देहरादून: नैनीताल स्थित उत्तराखंड हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की कवायद शासन-प्रशासन ने तेज कर दी है. इसको लेकर प्रशासन और राजस्व की टीम हल्द्वानी में गोला पार व्यवस्थित तरीके से हाईकोर्ट निर्माण परिसर का स्थान तलाश रही है. वहीं, 29 अक्टूबर को प्रदेश भर के अधिवक्ता इस विषय में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और हाईकोर्ट को जल्द से जल्द हल्द्वानी शिफ्ट करने की कवायद में तेजी लाने की अपील करेंगे.
हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की पीछे सबसे बड़ा कारण नैनीताल की भौगोलिक स्थिति है. क्योंकि, यहां पहाड़ दरकने और प्राकृतिक आपदा से लैंडस्लाइड की स्थिति और पूरे शहर में पर्यटकों की भारी आवाजाही से फैली अव्यवस्थाओं की वजह से हाईकोर्ट शिफ्ट किया जाएगा. इतना ही नहीं नैनीताल हाईकोर्ट में 5 की जगह अब 11 जजों की पीठ के लिए आवश्यकता अनुसार भारी इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी भी एक बड़ा कारण हैं. वही, सर्दी और बरसात में आवाजाही की भारी दिक्कत भी है. पर्यटन नगरी की वजह से आए दिन कोर्ट रोड पर लंबा जाम लगा रहा है.
इसके साथ ही राज्य और देश के अन्य हिस्सों से आने वाले वकीलों और अपीलार्थियों से जुड़ी व्यावहारिक समस्याएं दिनों दिन बढ़ती जा रही है. जहां पहले 5 हजार अधिवक्ता हाई कोर्ट पैरवी के लिए रजिस्टर्ड थे. अब 20 हजार से अधिक अधिवक्ता रजिस्टर्ड हो गए हैं. ऐसे में आने वाले समय में नैनीताल हाईकोर्ट में संचालन के लिहाज से पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है.
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इन्हीं, सब कारणों से अब हाईकोर्ट को नैनीताल से 30 किलोमीटर नीचे हल्द्वानी में शिफ्ट करने की कवायद तेज कर दी गई है. हालांकि, इसका विरोध भी कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है. जिसके बारे में उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्यों का कहना है कि यह चंद लोगों के निजी स्वार्थ से जुड़ा मामला है. जिस पर राजनीति हो रही है. जबकि, प्रदेश भर के अधिकांश अधिवक्ताओं और हाईकोर्ट प्रशासन का भी मत हल्द्वानी में योजनाबद्ध तरीके से एक व्यवस्थित हाईकोर्ट परिसर स्थापित करने का है.
उत्तराखंड बार काउंसिल के चेयरमैन मनमोहन सिंह लांबा ने कहा कि नैनीताल से हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने का फैसला स्वागत योग्य है. लंबे समय से नैनीताल में फैली अव्यवस्थाओं और सुचारू रूप से हाई कोर्ट संचालन ना होने से समस्याएं दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं. हाल ही में एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार नैनीताल शहर के आसपस भौगोलिक स्थिति का संतुलन बिगड़ने से प्राकृतिक आपदा के कारण कच्चे पहाड़ों के दरकने और लैंडस्लाइडिंग सबसे बड़े खतरे की घंटी है.
ऐसे में व्यवस्थित तरीके से नियमानुसार हल्द्वानी में हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की कवायद जरूर रंग लाएगी. आगामी 29 अक्टूबर 2022 को देहरादून में प्रदेश भर के अधिवक्ता एक मंच एकत्र होकर इस विषय में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे और प्रदेश वासियों के हित में हाईकोर्ट को जल्द से जल्द हल्द्वानी शिफ्ट करने की कवायद में तेजी लाने की अपील करेंगे.
लांबा का मानना नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्ट करने का विरोध करने वाल चंद लोग हैं, जिनका निजी स्वार्थ इससे जुड़ा हैं. विरोध करने वाले प्रदेश हित को दरकिनार कर अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वह लोग इस जनहित कार्य को रोक नहीं सकेंगे. हाईकोर्ट को शिफ्ट करने की कवायद को देखते हुए उत्तराखंड बार काउंसिल परिसर को हल्द्वानी में बनाने की तैयारी में है. इसके लिए जमीन खरीद पूरी हो चुकी है. जल्द ही निर्माण कार्य भी पूरी हो जाएगी.