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अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में तैनात अतिथि शिक्षकों के लिए जरूरी खबर, पढ़िए ये शासनादेश

उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में पहले से तैनात अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत दी गई है. अब उन्हें प्रदेश के अन्य विद्यालयों में तैनाती दी जाएगी. जिसे लेकर शासनादेश भी जारी किया जा चुका है.

atal utkrisht vidyalaya
अटल उत्कृष्ट विद्यालय
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Published : Aug 19, 2021, 7:26 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों का संचालन शुरू हो चुका है. साथ ही प्रदेश के 189 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश भी जारी किये गये हैं. जिसके बाद से ही यह सवाल उठ रहा था कि क्या अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में पहले से तैनात 400 अतिथि शिक्षकों को अब नौकरी से हटा दिया जाएगा? ऐसे में इस तरह की सभी अटकलों पर विराम लग गया है. अब अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में तैनात अतिथि शिक्षकों को जल्द ही प्रदेश के अन्य विद्यालयों में तैनाती दी जाएगी.

दरअसल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी की ओर से एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है. जिसमें यह साफतौर पर कहा गया कि ऐसे अतिथि शिक्षक जिनके स्थान पर अटल उत्कृष्ट विद्यालय में प्रवक्ता सहायक अध्यापक एलटी को नवीन तैनाती दी गई है, उन अतिथि शिक्षकों को जल्द ही अटल उत्कृष्ट विद्यालयों से अलग आवश्यकता वाले विद्यालयों में तैनाती दी जाएगी.

ये भी पढ़ेंः अटल आदर्श विद्यालय का शुभारंभ, स्मार्ट क्लास में शिक्षित होंगे बच्चे

वहीं, यदि किसी जनपद के विद्यालयों में इन शिक्षकों के लिए पत्र लिखना हो तो ऐसे अतिथि शिक्षकों की सूची मंडलीय अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा को प्रेषित की जाएगी. मंडलीय अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा ऐसे अतिथि शिक्षकों को मंडलातंर्गत अटल उत्कृष्ट विद्यालयों से अलग विद्यालयों में तैनात करेंगे.

क्या हैं अटल उत्कृष्ट विद्यालयः प्रदेश सरकार ने बच्चे को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से अटल उत्कृष्ट विद्यालय का संचालन शुरू किया है. हर गरीब बच्चा इन विद्यालयों में पढ़कर समय की मांग के अनुसार शिक्षित हो सकेगा. सभी अटल उत्कृष्ट विद्यालय सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त होंगे. ये सभी स्कूल स्मार्ट क्लासेस के अलावा अन्य अत्याधुनिक शिक्षा व्यवस्थाओं से भी लैस होंगे.

ये भी पढ़ेंः रामनगर में छात्राओं को कॉलेज से बाहर निकालने पर अभिभावकों का हंगामा, जानिए पूरा मामला

अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में छात्रों को कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12वीं तक अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दी जाएगी. माना जा रहा है कि इन विद्यालयों के संचालन के बाद पहाड़ी क्षेत्रों के बच्चों को अंग्रेजी मीडियम से पढ़ने का मौका मिलेगा. इसके अलावा इन विद्यालयों के संचालन से काफी हद तक पलायन रुकने की बात भी की जा रही है.

देहरादूनः उत्तराखंड में अटल उत्कृष्ट विद्यालयों का संचालन शुरू हो चुका है. साथ ही प्रदेश के 189 अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश भी जारी किये गये हैं. जिसके बाद से ही यह सवाल उठ रहा था कि क्या अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में पहले से तैनात 400 अतिथि शिक्षकों को अब नौकरी से हटा दिया जाएगा? ऐसे में इस तरह की सभी अटकलों पर विराम लग गया है. अब अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में तैनात अतिथि शिक्षकों को जल्द ही प्रदेश के अन्य विद्यालयों में तैनाती दी जाएगी.

दरअसल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी की ओर से एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है. जिसमें यह साफतौर पर कहा गया कि ऐसे अतिथि शिक्षक जिनके स्थान पर अटल उत्कृष्ट विद्यालय में प्रवक्ता सहायक अध्यापक एलटी को नवीन तैनाती दी गई है, उन अतिथि शिक्षकों को जल्द ही अटल उत्कृष्ट विद्यालयों से अलग आवश्यकता वाले विद्यालयों में तैनाती दी जाएगी.

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वहीं, यदि किसी जनपद के विद्यालयों में इन शिक्षकों के लिए पत्र लिखना हो तो ऐसे अतिथि शिक्षकों की सूची मंडलीय अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा को प्रेषित की जाएगी. मंडलीय अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा ऐसे अतिथि शिक्षकों को मंडलातंर्गत अटल उत्कृष्ट विद्यालयों से अलग विद्यालयों में तैनात करेंगे.

क्या हैं अटल उत्कृष्ट विद्यालयः प्रदेश सरकार ने बच्चे को बेहतर शिक्षा देने के उद्देश्य से अटल उत्कृष्ट विद्यालय का संचालन शुरू किया है. हर गरीब बच्चा इन विद्यालयों में पढ़कर समय की मांग के अनुसार शिक्षित हो सकेगा. सभी अटल उत्कृष्ट विद्यालय सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त होंगे. ये सभी स्कूल स्मार्ट क्लासेस के अलावा अन्य अत्याधुनिक शिक्षा व्यवस्थाओं से भी लैस होंगे.

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अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में छात्रों को कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12वीं तक अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दी जाएगी. माना जा रहा है कि इन विद्यालयों के संचालन के बाद पहाड़ी क्षेत्रों के बच्चों को अंग्रेजी मीडियम से पढ़ने का मौका मिलेगा. इसके अलावा इन विद्यालयों के संचालन से काफी हद तक पलायन रुकने की बात भी की जा रही है.

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