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उत्तराखंड पुलिस का 'मेडिसिन मैन', लॉकडाउन में घरों तक पहुंचा रहा दवा

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Published : May 13, 2021, 6:26 PM IST

Updated : May 13, 2021, 7:02 PM IST

कोरोना काल में हर कोई सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहा है. लोगों को तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उत्तराखंड पुलिस का एक जवान मेडिसिन मैन के तौर पर लोगों की मदद कर रहा है.

मेडिसिन मैन
मेडिसिन मैन

देहरादून: कोरोना की पहली लहर में पिछले साल जहां जरूरतमंदों की मदद के लिए उत्तराखंड ने ऑपरेशन 'संजीवनी' चलाया, तो वहीं इस साल मिशन 'हौसले' की शुरूआत की. पिछले साल की तरह इस बार भी देहरादून के फायर ब्रिगेड विभाग में तैनात फायर मैन मनीष प्रसाद मेडिसिन मैन के तौर पर अहम भूमिका निभा रहे हैं. मनीष प्रसाद दिन-रात लोगों की सेवा में जुटे हैं. यही कारण है कि पिछले साल अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संस्था ने शाइनिंग वर्ल्ड केयर मनीष प्रसाद को सम्मानित किया था.

उत्तराखंड पुलिस का 'मेडिसिन मैन'

फायर ब्रिगेड में फायरमैन के पद पर तैनात मनीष कुमार पंत ने लॉकडाउन के दौरान पिछले साल मार्च में पहाड़ी और मैदानी जिलों में कई अनजान लोगों को अपने खर्चे से दवाइयां उपलब्ध करवाई थीं. वो ही जज्बा उनका इस बार भी देखने को मिल रहा है. मनीष कुमार पंत ने जिंदगी और मौत से जूझ रहे कई लोगों तक दवाई पहुंचाकर देवदूत का काम किया था.

पढ़ें- लॉकडाउन में मनीष ने फ्रंटलाइन में की थी सेवा, मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान

मनीष कुमार पिछले साल से लेकर अभीतक मैदान से लेकर पहाड़ तक के दूरस्थ इलाकों में 400 किलोमीटर का सफर कर चुके थे. इस दौरान उन्होंने कई लोगों तक दवाइयां पहुंचाई हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि मनीष ने अधिकाश लोगों को अपने खर्च पर ये दवाइयां पहुंचाई हैं. इसके लिए उन्होंने लोगों से पैसे नहीं लिए थे. इस बार भी वो ऐसा ही कर रहे हैं. जिन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. उन जगहों पर जाकर मनीष लोगों की सेवा कर रहे हैं.

उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने इस साल भी जरूरतमंदों के लिए मिशन हौसला चलाया है, जिसमें मनीष लोगों तक हर संभव मदद पहुंच रहे हैं. यही कारण है कि आज उनकी पहचान मेडिसिन मैन के रूप में बन गई है. मनीष प्रसाद ने बताया कि साल 2020 में लॉकडाउन लगने की वजह से लोग घरों में कैद हो गए थे. इस दौरान लोगों को जरूर दवाई भी नहीं मिल पा रही थी. कुछ दवाइयां ऐसी थीं, जो दिल्ली या फिर अन्य राज्यों से आती हैं. ऐसे ही लोग उनसे दवा के लिए संपर्क करते थे, जिन्हें वे दिल्ली या फिर अन्य जगहों से दवाई मगांकर देते थे. इस बार भी वो ऐसा ही कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि राज्य के दूरस्थ इलाकों में जहां डॉक्टरों की कमी है, वहीं वे टेली मेडिसिन के जरिए मरीजों की मदद कर रहे हैं. वहीं इन दिनों कई लोगों को ऑक्सीजन के अलावा कई तरह की दवाइयों की भी जरूरत पड़ रही है, जिन्हें वे उपलब्ध करा रहे हैं. इसके अलावा वे कोरोना मरीजों को बचाने के लिए ब्लड-प्लाज्मा भी उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड में 50% कोविड मरीजों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के अंदर : ऑडिट कमेटी

मनीष ने बताया कि हाल ही में सोशल मीडिया के जरिए उन्हें जानकारी मिली थी कि उत्तरकाशी में नवजात बच्ची की स्थिति काफी नाजुक है. ऐसे में उन्होंने दिल्ली में बैठे डॉक्टरों से नवजात का वीडियो दिखाकर परामर्श लिया. डॉक्टरों ने कुछ दवाई बताईं. ये दवाइयां उन्होंने दिल्ली से ही मंगाकर उत्तरकाशी भिजवायी. 48 घंटे में बच्ची की स्थिति सामान्य हो गई थी. बता दें कि मनीष पंत अब अपने गाने को लेकर सुर्खियों में हैं. मेरा इंडिया नाम से यू-ट्यूब पर अपलोड किए गाने पर कोरोना योद्धाओं के काम और जज्बे को दिखाया गया है. इसके अलावा भारतीय सेना के वीर जवानों का शौर्य भी देखने को मिलेगा.

मनीष पंत ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान 150 से अधिक बीमार लोगों तक दवाई पहुंचाई थी. वहीं इस साल भी 23 अप्रैल से लेकर 11 मई मनीष 34 मरीजों को दवाई पहुंचा चुके हैं. वहीं दो मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर भिजवाया. मिशन हौसला के तहत 3 मरीजों को प्लाज्मा दिया जा चुका है. जिससे उनकी जिंदगी बची. वहीं चार मरीजों की ब्लड मुहैया कराया.

देहरादून: कोरोना की पहली लहर में पिछले साल जहां जरूरतमंदों की मदद के लिए उत्तराखंड ने ऑपरेशन 'संजीवनी' चलाया, तो वहीं इस साल मिशन 'हौसले' की शुरूआत की. पिछले साल की तरह इस बार भी देहरादून के फायर ब्रिगेड विभाग में तैनात फायर मैन मनीष प्रसाद मेडिसिन मैन के तौर पर अहम भूमिका निभा रहे हैं. मनीष प्रसाद दिन-रात लोगों की सेवा में जुटे हैं. यही कारण है कि पिछले साल अंतरराष्ट्रीय सामाजिक संस्था ने शाइनिंग वर्ल्ड केयर मनीष प्रसाद को सम्मानित किया था.

उत्तराखंड पुलिस का 'मेडिसिन मैन'

फायर ब्रिगेड में फायरमैन के पद पर तैनात मनीष कुमार पंत ने लॉकडाउन के दौरान पिछले साल मार्च में पहाड़ी और मैदानी जिलों में कई अनजान लोगों को अपने खर्चे से दवाइयां उपलब्ध करवाई थीं. वो ही जज्बा उनका इस बार भी देखने को मिल रहा है. मनीष कुमार पंत ने जिंदगी और मौत से जूझ रहे कई लोगों तक दवाई पहुंचाकर देवदूत का काम किया था.

पढ़ें- लॉकडाउन में मनीष ने फ्रंटलाइन में की थी सेवा, मिला अंतरराष्ट्रीय सम्मान

मनीष कुमार पिछले साल से लेकर अभीतक मैदान से लेकर पहाड़ तक के दूरस्थ इलाकों में 400 किलोमीटर का सफर कर चुके थे. इस दौरान उन्होंने कई लोगों तक दवाइयां पहुंचाई हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि मनीष ने अधिकाश लोगों को अपने खर्च पर ये दवाइयां पहुंचाई हैं. इसके लिए उन्होंने लोगों से पैसे नहीं लिए थे. इस बार भी वो ऐसा ही कर रहे हैं. जिन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है. उन जगहों पर जाकर मनीष लोगों की सेवा कर रहे हैं.

उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने इस साल भी जरूरतमंदों के लिए मिशन हौसला चलाया है, जिसमें मनीष लोगों तक हर संभव मदद पहुंच रहे हैं. यही कारण है कि आज उनकी पहचान मेडिसिन मैन के रूप में बन गई है. मनीष प्रसाद ने बताया कि साल 2020 में लॉकडाउन लगने की वजह से लोग घरों में कैद हो गए थे. इस दौरान लोगों को जरूर दवाई भी नहीं मिल पा रही थी. कुछ दवाइयां ऐसी थीं, जो दिल्ली या फिर अन्य राज्यों से आती हैं. ऐसे ही लोग उनसे दवा के लिए संपर्क करते थे, जिन्हें वे दिल्ली या फिर अन्य जगहों से दवाई मगांकर देते थे. इस बार भी वो ऐसा ही कर रहे हैं.

उन्होंने बताया कि राज्य के दूरस्थ इलाकों में जहां डॉक्टरों की कमी है, वहीं वे टेली मेडिसिन के जरिए मरीजों की मदद कर रहे हैं. वहीं इन दिनों कई लोगों को ऑक्सीजन के अलावा कई तरह की दवाइयों की भी जरूरत पड़ रही है, जिन्हें वे उपलब्ध करा रहे हैं. इसके अलावा वे कोरोना मरीजों को बचाने के लिए ब्लड-प्लाज्मा भी उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड में 50% कोविड मरीजों की मौत अस्पताल में भर्ती होने के 48 घंटे के अंदर : ऑडिट कमेटी

मनीष ने बताया कि हाल ही में सोशल मीडिया के जरिए उन्हें जानकारी मिली थी कि उत्तरकाशी में नवजात बच्ची की स्थिति काफी नाजुक है. ऐसे में उन्होंने दिल्ली में बैठे डॉक्टरों से नवजात का वीडियो दिखाकर परामर्श लिया. डॉक्टरों ने कुछ दवाई बताईं. ये दवाइयां उन्होंने दिल्ली से ही मंगाकर उत्तरकाशी भिजवायी. 48 घंटे में बच्ची की स्थिति सामान्य हो गई थी. बता दें कि मनीष पंत अब अपने गाने को लेकर सुर्खियों में हैं. मेरा इंडिया नाम से यू-ट्यूब पर अपलोड किए गाने पर कोरोना योद्धाओं के काम और जज्बे को दिखाया गया है. इसके अलावा भारतीय सेना के वीर जवानों का शौर्य भी देखने को मिलेगा.

मनीष पंत ने पिछले साल लॉकडाउन के दौरान 150 से अधिक बीमार लोगों तक दवाई पहुंचाई थी. वहीं इस साल भी 23 अप्रैल से लेकर 11 मई मनीष 34 मरीजों को दवाई पहुंचा चुके हैं. वहीं दो मरीजों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर भिजवाया. मिशन हौसला के तहत 3 मरीजों को प्लाज्मा दिया जा चुका है. जिससे उनकी जिंदगी बची. वहीं चार मरीजों की ब्लड मुहैया कराया.

Last Updated : May 13, 2021, 7:02 PM IST
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