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टीबी और डेंगू को लेकर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत की अधिकारियों के साथ बैठक, दिए ये निर्देश - डेंगू

स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने प्रदेश में डेंगू की रोकथाम के लिये विभागीय अधिकारियों को प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अक्टूबर तक का समय डेंगू संक्रमण के लिये काफी संवेदनशील है, जिसको देखते हुये प्रत्येक स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग की जरूरत है. प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रदेश में निक्षय मित्र बनाने के अभियान में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश स्तर पर टीबी उन्मूलन अभियान की हर सप्ताह समीक्षा की जायेगी.

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देहरादून
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Published : Sep 22, 2022, 7:49 AM IST

देहरादून: स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान एवं डेंगू की रोकथाम को लेकर विभागीय अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज विभाग एवं सहकारिता विभाग के उच्चाधिकारियों ने प्रतिभाग किया. इस दौरान धन सिंह रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश में अब तक करीब 650 डेंगू के मामले सामने आये हैं, जिनमें से अधिकतर देहरादून और हरिद्वार जनपदों में हैं. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को डेंगू के संक्रमण की रोकथाम के लिये प्रभावी कदम उठाने व संभावित क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाये जाने के निर्देश दिए.

उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चिन्हित डेंगू मरीजों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए. टीबी मुक्त अभियान की समीक्षा करते हुये विभागीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में करीब 15,200 चिन्हित टीबी मरीजों को आगामी 02 अक्टूबर तक निक्षय मित्रों द्वारा गोद लिया जाना है. भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पंचायतीराज विभाग व सहकारिता विभाग को टीबी मरीजों को 1 से 3 वर्ष तक गोद लेकर अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भागीदारी निभानी है.

इसके अलावा औद्योगिक संस्थान, एनजीओ, शिक्षण संस्थान, राजनीतिक दल व व्यक्ति विशेष भी निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के उपचार में भागीदार बन सकते हैं. बैठक में सचिव सहकारिता बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि सहकारिता विभाग के अंतर्गत सभी 670 पैक्स समितियां एवं 350 सहकारी बैंक व वह स्वयं तथा विभागीय अधिकारी निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के उपचार में भगीदारी सुनिश्चित करेंगे. इसके लिये उन्होंने शीघ्र ही विभागीय बैठक का आयोजन कर सभी समितियों व सहकारी बैंकों को निर्देश जारी करने की बात कही हैं.

बैठक में निदेशक पंचायतीराज विभाग बंशीधर तिवारी ने कहा कि टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान में विभाग के अंतर्गत सभी जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ उप प्रमुख और ग्राम प्रधान स्वैच्छिक रूप से एक-एक टीबी मरीजों को गोद लेंगे.
पढ़ें- UKSSSC Paper Leak Case : एक क्लिक में जानिए उत्तराखंड के चर्चित कांड की पूरी कहानी

बैठक में सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार, महानिदेशक सूचना एवं निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, निबंधक सहकारिता आलोक पाण्डेय, प्रभारी महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ विनीता शाह, सीएमओ देहरादून डॉ मनोज उप्रेती, अपर निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती, संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी, डॉ एसके झा, डॉ पंकज सिंह आदि अधिकारी उपस्थित रहे जबकि सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी एवं डीटीओ ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया.

देहरादून: स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान एवं डेंगू की रोकथाम को लेकर विभागीय अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें स्वास्थ्य विभाग, पंचायतीराज विभाग एवं सहकारिता विभाग के उच्चाधिकारियों ने प्रतिभाग किया. इस दौरान धन सिंह रावत ने कहा कि पूरे प्रदेश में अब तक करीब 650 डेंगू के मामले सामने आये हैं, जिनमें से अधिकतर देहरादून और हरिद्वार जनपदों में हैं. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को डेंगू के संक्रमण की रोकथाम के लिये प्रभावी कदम उठाने व संभावित क्षेत्रों में जन जागरूकता अभियान चलाये जाने के निर्देश दिए.

उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि चिन्हित डेंगू मरीजों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाए. टीबी मुक्त अभियान की समीक्षा करते हुये विभागीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में करीब 15,200 चिन्हित टीबी मरीजों को आगामी 02 अक्टूबर तक निक्षय मित्रों द्वारा गोद लिया जाना है. भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के साथ ही पंचायतीराज विभाग व सहकारिता विभाग को टीबी मरीजों को 1 से 3 वर्ष तक गोद लेकर अभियान को सफल बनाने में सक्रिय भागीदारी निभानी है.

इसके अलावा औद्योगिक संस्थान, एनजीओ, शिक्षण संस्थान, राजनीतिक दल व व्यक्ति विशेष भी निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के उपचार में भागीदार बन सकते हैं. बैठक में सचिव सहकारिता बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने कहा कि सहकारिता विभाग के अंतर्गत सभी 670 पैक्स समितियां एवं 350 सहकारी बैंक व वह स्वयं तथा विभागीय अधिकारी निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के उपचार में भगीदारी सुनिश्चित करेंगे. इसके लिये उन्होंने शीघ्र ही विभागीय बैठक का आयोजन कर सभी समितियों व सहकारी बैंकों को निर्देश जारी करने की बात कही हैं.

बैठक में निदेशक पंचायतीराज विभाग बंशीधर तिवारी ने कहा कि टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान में विभाग के अंतर्गत सभी जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, ब्लॉक प्रमुख, ज्येष्ठ उप प्रमुख और ग्राम प्रधान स्वैच्छिक रूप से एक-एक टीबी मरीजों को गोद लेंगे.
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बैठक में सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम, सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार, महानिदेशक सूचना एवं निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, निबंधक सहकारिता आलोक पाण्डेय, प्रभारी महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ विनीता शाह, सीएमओ देहरादून डॉ मनोज उप्रेती, अपर निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती, संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी, डॉ एसके झा, डॉ पंकज सिंह आदि अधिकारी उपस्थित रहे जबकि सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी एवं डीटीओ ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया.

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