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खुशखबरी: 1 सितंबर से पर्यटकों के लिए खुलेगा FRI, यहां करना होगा रजिस्ट्रेशन - देहरादून न्यूज

आगामी 1 तारीख से वन अनुसंधान संस्थान (FRI) देहरादून को पर्यटकों के लिए कोविड प्रोटोकॉल के तहत खोलने की तैयारी की जा चुकी है.

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वन अनुसंधान केंद्र देहरादून
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Published : Aug 28, 2021, 9:20 AM IST

Updated : Aug 28, 2021, 11:14 AM IST

देहरादून: आगामी 1 तारीख से वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) को पर्यटकों के लिए कोविड प्रोटोकॉल के तहत खोलने की तैयारी की जा चुकी है. संस्थान के मीडिया प्रभारी वीरेंद्र रावत के मुताबिक कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए 1 तारीख से प्रतिदिन 100 आगंतुकों के लिए एफआरआई कैंपस में आने की अनुमति दी गई है. भविष्य में स्थिति को देखते हुए यह संख्या और बढ़ाई जा सकती है.

बता दें कि, आगंतुकों के लिए कैंपस सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा. हालांकि, एफआरआई कैंपस में केवल ऑनलाइन पंजीकृत पर्यटक ही प्रवेश कर पाएंगे. एफआरआई कैंपस का दीदार करने वाले पर्यटक संस्थान की वेबसाइट fri.icfre.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस वेबसाइट पर पंजीकरण के बाद पर्यटक इसका प्रिंट आउट दिखाकर संस्थान के गेट पर आगंतुक शुल्क जमा कर सकते हैं.

देहरादून में स्थित वन अनुसंधान संस्थान अपने आप में विशेष महत्व रखता है. इस संस्थान की स्थापना 1906 में की गई थी. एफआरआई अपनी शानदार ऐतिहासिक इमारत के लिए पूरे देश में जाना जाता है. यह इमारत ब्रिटिश काल के समय की बनी हुई है. एफआरआई की इस इमारत में वनस्पति संग्रहालय भी है. जहां दूर-दूर से पर्यटक और शोधकर्ता आकर वनस्पति जगत से जुड़ी जानकारियां हासिल करते हैं. कोविड संक्रमण में कमी आने के बाद पर्यटक पुनः 1 सितंबर से एफआरआई कैंपस का आनंद ले सकते हैं. अभी तक एफआरआई घूमने आए पर्यटकों को नो एंट्री की वजह से मायूस होकर वापस लौटना पड़ता था.

1906 में हुई थी स्थापना: वन अनुसंधान संस्थान भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद का एक संस्थान है और भारत में वानिकी अनुसंधान के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है. यह देहरादून में स्थित है और अपने समय का सबसे पुराने संस्थानों में से एक है. 1991 में यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा एक डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किया गया था. यह 1906 में इंपीरियल वन अनुसंधान संस्थान के रूप में स्थापित हुआ था, वन अनुसंधान संस्थान (FRI) देहरादून भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) के तहत एक प्रमुख संस्थान है.

पढ़ें: चमोली: बेनीताल को एस्ट्रो विलेज के रूप में विकसित करने की कवायद तेज

बॉलीवुड फिल्म निर्देशकों की पसंद: फिल्म निर्माता व निर्देशक एफआरआई को शूटिंग के लिए खुद को बेहद मुफीद मानते हैं. 450 हेक्टेअर में फैले एफआरआई की खूबसूरती बेहद जुदा है. ब्रिटिशकालीन मेन बिल्डिंग ग्रेसो-जर्मन व कोलोनियल स्टाइल के आर्किटेक से बनी हुई है. जहां स्टे करने के लिए गेस्ट हाउस, नेचर ब्यूटी, कैंटीन व दर्जनों गाड़ियों की पार्किंग सुविधा है. इसीलिए ये स्थान फिल्म मेकर्स को भा जाती है. जिसके लिए लगातार एफआरआई प्रशासन से लगातार फिल्म मेकर्स अप्रोच करते रहते हैं. हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते मार्च से यहां टूरिस्ट की एंट्री और फिल्म शूटिंग पर बैन है.

इन फिल्मों की हो चुकी शूटिंग: एफआरआई में कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. जिसमें दुल्हन एक रात की, कृष्णा कॉटेज, रहना है तेरे दिल में, कमरा नंबर 404, पान सिंह तोमर, स्टूडेंट ऑफ द ईयर, स्टूडेंट ऑफ द ईयर-2, दिल्ली खबर, डियर डैडी, महर्षि, यारा जीनियस आदि शामिल है.

देहरादून: आगामी 1 तारीख से वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) को पर्यटकों के लिए कोविड प्रोटोकॉल के तहत खोलने की तैयारी की जा चुकी है. संस्थान के मीडिया प्रभारी वीरेंद्र रावत के मुताबिक कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए 1 तारीख से प्रतिदिन 100 आगंतुकों के लिए एफआरआई कैंपस में आने की अनुमति दी गई है. भविष्य में स्थिति को देखते हुए यह संख्या और बढ़ाई जा सकती है.

बता दें कि, आगंतुकों के लिए कैंपस सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा. हालांकि, एफआरआई कैंपस में केवल ऑनलाइन पंजीकृत पर्यटक ही प्रवेश कर पाएंगे. एफआरआई कैंपस का दीदार करने वाले पर्यटक संस्थान की वेबसाइट fri.icfre.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस वेबसाइट पर पंजीकरण के बाद पर्यटक इसका प्रिंट आउट दिखाकर संस्थान के गेट पर आगंतुक शुल्क जमा कर सकते हैं.

देहरादून में स्थित वन अनुसंधान संस्थान अपने आप में विशेष महत्व रखता है. इस संस्थान की स्थापना 1906 में की गई थी. एफआरआई अपनी शानदार ऐतिहासिक इमारत के लिए पूरे देश में जाना जाता है. यह इमारत ब्रिटिश काल के समय की बनी हुई है. एफआरआई की इस इमारत में वनस्पति संग्रहालय भी है. जहां दूर-दूर से पर्यटक और शोधकर्ता आकर वनस्पति जगत से जुड़ी जानकारियां हासिल करते हैं. कोविड संक्रमण में कमी आने के बाद पर्यटक पुनः 1 सितंबर से एफआरआई कैंपस का आनंद ले सकते हैं. अभी तक एफआरआई घूमने आए पर्यटकों को नो एंट्री की वजह से मायूस होकर वापस लौटना पड़ता था.

1906 में हुई थी स्थापना: वन अनुसंधान संस्थान भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद का एक संस्थान है और भारत में वानिकी अनुसंधान के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है. यह देहरादून में स्थित है और अपने समय का सबसे पुराने संस्थानों में से एक है. 1991 में यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा एक डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित किया गया था. यह 1906 में इंपीरियल वन अनुसंधान संस्थान के रूप में स्थापित हुआ था, वन अनुसंधान संस्थान (FRI) देहरादून भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (आईसीएफआरई) के तहत एक प्रमुख संस्थान है.

पढ़ें: चमोली: बेनीताल को एस्ट्रो विलेज के रूप में विकसित करने की कवायद तेज

बॉलीवुड फिल्म निर्देशकों की पसंद: फिल्म निर्माता व निर्देशक एफआरआई को शूटिंग के लिए खुद को बेहद मुफीद मानते हैं. 450 हेक्टेअर में फैले एफआरआई की खूबसूरती बेहद जुदा है. ब्रिटिशकालीन मेन बिल्डिंग ग्रेसो-जर्मन व कोलोनियल स्टाइल के आर्किटेक से बनी हुई है. जहां स्टे करने के लिए गेस्ट हाउस, नेचर ब्यूटी, कैंटीन व दर्जनों गाड़ियों की पार्किंग सुविधा है. इसीलिए ये स्थान फिल्म मेकर्स को भा जाती है. जिसके लिए लगातार एफआरआई प्रशासन से लगातार फिल्म मेकर्स अप्रोच करते रहते हैं. हालांकि, कोरोना संक्रमण के चलते मार्च से यहां टूरिस्ट की एंट्री और फिल्म शूटिंग पर बैन है.

इन फिल्मों की हो चुकी शूटिंग: एफआरआई में कई बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है. जिसमें दुल्हन एक रात की, कृष्णा कॉटेज, रहना है तेरे दिल में, कमरा नंबर 404, पान सिंह तोमर, स्टूडेंट ऑफ द ईयर, स्टूडेंट ऑफ द ईयर-2, दिल्ली खबर, डियर डैडी, महर्षि, यारा जीनियस आदि शामिल है.

Last Updated : Aug 28, 2021, 11:14 AM IST
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