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देहरादून में पूर्व राष्ट्रपति ने बाबा साहेब की प्रतिमा पर अर्पित की पुष्पांजलि, जानें- क्यों इस मूर्ति को देख भावुक हो गए थे कोविंद

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Published : Apr 14, 2023, 7:23 PM IST

Updated : Apr 14, 2023, 8:06 PM IST

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 14 अप्रैल को देहरादून पहुंचे. देहरादून में उन्होंने अम्बेडकर जयंती के मौके पर बाबा साहेब को पुष्पांजलि अर्पित की. पूर्व राष्ट्रपति तीन दिनों तक उत्तराखंड प्रवास पर रहेंगे. यहां वो विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे.

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देहरादून पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद

देहरादून: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज (14 अप्रैल) से तीन दिवसीय दौरे पर देहरादून पहुंचे. इस दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और सीएम धामी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया. इसके बाद राज्यपाल और सीएम धामी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ गढ़ी कैंट पहुंचे. यहां अम्बेडकर जयंती के मौके पर पूर्व राष्ट्रपति ने भारत रत्न बीआर अम्बेडकर की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए. इस दौरान वहां स्कूली बच्चे भी मौजूद रहे. इन स्कूली बच्चों से पूर्व राष्ट्रपति ने मुलाकात की और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई.

ram nath kovind
भारत रत्न बीआर अम्बेडकर की मूर्ति पर पुष्प अर्पित करते पूर्व राष्ट्रपति.

अम्बेडकर की प्रतिमा के पीछे है कहानी: बता दें कि, बीआर अम्बेडकर की ये मूर्ति पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए खास है. इसके पीछे एक कहानी है. दरअसल, साल 2021 में जब रामनाथ कोविंद देश के राष्ट्रपति पद पर थे, तब भी वो उत्तराखंड के दौरे पर देहरादून पहुंचे थे और गढ़ी कैंट स्थित इस मूर्ति पर पुष्पांजलि की थी. हालांकि, तब उनको एक शिकायत थी जिसे उन्होंने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को बताया था और राज्यपाल ने भी देर न करते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति की इच्छा पूरी की थी.

पढ़ें- Dr BR Ambedkar Statue: हैदराबाद में 125 फीट ऊंची डॉ बीआर आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण

जब भावुक हो गए थे कोविंद: दरअसल, तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यपाल ने कहा था कि गढ़ी कैंट में लगी भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की ये मूर्ति छोटी है. तब राष्ट्रपति की इच्छा का सम्मान करते हुए राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कैंट बोर्ड के सीईओ से तुरंत मूर्ति के आकार को बड़ा करने का अनुरोध किया था. राज्यपाल के अनुरोध पर मूर्ति को न केवल बड़ा किया गया बल्कि मूर्ति को और बेहतर स्वरूप भी दिया गया. कार्य पूरा होने के बाद राज्यपाल गुरमीत सिंह दिल्ली गए और मूर्ति के नए स्वरूप को तत्कालीन राष्ट्रपति को दिखाया. नई प्रतिमा को देख रामनाथ कोविंद काफी भावुक हो गए थे और उन्होंने सभी को धन्यवाद दिया था.

ram nath kovind
पूर्व राष्ट्रपति का किया गया सम्मान.

मसूरी LBS अकादमी में कार्यक्रम: गौर हो कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज से उत्तराखंड के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. इन दौरान वो देहरादून स्थित राजभवन में ही रात्रि विश्राम करेंगे. राजभवन में पूर्व राष्ट्रपति के लिए राजकीय भोज का आयोजन किया गया है. उत्तराखंड प्रवास के अगले दो दिन यानी 15 और 16 अप्रैल को रामनाथ कोविंद मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी का दौरा करेंगे. मसूरी LBS अकादमी में पूर्व राष्ट्रपति कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे. इस दौरान उनके साथ राज्यपाल गुरमीत सिंह भी मौजूद रहेंगे.

देहरादून: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज (14 अप्रैल) से तीन दिवसीय दौरे पर देहरादून पहुंचे. इस दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और सीएम धामी ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया. इसके बाद राज्यपाल और सीएम धामी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ गढ़ी कैंट पहुंचे. यहां अम्बेडकर जयंती के मौके पर पूर्व राष्ट्रपति ने भारत रत्न बीआर अम्बेडकर की मूर्ति पर पुष्प अर्पित किए. इस दौरान वहां स्कूली बच्चे भी मौजूद रहे. इन स्कूली बच्चों से पूर्व राष्ट्रपति ने मुलाकात की और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई.

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भारत रत्न बीआर अम्बेडकर की मूर्ति पर पुष्प अर्पित करते पूर्व राष्ट्रपति.

अम्बेडकर की प्रतिमा के पीछे है कहानी: बता दें कि, बीआर अम्बेडकर की ये मूर्ति पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए खास है. इसके पीछे एक कहानी है. दरअसल, साल 2021 में जब रामनाथ कोविंद देश के राष्ट्रपति पद पर थे, तब भी वो उत्तराखंड के दौरे पर देहरादून पहुंचे थे और गढ़ी कैंट स्थित इस मूर्ति पर पुष्पांजलि की थी. हालांकि, तब उनको एक शिकायत थी जिसे उन्होंने राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को बताया था और राज्यपाल ने भी देर न करते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति की इच्छा पूरी की थी.

पढ़ें- Dr BR Ambedkar Statue: हैदराबाद में 125 फीट ऊंची डॉ बीआर आंबेडकर की प्रतिमा का अनावरण

जब भावुक हो गए थे कोविंद: दरअसल, तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यपाल ने कहा था कि गढ़ी कैंट में लगी भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की ये मूर्ति छोटी है. तब राष्ट्रपति की इच्छा का सम्मान करते हुए राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कैंट बोर्ड के सीईओ से तुरंत मूर्ति के आकार को बड़ा करने का अनुरोध किया था. राज्यपाल के अनुरोध पर मूर्ति को न केवल बड़ा किया गया बल्कि मूर्ति को और बेहतर स्वरूप भी दिया गया. कार्य पूरा होने के बाद राज्यपाल गुरमीत सिंह दिल्ली गए और मूर्ति के नए स्वरूप को तत्कालीन राष्ट्रपति को दिखाया. नई प्रतिमा को देख रामनाथ कोविंद काफी भावुक हो गए थे और उन्होंने सभी को धन्यवाद दिया था.

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पूर्व राष्ट्रपति का किया गया सम्मान.

मसूरी LBS अकादमी में कार्यक्रम: गौर हो कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज से उत्तराखंड के तीन दिवसीय दौरे पर हैं. इन दौरान वो देहरादून स्थित राजभवन में ही रात्रि विश्राम करेंगे. राजभवन में पूर्व राष्ट्रपति के लिए राजकीय भोज का आयोजन किया गया है. उत्तराखंड प्रवास के अगले दो दिन यानी 15 और 16 अप्रैल को रामनाथ कोविंद मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी का दौरा करेंगे. मसूरी LBS अकादमी में पूर्व राष्ट्रपति कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे. इस दौरान उनके साथ राज्यपाल गुरमीत सिंह भी मौजूद रहेंगे.

Last Updated : Apr 14, 2023, 8:06 PM IST
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