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आपदा से जूझ रहे उत्तराखंड में बाढ़ नियंत्रण मंत्री को ढूंढ रही कांग्रेस, कहा- योग्य व्यक्ति चुनें CM, महाराज को हटाएं

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने आज शनिवार 15 जुलाई को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने धामी सरकार और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज पर निशाना साधा. कांग्रेस का आरोप है कि एक तरफ तो उत्तराखंड में बारिश ने हाहाकार मचाया हुआ है. कई जिले बाढ़ जैसी स्थिति में जूझ रहे हैं और ऐसे में संबंधित मंत्री प्रदेश से ही गायब हैं.

Karan Mahara targeted Dhami government
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Published : Jul 15, 2023, 6:57 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में भारी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है. प्रदेश में जनजीवन अस्त व्यस्त हो रखा है. कई जिले इस समय बाढ़ का सामना कर रहे है. हरिद्वार में बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों का रेस्क्यू करने के लिए सेना की मदद तक ली गई है. ऐसे में भी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सतपाल महाराज प्रदेश के बाहर हैं, जिस पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सरकार पर राहत कार्यों में ढिलाई का आरोप लगाया है.

करण माहरा ने इस मुद्दे पर आज शनिवार 15 जुलाई को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय देहरादून में प्रेस वार्ता की. इस दौरान करण माहरा ने कहा कि उन्होंने खुद कांग्रेस नेताओं के साथ लक्सर और भगवानपुर के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया था, जिसके बाद ये सरकार नींद से जागी.

Karan Mahara targeted Dhami government
हरिद्वार में बाढ़ जैसी स्थिति.
पढ़ें-
कांग्रेस का तंज- बाढ़ में डूबा हरिद्वार, केंद्रीय मंत्री का हालचाल लेने प्रभारी मंत्री गए हैं दिल्ली दरबार

सतपाल महाराज पर साधा निशाना: करण माहरा का कहना है कि अतिवृष्टि के कारण हरिद्वार जिले में किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई, लेकिन सरकार अभी भी इस मामले में असंवेदनशील बनी हुई है. प्रदेश में बारिश के कारण कई पुल टूट गए हैं. वहीं, प्रदेशभर में करीब 500 से ज्यादा सड़कें टूटी हुई हैं, लेकिन हरिद्वार जिले के प्रभारी, बाढ़ नियंत्रण और लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज आपदा की इस घड़ी में नदारद हैं.

सरकार का अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं: माहरा का आरोप है कि अधिकारियों पर सरकार को कोई नियंत्रण नहीं है. बीते 6 सालों में 38 से अधिक पुल टूट गए. पुलों को लेकर सरकार ने सेफ्टी ऑडिट कराया था, जिसमें बताया गया कि 26 पुलों पर खतरा मंडरा रहा है, जिसमें कोटद्वार का पुल भी शामिल था, लेकिन सरकार ने इन पुलों पर कोई ध्यान नहीं दिया और आज इसका नतीजा सबके सामने है.

Karan Mahara targeted Dhami government
उत्तराखंड के कई जिले बाढ़ से त्रस्त.
पढ़ें- लक्सर में NDRF ने बाढ़ में फंसे सैकड़ों लोगों की बचाई जान, JCB लेकर निकले 'चैंपियन'

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के बयान का किया जिक्र: माहरा ने बताया कि कल 14 जुलाई को कोटद्वार विधायक और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को भी एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कोटद्वार में मालन नदी पर बने पुल के बहने का कारण अवैध खनन को बताया था. इससे साबित होता है कि प्रदेश में खनन और भूमाफिया किस कदर हावी हैं, जो बात कांग्रेस पहले से कहती आई है, उसकी पुष्टि सरकार के ही लोग कर रहे हैं.

सतपाल महाराज को हटाने की मांग: करण माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से बाढ़ नियंत्रण विभाग वापस लिया जाना चाहिए और उनकी जगह ये विभाग किसी योग्य व्यक्ति को देना चाहिए. करण माहरा का कहना है कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की ये स्थिति पहली बार देखने को नहीं मिली है. पिछली बार भी चारधाम यात्रा में वो इसी तरह नदारद दिखे थे, जबकि उनके पास धर्मस्व और पर्यटन जैसे विभागों की जिम्मेदारी है.
पढ़ें- हरिद्वार में बाढ़ के बीच हर जगह सांप ही सांप, कहीं पेड़ पर लटके तो कहीं घरों में घुसे

कांग्रेस का आरोप है कि एक धर्मगुरू होने के नाते सतपाल महाराज अपने कर्तव्यों का सही प्रकार से पालन नहीं कर रहे हैं, बल्कि सत्ता का उपभोग कर रहे हैं. दूसरी तरफ उनके भाई भोले महाराज अपनी धर्म पत्नी के साथ मिलकर जनता की खूब सेवा कर रहे हैं. माहरा का कहना है कि आपदा की इस घड़ी में सतपाल महाराज को जनता से माफी मांगनी चाहिए और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को तत्काल सतपाल महाराज को हटाकर किसी योग्य व्यक्ति को मंत्री पद देना चाहिए.

देहरादून: उत्तराखंड में भारी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है. प्रदेश में जनजीवन अस्त व्यस्त हो रखा है. कई जिले इस समय बाढ़ का सामना कर रहे है. हरिद्वार में बाढ़ग्रस्त इलाकों से लोगों का रेस्क्यू करने के लिए सेना की मदद तक ली गई है. ऐसे में भी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री सतपाल महाराज प्रदेश के बाहर हैं, जिस पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने सरकार पर राहत कार्यों में ढिलाई का आरोप लगाया है.

करण माहरा ने इस मुद्दे पर आज शनिवार 15 जुलाई को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय देहरादून में प्रेस वार्ता की. इस दौरान करण माहरा ने कहा कि उन्होंने खुद कांग्रेस नेताओं के साथ लक्सर और भगवानपुर के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया था, जिसके बाद ये सरकार नींद से जागी.

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हरिद्वार में बाढ़ जैसी स्थिति.
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सतपाल महाराज पर साधा निशाना: करण माहरा का कहना है कि अतिवृष्टि के कारण हरिद्वार जिले में किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई, लेकिन सरकार अभी भी इस मामले में असंवेदनशील बनी हुई है. प्रदेश में बारिश के कारण कई पुल टूट गए हैं. वहीं, प्रदेशभर में करीब 500 से ज्यादा सड़कें टूटी हुई हैं, लेकिन हरिद्वार जिले के प्रभारी, बाढ़ नियंत्रण और लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज आपदा की इस घड़ी में नदारद हैं.

सरकार का अधिकारियों पर नियंत्रण नहीं: माहरा का आरोप है कि अधिकारियों पर सरकार को कोई नियंत्रण नहीं है. बीते 6 सालों में 38 से अधिक पुल टूट गए. पुलों को लेकर सरकार ने सेफ्टी ऑडिट कराया था, जिसमें बताया गया कि 26 पुलों पर खतरा मंडरा रहा है, जिसमें कोटद्वार का पुल भी शामिल था, लेकिन सरकार ने इन पुलों पर कोई ध्यान नहीं दिया और आज इसका नतीजा सबके सामने है.

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उत्तराखंड के कई जिले बाढ़ से त्रस्त.
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विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के बयान का किया जिक्र: माहरा ने बताया कि कल 14 जुलाई को कोटद्वार विधायक और विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी को भी एक बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कोटद्वार में मालन नदी पर बने पुल के बहने का कारण अवैध खनन को बताया था. इससे साबित होता है कि प्रदेश में खनन और भूमाफिया किस कदर हावी हैं, जो बात कांग्रेस पहले से कहती आई है, उसकी पुष्टि सरकार के ही लोग कर रहे हैं.

सतपाल महाराज को हटाने की मांग: करण माहरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मांग की है कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज से बाढ़ नियंत्रण विभाग वापस लिया जाना चाहिए और उनकी जगह ये विभाग किसी योग्य व्यक्ति को देना चाहिए. करण माहरा का कहना है कि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की ये स्थिति पहली बार देखने को नहीं मिली है. पिछली बार भी चारधाम यात्रा में वो इसी तरह नदारद दिखे थे, जबकि उनके पास धर्मस्व और पर्यटन जैसे विभागों की जिम्मेदारी है.
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कांग्रेस का आरोप है कि एक धर्मगुरू होने के नाते सतपाल महाराज अपने कर्तव्यों का सही प्रकार से पालन नहीं कर रहे हैं, बल्कि सत्ता का उपभोग कर रहे हैं. दूसरी तरफ उनके भाई भोले महाराज अपनी धर्म पत्नी के साथ मिलकर जनता की खूब सेवा कर रहे हैं. माहरा का कहना है कि आपदा की इस घड़ी में सतपाल महाराज को जनता से माफी मांगनी चाहिए और मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को तत्काल सतपाल महाराज को हटाकर किसी योग्य व्यक्ति को मंत्री पद देना चाहिए.

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