देहरादूनः कोरोना काल के बाद विभिन्न सरकारी अस्पतालों से निकाले गए आउटसोर्सिंग कर्मी समायोजन की मांग को लेकर बीते साढ़े तीन माह से एकता विहार स्थित धरना स्थल पर आंदोलनरत हैं. यह कर्मचारी बीते 85 दिनों से बारी-बारी से भूख हड़ताल पर भी बैठ रहे हैं. एक सप्ताह पूर्व अपनी मांगों पर कोई सुनवाई ना होने की सूरत में आउटसोर्सिंग कर्मियों ने राज्यपाल को खून से पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग भी की थी.
वहीं, सोमवार को अचानक यह कर्मचारी राजभवन के गेट पर पहुंच गए और राज्यपाल से मिलने की जिद करने लगे. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा. आउटसोर्सिंग कर्मी संतोष राणा का कहना है कि उन्होंने राज्यपाल से इच्छा मृत्यु की मांग की थी. लेकिन राजभवन की तरफ से कोई उत्तर नहीं आया. इसलिए उन्हें राज्यपाल से मिलने के लिए आना पड़ा है. उन्होंने कहा कि कोविड कर्मी विगत 100 दिन से भी अधिक समय से आंदोलनरत हैं. अपनी मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ रहे हैं. अब तक करीब 21 से अधिक आउटसोर्सिंग कर्मियों का भूख हड़ताल की वजह से स्वास्थ्य बिगड़ चुका है.
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इसके बावजूद उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है. इसलिए राज्यपाल को उन्होंने खून से पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु का आग्रह किया है. जिसका अब तक कोई जवाब नहीं आया है. वहीं, देर शाम एकता विहार स्थित धरना स्थल पर 6 दिनों से भूख हड़ताल में बैठे धनवीर रावत, विवेक शाह और संदीप पंवार की रिपोर्ट कीटोन पॉजिटिव आने पर जिला प्रशासन ने आपातकालीन सेवा के माध्यम से तीनों को अस्पताल पहुंचाया. वहीं, मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट आंदोलनरत कर्मचारियों को मंगलवार को अपर सचिव से मिलवाने का आश्वासन भी है. कर्मचारियों का कहना है कि यदि उनकी मांगों पर अमल नहीं हुआ तो उनका आंदोलन आगे भी जारी रहेगा.