मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी की फिजाएं इन दिनों सर्द हैं. जिसके कारण यहां का मौसम रुमानी है. जिसे देखते हुए देश दुनिया के तमाम पर्यटक मसूरी के सर्द मौसम और बर्फबारी का आनंद लेने यहां पहुंचते हैं. इसी कारण मसूरी में भव्य विंटर लाइन कार्निवाल का आयोजन किया जाता है. जिसका आज शुभारंभ हो गया है. विंटर कार्निवाल के पहले दिन मसूरी में फूड फेस्टिवल आयोजित किया गया. जिसका शुभारंभ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और गणेश जोशी ने किया .
उत्तराखंड के पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए मसूरी में चार दिवसीय फूड फेस्टिवल का आगाज हो गया है. चार दिवसीय फूड फेस्टिवल पर मसूरी आने वाले पर्यटक पहाड़ी व्यंजनों का आनंद लें सकेंगे. मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल के तहत कराये जा रहे चार दिवसीय फूड फेस्टिवल का कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और कैबिनेट मंत्री गणेश ने संयुक्त रूप से शुभांरभ किया. इस दौरान दोनों कैबिनेट मंत्रियों के स्टाल्स का निरीक्षण किया. साथ ही उन्होंने स्थानीय उत्पादों से बने व्यजनों का जमकर आंनद भी लिया.
पढे़ं- मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल: उत्तराखंड के पारंपरिक व्यजनों का लुत्फ उठा रहे पर्यटक
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से पहाड़ों की रानी मसूरी में 27 से 30 दिसंबर तक फूड फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. माल रोड पर आयोजित हो रहे फूड फेस्टिवल में पर्यटक उत्तराखंड के पहाड़ी पकवान का लुत्फ उठा रहे हैं. पहले दिन फूड फेस्टिवल दौरान पर्यटकों ने जमकर पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाया. इस दौरान विभिन्न व्यंजनों औऱ मिठाइयों का स्वाद चखने को लोगों का तांता लगा रहा. फूड फेस्टिवल में गढ़वाली और कुमाऊंनी व्यंजन जैसे फूड धूमरू पल्लर, अल्मोड़ा की बाल मिठाई, मंडुवा व जौ की रोटी, कुलथ की दाल, कद्दू का रायता, तिल की चटनी, झंगोरे की खीर, मीठा भात, गुलगुला, तुअर दाल, झंगोरा व कंडाली का साग आदि व्यजन छाये रहे. फूड फेस्टिवल में उत्तराखंडी लोक नृत्य, लाइव बैंड और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जा रहा है. जिसमें स्थानीय कलाकार प्रस्तुति दे रहे हैं.
पढे़ं- उत्तराखंड के मसूरी में विंटर लाइन कार्निवाल, पलाश सेन के यूफोरिया बैंड ने मचाया धूम
इस दौरान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा विंटर लाइन कार्निवल टूरिज्म आकर्षण का बड़ा जरिया है. उन्होंने कहा कार्निवाल के माध्यम से देश-विदेश से आने वाले पर्यटक भी प्रदेश की संस्कृति से रूबरू होंगे. वे प्रदेश के पहाड़ी उत्पादों से तैयार होने वाले व्यंजनों का भी लुप्त भी उठा सकेंगे. जिससे इन उत्पादों को नई पहचान मिलेगी. उन्होंने बताया मसूरी में नोटिफाइड और डि-नोटिफाईड का सर्वे लगभग पूरा हो चुका है. कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा किसी भी प्रदेश और समाज की उसकी पहचान उसकी सांस्कृतिक विरासत से होती है. जिसको जिंदा रखने का मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल के तहत कार्य किया जा रहा है. जिसमें प्रदेश की विभिन्न क्षेत्रों के संस्कृति को प्रदर्शित किया गया है.