देहरादून: लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर कई शिकायतें सामने आती रही हैं. इसमें खासतौर पर जबरन फीस वसूली के मामले ज्यादा रहे. जिसे लेकर नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरंट्स एंड स्टूडेंट्स राइटस (NAPSR) ने 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है. इस आह्वान के फौरन बाद शिक्षा मंत्री के एक और बयान ने इस मामले को और गरमा दिया है.
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एनएपीएसआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि किसी भी सरकार ने अब तक निजी स्कूलों पर मनमानी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में देशभर के विभिन्न अभिभावक संगठनों के साथ मिलकर इस बंद को सफल किया जाएगा. इस दौरान आरिफ खान में शिक्षा मंत्री के उस बयान पर भी नाराजगी जाहिर की. जिसमें उन्होंने अभिभावकों से ट्यूशन फीस दिए जाने के लिए कहा है.
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लॉकडाउन में जब कई लोगों का रोजगार चला गया. ऐसी स्थिति में निजी स्कूलों का फीस के लिए दबाव बनाना बेहद गंभीर है. हालांकि, सरकार की तरफ से इस पर तमाम बयान भी आते रहे, मगर इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. खास बात यह है कि अब शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने साफ किया है कि जिन भी बच्चों को ऑनलाइन क्लास मिल रही है, अभिभावकों का दायित्व है कि वह स्कूल की फीस जमा करें.
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निजी स्कूलों में ट्यूशन फीस कितनी होगी इस पर कोई तय है मानक नहीं हैं. लिहाजा स्कूल भी इस बात का पूरा फायदा उठा रहे हैं. जिसका खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है.