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इन परिवारों के खून में है देशप्रेम, सैन्य अफसर बन पीढ़ी-दर-पीढ़ी निभा रहे परंपरा - IMA Passing Out Parade Special News

IMA की पासिंग आउट परेड के बाद सेना को जल्द ही कई होनहार अफसर मिलने वाले हैं. इनमें कई ऐसे जेंटलमैन कैडेट्स ऐसे हैं जो अपनी पीढ़ियों की परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.

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सरहद पर देशसेवा का इन परिवारों ने पाया गौरवशाली मौका
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Published : Jun 11, 2021, 4:43 PM IST

Updated : Jun 11, 2021, 7:36 PM IST

देहरादून: देश की सेवा सरहद पर जाकर करने का मौका हर किसी को नहीं मिलता. लेकिन कई परिवार ऐसे हैं जो इस गौरवशाली मौके को परंपरा के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं. भारतीय सैन्य अकादमी में कई ऐसे जेंटलमैन कैडेट्स हैं जो अपनी पीढ़ियों की पंरपरा को निभाते हुए भारतीय सेना का हिस्सा बनने जा रहे हैं.

इन परिवारों के खून में है देशप्रेम

इन सभी परिवारों और जेंटलमैन कैडेट्स के लिए ये पल बेहद ही खास है. देश प्रेम के जोश और जज्बे के साथ ये जेंटलमैन कैडेट्स लगतार अपनी गौरवशाली परंपरा को बरकरार रखे हुए हैं. ऐसे ही कुछ जेंटलमैन कैडेट्स और जोशीले परिवारों से आज हम आपको रू-ब-रू करवाने जा रहे हैं, जो लगातार देश सेवा में लगे हैं.

भारतीय सैन्य अकादमी में 12 जून को 341 जेंटलमैन कैडेट्स पहले कदम के साथ भारतीय सेना का हिस्सा हो जाएंगे. इसमें कई ऐसे कैडेट्स भी हैं जिन्होंने अपने दादा और पिता के बाद तीसरी पीढ़ी में सेना के साथ जुड़कर अपनी परंपरा को आगे भी बढ़ाया है. उत्तराखंड के हल्द्वानी के रहने वाले दक्ष पंत भी इन्हीं में से एक हैं. दक्ष के दादा 1965 की जंग में सेना में शामिल हुए थे. इसके बाद उनके पिता भी सेना में अफसर के रूप में शामिल हुए. दक्ष से भी उनके माता-पिता को कुछ ऐसी ही उम्मीद थी. जिन पर दक्ष पंत खरे उतरे.

पढ़ें- IMA में ग्रेजुएशन सेरेमनी, 29 कैडेट्स को दी गई डिग्रियां

दक्ष ने कंप्यूटर इंजीनियर के रूप में अपनी तकनीकी शिक्षा पूरी की. मगर देश सेवा का जज्बा और परिवार की परंपराओं ने उन्हें चैन से सोने नहीं दिया. शायद यही कारण है कि उन्होंने सेना में जाने का फैसला किया. आज कड़ी मेहनत के दम पर दक्ष पंत ने उस मुकाम को हासिल कर लिया है. दक्ष पंत जल्द ही पासिंग आउट परेड के बाद सेना में बतौर अफसर शामिल होने जा रहे हैं. आज दक्ष युवाओं को संदेश देते हुए कहते हैं कि वे भीड़ के पीछे ना भागें. उन्होंने भी शुरुआती चरण में ऐसा ही किया था, जिसका नतीजा है कि वे देरी से सेना में शामिल हो रहे हैं.

पढ़ें-IMA POP 2021: कैडेटों ने दिखाया जोश, 341 कैडेट्स बनेंगे अफसर

अकादमी से पासआउट होने वाले दक्ष ऐसे अकेले नहीं हैं. ऐसे कई दूसरे जेंटलमैन कैडेट्स भी हैं जो इसी तरह से अपनी पीढ़ी दर पीढ़ी देश सेवा के जज्बे को आगे लेकर जा रहे हैं. मेरठ के रहने वाली आकाश और जालौन के सिद्धार्थ भी इन्हीं में से एक हैं. आकाश के पिता आर्मी में थे. आकाश दूसरी पीढ़ी के रूप में सेना में शामिल हुए हैं. उन्होंने अकादमी की तरफ से कोरोना के इन हालातों के बीच जेंटलमैन कैडेट्स की सुरक्षा और बेहतर प्रशिक्षण की तारीफ करते हुए अकादमी द्वारा किए गए वैक्सीनेशन कार्यक्रम का भी जिक्र किया.

पढ़ें-POP से पहले देखें IMA के जेंटलमैन कैडेट अभिषेक राणा का रैपर 'अवतार'

वहीं, जेंटलमैन कैडेट सिद्धार्थ ने बताया कि उनके पिता बीएसएफ में डीआईजी हैं. वे जम्मू कश्मीर के साथ ही एसपीजी और विदेशों में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं. उनका चचेरा भाई और चाचा भी आर्मी में ही सेवारत हैं. सिद्धार्थ कहते हैं उन्होंने बचपन से ही घर में अनुशासन को अहमियत दी. आज उनके परिवार के लोग बेहद खुश हैं. सभी गर्व महसूस कर रहे हैं.

पढ़ें- IMA में पासिंग आउट परेड से पहले हुई कमांडेंट परेड, जेंटलमैन कैडेट्स ने दिखाया दम

IMA पासिंग आउट परेड 12 जून को होनी है. इस दिन देश को 341 सैन्य अफसर मिलने वाले हैं. इस परेड के दौरान हर बार की तरह जेंटलमैन कैडेट्स का जोश हाई होगा, लेकिन यह दूसरा मौका होगा जब अकादमी में पासिंग आउट परेड के दौरान जेंटलमैन कैडेट्स के परिजन मौजूद नहीं होंगे.

ऐसे में अकादमी ने अपने प्रयासों से इन परिवारों से बात कर इनकी शुभकामनाएं जैंटलमैन कैडेट के लिए ली हैं. इस गौरवशाली पल के लिए सेना से जुड़ी अपनी पीढ़ी को आगे बढ़ाने वाले कैडेट्स के माता-पिता पासिंग आउट होने वाले सभी जेंटलमैन कैडेट्स को बधाई दे रहे हैं.

परिजनों की बधाई, पीढ़ियों की परंपरा और देश सेवा के जज्बे को लेकर जल्द ही ये सभी जेंटलमैन कैडेट्स सेना में शामिल हो जाएंगे. जिसके बाद ये अपने साहस और शौर्य के दम पर देश सेवा की जिम्मेदारियां निभाते हुए कई मुकाम हासिल करेंगे, जिससे सेना के साथ ही इन जेंटलमैन कैडेट्स के परिजन भी गौरवान्वित महसूस करेंगे.

देहरादून: देश की सेवा सरहद पर जाकर करने का मौका हर किसी को नहीं मिलता. लेकिन कई परिवार ऐसे हैं जो इस गौरवशाली मौके को परंपरा के रूप में आगे बढ़ा रहे हैं. भारतीय सैन्य अकादमी में कई ऐसे जेंटलमैन कैडेट्स हैं जो अपनी पीढ़ियों की पंरपरा को निभाते हुए भारतीय सेना का हिस्सा बनने जा रहे हैं.

इन परिवारों के खून में है देशप्रेम

इन सभी परिवारों और जेंटलमैन कैडेट्स के लिए ये पल बेहद ही खास है. देश प्रेम के जोश और जज्बे के साथ ये जेंटलमैन कैडेट्स लगतार अपनी गौरवशाली परंपरा को बरकरार रखे हुए हैं. ऐसे ही कुछ जेंटलमैन कैडेट्स और जोशीले परिवारों से आज हम आपको रू-ब-रू करवाने जा रहे हैं, जो लगातार देश सेवा में लगे हैं.

भारतीय सैन्य अकादमी में 12 जून को 341 जेंटलमैन कैडेट्स पहले कदम के साथ भारतीय सेना का हिस्सा हो जाएंगे. इसमें कई ऐसे कैडेट्स भी हैं जिन्होंने अपने दादा और पिता के बाद तीसरी पीढ़ी में सेना के साथ जुड़कर अपनी परंपरा को आगे भी बढ़ाया है. उत्तराखंड के हल्द्वानी के रहने वाले दक्ष पंत भी इन्हीं में से एक हैं. दक्ष के दादा 1965 की जंग में सेना में शामिल हुए थे. इसके बाद उनके पिता भी सेना में अफसर के रूप में शामिल हुए. दक्ष से भी उनके माता-पिता को कुछ ऐसी ही उम्मीद थी. जिन पर दक्ष पंत खरे उतरे.

पढ़ें- IMA में ग्रेजुएशन सेरेमनी, 29 कैडेट्स को दी गई डिग्रियां

दक्ष ने कंप्यूटर इंजीनियर के रूप में अपनी तकनीकी शिक्षा पूरी की. मगर देश सेवा का जज्बा और परिवार की परंपराओं ने उन्हें चैन से सोने नहीं दिया. शायद यही कारण है कि उन्होंने सेना में जाने का फैसला किया. आज कड़ी मेहनत के दम पर दक्ष पंत ने उस मुकाम को हासिल कर लिया है. दक्ष पंत जल्द ही पासिंग आउट परेड के बाद सेना में बतौर अफसर शामिल होने जा रहे हैं. आज दक्ष युवाओं को संदेश देते हुए कहते हैं कि वे भीड़ के पीछे ना भागें. उन्होंने भी शुरुआती चरण में ऐसा ही किया था, जिसका नतीजा है कि वे देरी से सेना में शामिल हो रहे हैं.

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अकादमी से पासआउट होने वाले दक्ष ऐसे अकेले नहीं हैं. ऐसे कई दूसरे जेंटलमैन कैडेट्स भी हैं जो इसी तरह से अपनी पीढ़ी दर पीढ़ी देश सेवा के जज्बे को आगे लेकर जा रहे हैं. मेरठ के रहने वाली आकाश और जालौन के सिद्धार्थ भी इन्हीं में से एक हैं. आकाश के पिता आर्मी में थे. आकाश दूसरी पीढ़ी के रूप में सेना में शामिल हुए हैं. उन्होंने अकादमी की तरफ से कोरोना के इन हालातों के बीच जेंटलमैन कैडेट्स की सुरक्षा और बेहतर प्रशिक्षण की तारीफ करते हुए अकादमी द्वारा किए गए वैक्सीनेशन कार्यक्रम का भी जिक्र किया.

पढ़ें-POP से पहले देखें IMA के जेंटलमैन कैडेट अभिषेक राणा का रैपर 'अवतार'

वहीं, जेंटलमैन कैडेट सिद्धार्थ ने बताया कि उनके पिता बीएसएफ में डीआईजी हैं. वे जम्मू कश्मीर के साथ ही एसपीजी और विदेशों में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं. उनका चचेरा भाई और चाचा भी आर्मी में ही सेवारत हैं. सिद्धार्थ कहते हैं उन्होंने बचपन से ही घर में अनुशासन को अहमियत दी. आज उनके परिवार के लोग बेहद खुश हैं. सभी गर्व महसूस कर रहे हैं.

पढ़ें- IMA में पासिंग आउट परेड से पहले हुई कमांडेंट परेड, जेंटलमैन कैडेट्स ने दिखाया दम

IMA पासिंग आउट परेड 12 जून को होनी है. इस दिन देश को 341 सैन्य अफसर मिलने वाले हैं. इस परेड के दौरान हर बार की तरह जेंटलमैन कैडेट्स का जोश हाई होगा, लेकिन यह दूसरा मौका होगा जब अकादमी में पासिंग आउट परेड के दौरान जेंटलमैन कैडेट्स के परिजन मौजूद नहीं होंगे.

ऐसे में अकादमी ने अपने प्रयासों से इन परिवारों से बात कर इनकी शुभकामनाएं जैंटलमैन कैडेट के लिए ली हैं. इस गौरवशाली पल के लिए सेना से जुड़ी अपनी पीढ़ी को आगे बढ़ाने वाले कैडेट्स के माता-पिता पासिंग आउट होने वाले सभी जेंटलमैन कैडेट्स को बधाई दे रहे हैं.

परिजनों की बधाई, पीढ़ियों की परंपरा और देश सेवा के जज्बे को लेकर जल्द ही ये सभी जेंटलमैन कैडेट्स सेना में शामिल हो जाएंगे. जिसके बाद ये अपने साहस और शौर्य के दम पर देश सेवा की जिम्मेदारियां निभाते हुए कई मुकाम हासिल करेंगे, जिससे सेना के साथ ही इन जेंटलमैन कैडेट्स के परिजन भी गौरवान्वित महसूस करेंगे.

Last Updated : Jun 11, 2021, 7:36 PM IST
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