयर ममगाईं को साफ शब्दों में कहा कि जब तक जनप्रतिनिधि आपसी मतभेद बुलाकर एक मंच पर एक सुझाव के साथ काम नहीं करेंगे, तब तक इस समस्या का समाधान होना नामुमकिन सा दिखाई दे रहा है.
ऋषिकेश मेयर अनीता ममगाईं ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए सभी जनप्रतिनिधि एक साथ हैं. कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी प्रयास कर रहे हैं. वो भी मामले में प्रयास कर रही हैं. पार्षद भी कोशिश करने में लगे हैं. जल्द ही समस्या का समाधान निकाला जाएगा.
वहीं, पार्षदों की बैठक की खबर लगने के बाद गुमानी वाला, मनसा देवी क्षेत्र और गुजर बस्ती के लोग नगर निगम पहुंच गए. सैकड़ों की संख्या पहुंचे लोगों ने नारेबाजी कर अपना विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की है कि कचरा निस्तारण प्लांट आबादी क्षेत्र से 5 किलोमीटर दूर होना चाहिए. अगर उनकी मांगें नहीं मानी जाती है तो वो इसी तरह का आंदोलन करते रहेंगे.