ऋषिकेश: वीरभद्र रोड स्थित एम्स ऋषिकेश के 100 मीटर के दायरे में वाहनों की पार्किंग और अतिक्रमण (Encroachment outside AIIMS Rishikesh) करना प्रतिबंधित है. बावजूद इसके नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. अवैध पार्किंग और अतिक्रमण होने से प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाएं भी हो रही हैं. मामला संज्ञान में होने के बावजूद जिम्मेदार विभाग एक्शन लेते नहीं दिखाई दे रहे हैं. स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से अवैध पार्किंग और अतिक्रमण हटाने की मांग की है.
बता दें, 4 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एम्स ऋषिकेश आगमन पर प्रशासन ने एम्स के आसपास बनी अवैध पार्किंग और अतिक्रमण को साफ कर दिया था. वीवीआईपी कार्यक्रम खत्म होने के बाद फिर से एम्स के आसपास अवैध पार्किंग और अतिक्रमण होने लगा है. नजारा इस प्रकार का है कि सड़कों के दोनों किनारों पर ठेलियां लगी हुई हैं, तो कहीं एंबुलेंस वालों ने अपना कब्जा जमा लिया है.
यही नहीं, एंबुलेंस यूनियन के नाम से बोर्ड लगाकर बकायदा अस्थाई ऑफिस में संचालित किया जा रहा है. सड़क संकरी होने की वजह से प्रतिदिन सड़क हादसे भी हो रहे हैं. इस पर एम्स प्रशासन भी अपनी चिंता व्यक्त कर चुका है. नियमानुसार एम्स के 100 मीटर के दायरे में अवैध पार्किंग और अतिक्रमण नहीं किया जा सकता, जिससे कि एम्स आने-जाने वाले मरीजों और एंबुलेंस को किसी भी प्रकार का व्यवधान पैदा न हो.
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अतिक्रमण होने की वजह से एम्स आने वाली एंबुलेंस की रफ्तार धीमी पड़ रही है. ऐसे में अगर कुछ पल की देरी होती है, तो मरीज की जान पर भारी पड़ सकती है. स्थानीय जनप्रतिनिधि रवि जैन और समाजसेवी संजय पोखरियाल ने प्रशासन से एम्स के आसपास हो रहे अतिक्रमण और पार्किंग को हटाने की मांग की है. उनका कहना है कि प्रशासन की थोड़ी सी लापरवाही मरीजों की जान पर भारी पड़ सकती है.
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक की कार्रवाई: करीब दो साल पहले तत्कालीन कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने अपनी पूरी टीम के साथ एम्स के आसपास पर अतिक्रमण और पार्किंग को साफ कर दिया था. पुलिस की सख्ती के आगे अतिक्रमणकारियों की एक न चली थी. मामले में विधानसभा अध्यक्ष और कई नेताओं ने जोर आजमाइश भी की, फिर भी पुलिस ने एम्स के आसपास नियमों का पालन कराते हुए अतिक्रमण को पनपने नहीं दिया. धीरे-धीरे समय बीता तो फिर से अतिक्रमण और अवैध पार्किंग एम्स के आसपास दिखाई देने लगे.