देहरादून: उत्तराखंड में दूसरे प्रदेशों से लौट रहे प्रवासियों को क्वारंटीन करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधानों को दिये जाने पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है. बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चिलचिलाती धूप में बैठकर ग्राम प्रधानों की परेशानियों को उठाया. उन्होंने कहा संसाधन विहीन ग्राम प्रधान आखिर कैसे प्रवासियों की व्यवस्था संभालेंगे?
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा आज पंचायती व्यवस्था की अनदेखी करने के लिए ग्राम प्रधानों को ऐसा काम सौंपा गया है, जो काम उनके लिए वैमनस्य पैदा कर रहा है. इसके लिए उन्हें किसी तरह की आर्थिक मदद न देना उनके लिए एक पूर्ण उपेक्षा के भाव पैदा कर रहा है. हरीश रावत ने कहा वे ग्राम प्रधानों की बात को उठाते हुए चिलचिलाती धूप में बैठकर उनका समर्थन कर रहे हैं. हरीश रावत ने कहा वे निरंतर ट्वीट के माध्यम से इस बात को उठाते रहे हैं.
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दरअसल, ग्राम प्रधानों को प्रवासियों को क्वारंटाइन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसे लेकर कांग्रेस मुखर हो गई है. इसी कड़ी में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने 2 घंटे धूप में बैठकर तप करने का ऐलान किया था, जिसका समर्थन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी चिलचिलाती धूप में बैठकर ग्राम प्रधानों की समस्याओं को उठाया है. जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि ग्राम प्रधानों को सरकार ने अभी तक एक भी पैसा नहीं दिया है. जिससे ग्राम प्रधानों के सम्मान को ठेस पहुंच रही है.