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लैंडस्लाइड जोन घोषित हुआ जोशीमठ, 60 से ज्यादा परिवारों को किया गया रेस्क्यू - More than 60 families rescued from Joshimath

जोशीमठ में लगातार हो रहे भू-धंसाव को लेकर आपदा के हालात है. ऐसे में सरकार ने जान-माल की हानि होने से बचाने के लिए जोशीमठ को लैंडस्लाइड जोन घोषित किया है. वहीं, जोशीमठ से 60 परिवारों को रेस्क्यू किया गया है.

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लैंडस्लाइड जोन घोषित हुआ जोशीमठ
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Published : Jan 8, 2023, 9:01 PM IST

Updated : Jan 8, 2023, 9:16 PM IST

देहरादून/चमोली: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में जानमाल की सुरक्षा के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. शहर के लगभग डेढ़ किलोमीटर के भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र को लैंडस्लाइड जोन घोषित किया गया है. वहीं, रविवार को यहां क्षतिग्रस्त घरों से 60 से अधिक परिवारों को रेस्क्यू किया गया है. जोशीमठ का अध्ययन कर लौटी विशेषज्ञों की टीम की रिपोर्ट के आधार पर यह कदम उठाया गया है. दीर्घकालिक समाधान के लिए जोशीमठ का जियो टेक्निकल और जियोफिजिकल अध्ययन कराया जाएगा. जिन क्षेत्रों में घरों में दरारें नहीं हैं, वहां भवन निर्माण के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी. इसके साथ ही हाइड्रोलाजिकल अध्ययन भी कराने का निर्णय लिया गया है.

गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि क्षतिग्रस्त घरों से 60 परिवारों को आज रेस्क्यू किया गया और कम से कम 90 परिवारों को और निकाला जाना बाकी है, इन्हें जल्द से जल्द बाहर निकालना होगा. आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि जोशीमठ में कुल 4,500 रिहायशी भवन हैं और इनमें से 610 में बड़ी दरारें पड़ गई हैं, जिससे ये रहने लायक नहीं रह गए हैं. अभी भवन सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है और यह संख्या बढ़ भी सकती है.
ये भी पढ़ें: जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर PMO में हाईलेवल मीटिंग, कल पहुंचेगी NDMA की टीम

गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र जिसमें अधिकांश घरों में पहले दरारें आ गई थीं और हाल में जिन घरों में दरारें आई हैं, उसका क्षेत्र करीब डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा फैला हो सकता है. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में काफी समय से जमीन धंसने का काम धीरे-धीरे हो रहा है, लेकिन पिछले एक हफ्ते में यह बढ़ गया है और घरों, खेतों और सड़कों में बड़ी दरारें दिखाई दे रही हैं.

सेना ने जवानों को बुलाया: जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते सेना ने किराए के घर में रहने वाले अपने जवानों को अपने कैंपों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. जोशीमठ में भारतीय सेना की बिग्रेड और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की एक बटालियन तैनात है. जोशीमठ भारत तिब्बत सीमा के पास अंतिम शहर है. यहां से नीति और माणा घाटियां भारत-तिब्बत सीमा से जुड़ती हैं. इस बटालियन के कई जवान जोशीमठ में किराए के मकान में रहते हैं. किसी अनहोनी से बचने के लिए सेना ने जवानों को ऐसे किराए के मकान तत्काल खाली करने को कहा है जहां दरारें आ रही हैं.

(इनपुट-PTI)

देहरादून/चमोली: उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में जानमाल की सुरक्षा के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. शहर के लगभग डेढ़ किलोमीटर के भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र को लैंडस्लाइड जोन घोषित किया गया है. वहीं, रविवार को यहां क्षतिग्रस्त घरों से 60 से अधिक परिवारों को रेस्क्यू किया गया है. जोशीमठ का अध्ययन कर लौटी विशेषज्ञों की टीम की रिपोर्ट के आधार पर यह कदम उठाया गया है. दीर्घकालिक समाधान के लिए जोशीमठ का जियो टेक्निकल और जियोफिजिकल अध्ययन कराया जाएगा. जिन क्षेत्रों में घरों में दरारें नहीं हैं, वहां भवन निर्माण के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी. इसके साथ ही हाइड्रोलाजिकल अध्ययन भी कराने का निर्णय लिया गया है.

गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि क्षतिग्रस्त घरों से 60 परिवारों को आज रेस्क्यू किया गया और कम से कम 90 परिवारों को और निकाला जाना बाकी है, इन्हें जल्द से जल्द बाहर निकालना होगा. आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि जोशीमठ में कुल 4,500 रिहायशी भवन हैं और इनमें से 610 में बड़ी दरारें पड़ गई हैं, जिससे ये रहने लायक नहीं रह गए हैं. अभी भवन सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है और यह संख्या बढ़ भी सकती है.
ये भी पढ़ें: जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर PMO में हाईलेवल मीटिंग, कल पहुंचेगी NDMA की टीम

गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र जिसमें अधिकांश घरों में पहले दरारें आ गई थीं और हाल में जिन घरों में दरारें आई हैं, उसका क्षेत्र करीब डेढ़ किलोमीटर से ज्यादा फैला हो सकता है. उन्होंने कहा कि जोशीमठ में काफी समय से जमीन धंसने का काम धीरे-धीरे हो रहा है, लेकिन पिछले एक हफ्ते में यह बढ़ गया है और घरों, खेतों और सड़कों में बड़ी दरारें दिखाई दे रही हैं.

सेना ने जवानों को बुलाया: जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते सेना ने किराए के घर में रहने वाले अपने जवानों को अपने कैंपों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. जोशीमठ में भारतीय सेना की बिग्रेड और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की एक बटालियन तैनात है. जोशीमठ भारत तिब्बत सीमा के पास अंतिम शहर है. यहां से नीति और माणा घाटियां भारत-तिब्बत सीमा से जुड़ती हैं. इस बटालियन के कई जवान जोशीमठ में किराए के मकान में रहते हैं. किसी अनहोनी से बचने के लिए सेना ने जवानों को ऐसे किराए के मकान तत्काल खाली करने को कहा है जहां दरारें आ रही हैं.

(इनपुट-PTI)

Last Updated : Jan 8, 2023, 9:16 PM IST
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