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चुनाव परिणाम से पहले हरीश रावत ने फिर छोड़े 'चुनावी तीर', कहा- सरकार बनी तो देंगे 'मुंडन पेंशन' - Scheme for those who perform Mundan rites

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले पहले हरीश रावत ने कहा है कि उनकी सरकार बनते ही वो कर्मकांड (मुंडन संस्कार) करने वाले लोगों की सुध लेंगे. उनके लिए सरकार पेंशन शुरू करेगी.

Harish Rawat
हरीश रावत
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Published : Feb 17, 2022, 3:25 PM IST

Updated : Feb 17, 2022, 3:36 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 10 मार्च को नतीजे आने हैं. उससे पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक और शिगूफा छोड़ा है. हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा है कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो वो सबसे पहले कर्मकांड करने वाले लोगों की सुध लेंगे. साथ ही राज्य सरकार उनसे लिए सम्मान पेंशन प्रारंभ करेगी. क्योंकि पहले यह मुंडन कर्म करने वाले कुछ लोग होते थे. लेकिन अब वो धीरे-धीरे समय के साथ विलुप्त हो रहे हैं.

हरीश रावत ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि कांग्रेस इसको अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं कर पाई. लेकिन सरकार बनते ही कांग्रेस कर्मकांड (मुंडन) करने वाले लोगों की सुध लेगी. उन्होंने कहा है कि सनातन धर्म में मानव के पूरे जीनवकाल में 16 संस्कार बताएं गए हैं, जिनमें से मुंडन संस्कार भी मुख्य संस्कार है. किसी भी शिशु का मुंडन संस्कार ज्यादातर पवित्र धार्मिक स्थलों पर किया जाता है. लेकिन इस बदलते दौर में अब मुंडन संस्कार करने वाले लोगों का इस काम से मोह भंग होता दिख रहा है.

चुनाव नतीजों से पहले हरीश रावत का ऐलान.

क्यों किया जाता है मुंडन संस्कार: मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में बच्चे का बल, आरोग्य, तेज को बढ़ाने और गर्भवस्था की अशुद्धियों को दूर करने के लिए मुंडन संस्कार किया जाता है. मुंडन संस्कार करवाने के पीछे पौराणिक मान्यता है कि इससे शिशु की बुद्धि पुष्ट होती है, जिससे बौद्धिक विकास सही से होता है. माना जाता है कि गर्भ के बालों का विसर्जन करने से बच्चे के पूर्व जन्म के पापों का मोचन हो जाता है.

पढ़ें- हरीश रावत देख रहे थे CM बनने का सपना, तभी प्रीतम सिंह ने जगा दिया !

दाह संस्कार के बाद मुंडन: मृत्यु के बाद पार्थिव शरीर के दाह संस्कार के बाद भी मुंडन करवाया जाता है. इसके पीछे कारण यह है कि जब पार्थिव देह को जलाया जाता है, तो उसमें से भी कुछ हानिकारक जीवाणु हमारे शरीर पर चिपक जाते हैं. नदी में स्नान और धूप में बैठने का भी इसीलिए महत्व है. सिर में चिपके इन जीवाणुओं को पूरी तरह निकालने के लिए ही मुंडन कराया जाता है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 10 मार्च को नतीजे आने हैं. उससे पहले पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक और शिगूफा छोड़ा है. हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर कहा है कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो वो सबसे पहले कर्मकांड करने वाले लोगों की सुध लेंगे. साथ ही राज्य सरकार उनसे लिए सम्मान पेंशन प्रारंभ करेगी. क्योंकि पहले यह मुंडन कर्म करने वाले कुछ लोग होते थे. लेकिन अब वो धीरे-धीरे समय के साथ विलुप्त हो रहे हैं.

हरीश रावत ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि कांग्रेस इसको अपने घोषणा पत्र में शामिल नहीं कर पाई. लेकिन सरकार बनते ही कांग्रेस कर्मकांड (मुंडन) करने वाले लोगों की सुध लेगी. उन्होंने कहा है कि सनातन धर्म में मानव के पूरे जीनवकाल में 16 संस्कार बताएं गए हैं, जिनमें से मुंडन संस्कार भी मुख्य संस्कार है. किसी भी शिशु का मुंडन संस्कार ज्यादातर पवित्र धार्मिक स्थलों पर किया जाता है. लेकिन इस बदलते दौर में अब मुंडन संस्कार करने वाले लोगों का इस काम से मोह भंग होता दिख रहा है.

चुनाव नतीजों से पहले हरीश रावत का ऐलान.

क्यों किया जाता है मुंडन संस्कार: मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म में बच्चे का बल, आरोग्य, तेज को बढ़ाने और गर्भवस्था की अशुद्धियों को दूर करने के लिए मुंडन संस्कार किया जाता है. मुंडन संस्कार करवाने के पीछे पौराणिक मान्यता है कि इससे शिशु की बुद्धि पुष्ट होती है, जिससे बौद्धिक विकास सही से होता है. माना जाता है कि गर्भ के बालों का विसर्जन करने से बच्चे के पूर्व जन्म के पापों का मोचन हो जाता है.

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दाह संस्कार के बाद मुंडन: मृत्यु के बाद पार्थिव शरीर के दाह संस्कार के बाद भी मुंडन करवाया जाता है. इसके पीछे कारण यह है कि जब पार्थिव देह को जलाया जाता है, तो उसमें से भी कुछ हानिकारक जीवाणु हमारे शरीर पर चिपक जाते हैं. नदी में स्नान और धूप में बैठने का भी इसीलिए महत्व है. सिर में चिपके इन जीवाणुओं को पूरी तरह निकालने के लिए ही मुंडन कराया जाता है.

Last Updated : Feb 17, 2022, 3:36 PM IST
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