देहरादून: चिलचिलाती गर्मी बेजुबानों पर भी कहर बरपा रही है. तापमान में बढ़ोत्तरी न केवल इंसानों के लिए मुसीबत बन गई है, बल्कि बेजुबान भी इस गर्मी से हांफने को मजबूर हैं. स्थिति यह है कि स्ट्रीट डॉग्स (Street Dog) का सामान्य स्वभाव भी बढ़ते तापमान के कारण बदल रहा है. ऐसे में खतरा अब स्ट्रीट डॉग्स के आक्रामक (Street Dogs Aggressive From Heat) होने का है. स्ट्रीट डॉग्स के आक्रामक होने के कारण इंसानों को काटने की घटनाओं में काफी बढ़ोत्तरी हो रही है. वर्तमान में कई लोग कुत्तों के काटने से घायल हो रहे हैं. जिसकी आशंका वेटरनरी चिकित्सक भी जता रहे हैं.
गर्मी में बेजुबान परेशान: उत्तराखंड में गर्मी अपने चरम पर है. तापमान पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ चुका है. मौसम की बेरुखी ने इंसानों को तो परेशान कर ही दिया है, साथ ही बेजुबान भी पारा चढ़ने से कई बीमारियों के खतरे में आ गए हैं. स्थिति यह है कि मौजूदा हालात जानवरों में स्ट्रेस पैदा कर रहे हैं. खास तौर पर स्ट्रीट डॉग स्ट्रेस (street dog stress) के बीच खाना ना मिलने की स्थिति में आक्रामक भी हो रहे हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो अकेले दून अस्पताल में हर दिन 20 से 25 लोग कुत्तों के काटे जाने की शिकायत के साथ इलाज करने पहुंच रहे हैं.
गर्मी से कुत्तों के स्वभाव में बदलाव: देहरादून शहर में कोरोनेशन से लेकर सैकड़ों निजी अस्पताल मौजूद हैं, जहां कुत्तों के काटे जाने के बाद मरीज वहां पहुंच रहे हैं. वेटनरी ऑफिसर बताते हैं कि जिस तरह तमाम लोग गर्मी से परेशान हैं, उसी तरह से जानवर भी बढ़ती गर्मी के कारण दिक्कत में हैं. खास तौर पर स्ट्रीट डॉग में ऐसे हालातों में डिहाइड्रेशन की शिकायत बनती है और इससे यह कुत्ते अपने स्वभाव को बदलते हुए आक्रामक हो सकते हैं.
स्ट्रीट डॉग्स के लिए गर्मियों में इन कारणों से बढ़ती है समस्या
- तापमान बढ़ने के साथ स्ट्रीट डॉग्स कुछ खास बीमारी से ग्रसित हो जाते हैं.
- कुत्तों में हिट स्ट्रेस बढ़ने से चिड़चिड़ापन आ जाता है.
- कुत्तों में डिहाइड्रेशन बुखार उल्टी दस्त और टिक्स की शिकायत गर्मियों में बढ़ने लगती है.
- तापमान बढ़ने के कारण लोगों का घरों से निकलना कम होता है और इससे स्ट्रीट डॉग्स के खानपान से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं.
- खाना न मिलने के कारण स्ट्रीट डॉग आक्रामक हो सकते हैं.
चिकित्सक क्या करने की देते हैं सलाह: गर्मी के मौसम में चिकित्सक बेजुबानों का खासतौर पर ध्यान रखने की सलाह देते हैं. चिकित्सक कहते हैं कि कुत्तों को दिन में कम से कम 2 बार ठीक से नहलाना चाहिए. इसके अलावा उन्हें समय से पानी और खाना भी उपलब्ध कराना चाहिए. दरअसल, कुत्तों को पसीना ना आने के कारण उन्हें गर्मी ज्यादा लगती है. इसके पीछे की वजह यह है कि कुत्तों में पसीना निकालने वाली ग्रंथि नहीं होती. हालांकि कुत्ते जीभ बाहर निकाल कर सांस लेते हैं. जिससे वे अपनी गर्मी से कुछ राहत पा सकें.
मौजूदा स्थितियों में खासतौर पर गलियों में रहने वाले कुत्तों को लेकर खास एहतियात बरतने की जरूरत है, क्योंकि उनको लेकर इस मौसम में देखभाल या निगरानी कम हो जाती है और इससे पानी ना मिलने या भोजन न मिलने के कारण वह लोगों पर हमला कर सकते हैं. इस बात का ध्यान रखें कि कुत्तों को तापमान से राहत देने के लिए छाया में ही रखें. उन्हें दिन के समय गीले कपड़े से साफ कर सकते हैं. साथ ही उन्हें घुमाने के लिए सुबह या रात के वक्त को ही चुनें.
कुत्ते के काटने पर क्या करना चाहिए: यदि कुत्ता किसी भी इंसान को काटता है तो काटे गए घाव को 15 मिनट तक साफ पानी से, साबुन-पानी से अच्छी तरह धो लें. कुत्ते के काटने पर फौरन चिकित्सक को दिखाएं और एंटीसेप्टिक क्रीम का प्रयोग करें. वहीं कुत्ते के काटने पर 72 घंटे के अंतराल में एंटी रेबीज वैक्सीन का इंजेक्शन अवश्य ही लगवा लेना चाहिए.