देहरादून: अटल आयुष्मान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्राथमिकता में शामिल है. लेकिन इसमें लगातार फर्जीवाड़े सामने आने से सरकार की भी खूब किरकिरी हो रही है. ऐसे में इन फर्जीवाड़ों को रोकने और आरोपियों की धरपकड़ के लिए बनाई गई स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट खुद ही कर्मचारियों की कमी का रोना रो रही है.
उत्तराखंड में कर्मचारियों की कमी से यूं तो तमाम विभाग जूझ रहे हैं. लेकिन गड़बड़ियों को रोकने जैसी जरूरी यूनिट्स में भी कर्मचारियों की कमी बाधा बनी हुई है. बता दें कि उत्तराखंड में अबतक 14 अस्पतालों के फर्जीवाड़े सामने आ चुके हैं. जिसमें से दो पर कार्रवाई भी की जा चुकी है.
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अटल आयुष्मान जैसी महत्वाकांक्षी योजना में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए केंद्रीय स्तर पर भी राज्यों को स्टेट एंटी फ्रॉड यूनिट स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग एंटी फ्रॉड यूनिट को लेकर लापरवाह बना दिखाई दे रहा है.
इसमें वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में 4 कर्मियों को तैनात किया गया है. विभाग के अधिकारी बताते हैं कि कर्मचारियों की कमी होने के कारण वैकल्पिक व्यवस्था के तहत चार कर्मियों को एंटी फ्रॉड यूनिट में जिम्मेदारी दी गई है.