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स्कूलों की मनमानी के विरोध में NAPSR, 28 सितंबर को किया राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान - National Association for Parents and Students Rights

लॉकडाउन में स्कूलों की मनमानी को लेकर नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरंट्स एंड स्टूडेंट्स राइटस (NAPSR) ने 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है. ऐसे में देशभर के विभिन्न अभिभावक संगठनों के साथ मिलकर इस बंद को सफल किया जाएगा.

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स्कूलों की मनमानी के विरोध में NAPSR
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Published : Sep 25, 2020, 4:41 PM IST

देहरादून: लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर कई शिकायतें सामने आती रही हैं. इसमें खासतौर पर जबरन फीस वसूली के मामले ज्यादा रहे. जिसे लेकर नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरंट्स एंड स्टूडेंट्स राइटस (NAPSR) ने 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है. इस आह्वान के फौरन बाद शिक्षा मंत्री के एक और बयान ने इस मामले को और गरमा दिया है.

स्कूलों की मनमानी के विरोध में NAPSR
निजी स्कूलों की मनमानी और लॉकडाउन के दौरान भी अभिभावकों से जबरन फीस वसूली के मामले पर अभिभावक एसोसिएशन बेहद नाराज है. इस मामले पर अभिभावक निजी स्कूलों द्वारा उत्पीड़न करने के आरोप लगाते रहे हैं. ऐसे में एनएपीएसआर ने निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है. यह एक स्वैच्छिक बंद होगा, जिसे सड़कों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी पुरजोर तरीके से आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा.

पढ़ें- रुड़की: कृषि बिल 2020 के खिलाफ किसानों का हल्ला बोल

एनएपीएसआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि किसी भी सरकार ने अब तक निजी स्कूलों पर मनमानी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में देशभर के विभिन्न अभिभावक संगठनों के साथ मिलकर इस बंद को सफल किया जाएगा. इस दौरान आरिफ खान में शिक्षा मंत्री के उस बयान पर भी नाराजगी जाहिर की. जिसमें उन्होंने अभिभावकों से ट्यूशन फीस दिए जाने के लिए कहा है.

पढ़ें- 'लापता' सचिव मामला: रेखा आर्य की अपहरण आशंका पर पुलिस ने दिया ये जवाब

लॉकडाउन में जब कई लोगों का रोजगार चला गया. ऐसी स्थिति में निजी स्कूलों का फीस के लिए दबाव बनाना बेहद गंभीर है. हालांकि, सरकार की तरफ से इस पर तमाम बयान भी आते रहे, मगर इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. खास बात यह है कि अब शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने साफ किया है कि जिन भी बच्चों को ऑनलाइन क्लास मिल रही है, अभिभावकों का दायित्व है कि वह स्कूल की फीस जमा करें.

पढ़ें-गंगा नदी स्कैप चैनल विवाद को लेकर पुरोहितों ने फिर खोला मार्चा, जनांदोलन की चेतावनी

निजी स्कूलों में ट्यूशन फीस कितनी होगी इस पर कोई तय है मानक नहीं हैं. लिहाजा स्कूल भी इस बात का पूरा फायदा उठा रहे हैं. जिसका खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है.

देहरादून: लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर कई शिकायतें सामने आती रही हैं. इसमें खासतौर पर जबरन फीस वसूली के मामले ज्यादा रहे. जिसे लेकर नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरंट्स एंड स्टूडेंट्स राइटस (NAPSR) ने 28 सितंबर को राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है. इस आह्वान के फौरन बाद शिक्षा मंत्री के एक और बयान ने इस मामले को और गरमा दिया है.

स्कूलों की मनमानी के विरोध में NAPSR
निजी स्कूलों की मनमानी और लॉकडाउन के दौरान भी अभिभावकों से जबरन फीस वसूली के मामले पर अभिभावक एसोसिएशन बेहद नाराज है. इस मामले पर अभिभावक निजी स्कूलों द्वारा उत्पीड़न करने के आरोप लगाते रहे हैं. ऐसे में एनएपीएसआर ने निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है. यह एक स्वैच्छिक बंद होगा, जिसे सड़कों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी पुरजोर तरीके से आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा.

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एनएपीएसआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि किसी भी सरकार ने अब तक निजी स्कूलों पर मनमानी को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है. ऐसे में देशभर के विभिन्न अभिभावक संगठनों के साथ मिलकर इस बंद को सफल किया जाएगा. इस दौरान आरिफ खान में शिक्षा मंत्री के उस बयान पर भी नाराजगी जाहिर की. जिसमें उन्होंने अभिभावकों से ट्यूशन फीस दिए जाने के लिए कहा है.

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लॉकडाउन में जब कई लोगों का रोजगार चला गया. ऐसी स्थिति में निजी स्कूलों का फीस के लिए दबाव बनाना बेहद गंभीर है. हालांकि, सरकार की तरफ से इस पर तमाम बयान भी आते रहे, मगर इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. खास बात यह है कि अब शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने साफ किया है कि जिन भी बच्चों को ऑनलाइन क्लास मिल रही है, अभिभावकों का दायित्व है कि वह स्कूल की फीस जमा करें.

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निजी स्कूलों में ट्यूशन फीस कितनी होगी इस पर कोई तय है मानक नहीं हैं. लिहाजा स्कूल भी इस बात का पूरा फायदा उठा रहे हैं. जिसका खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है.

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