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डोइवाला: जर्जर स्थिति में शुगर मिल का आवासीय भवन, खतरे में सैकड़ों कर्मचारी

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Published : Dec 27, 2019, 6:00 PM IST

डोइवाला शुगर मिल के सैकड़ों कर्मचारी इन जर्जर भवनों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में किसी भी वक्त कोई अप्रिय घटना हो सकती है.

Doiwala sugar mill
Doiwala sugar mill

डोइवाला: शुगर मिल के आवासीय भवन खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. ऐसे में सैकड़ों कर्मचारी अभी भी अपनी जान जोखिम में डालकर इन भवनों में रहने को मजबूर हैं. वहीं, डोइवाला शुगर मिल प्रशासन का कहना है कि भवनों की मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है.

जर्जर भवनों में रहने को मजबूर शुगर मिल के कर्मचारी.

शुगर मिल कर्मचारियों का कहना है कि वो इस संबंध में कई बार मिल प्रशासन को अवगत करा चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. उनका कहना है कि इन भवनों में रहने में अब डर लगता है. शुगर मिल कर्मचारी संघ के नेता विजय शर्मा का कहना है कि सैकड़ों कर्मचारी इन जर्जर भवनों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में किसी भी वक्त कोई अप्रिय घटना हो सकती है.

पढ़ें- लक्सर: जच्चा-बच्चा की मौत के बाद परिजनों का हंगामा, अस्पताल सीज

शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि शुगर शुगर मिल की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है. मिल प्रशासन भवनों की स्थिति से अवगत है. साथ ही समय-समय पर आवासीय भवनों की मरम्मत भी करवाई जाती है. विभागीय स्तर पर भी भवनों को बनवाने के लिए कहा गया है.

डोइवाला: शुगर मिल के आवासीय भवन खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं. ऐसे में सैकड़ों कर्मचारी अभी भी अपनी जान जोखिम में डालकर इन भवनों में रहने को मजबूर हैं. वहीं, डोइवाला शुगर मिल प्रशासन का कहना है कि भवनों की मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है.

जर्जर भवनों में रहने को मजबूर शुगर मिल के कर्मचारी.

शुगर मिल कर्मचारियों का कहना है कि वो इस संबंध में कई बार मिल प्रशासन को अवगत करा चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है. उनका कहना है कि इन भवनों में रहने में अब डर लगता है. शुगर मिल कर्मचारी संघ के नेता विजय शर्मा का कहना है कि सैकड़ों कर्मचारी इन जर्जर भवनों में रहने को मजबूर हैं. ऐसे में किसी भी वक्त कोई अप्रिय घटना हो सकती है.

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शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि शुगर शुगर मिल की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है. मिल प्रशासन भवनों की स्थिति से अवगत है. साथ ही समय-समय पर आवासीय भवनों की मरम्मत भी करवाई जाती है. विभागीय स्तर पर भी भवनों को बनवाने के लिए कहा गया है.

Intro:डोईवाला
रेडी टू पैकेज

खंडहर नुमा भवनों में रहने को मजबूर
डोईवाला शुगर मिल के सैकड़ों कर्मचारी

बेहद पुराने हो चुके डोईवाला शुगर मिल के आवासीय भवन खंडहर में तब्दील हो चुके हैं लेकिन सैकड़ों कर्मचारी अभी भी जान जोखिम में डालकर इन भावनाओं में रहने को मजबूर हैं डोईवाला शुगर मिल प्रशासन का कहना है कि भवनों की मरम्मत का कार्य करवाया जा रहा है

डोईवाला शुगर मिल के आवासीय भवनों की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है और यह भवन खंडहर में तब्दील होते जा रहे हैं वही सैकड़ों शुगर मिल के कर्मचारी इन भवनों में जान जोखिम में डालकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार शुगर मिल प्रशासन को खंडहर की बुरी हालत से अवगत करा दिया है लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं हो पाया है जिससे अब कर्मचारियों को इन भवनों में रहते हुए डर लग रहा है


Body:कर्मचारियों का कहना है कि वे इन खंडार नुमा भवनों में पिछले 25 साल से लगातार रहते आ रहे हैं और बरसात के समय तो इन भवनों से पानी टपकता है और भवनों की हालत बेहद खराब है वही इन भवनों में उनके बच्चे और महिलाएं भी परिवार के साथ रह रहे हैं लेकिन अब इन भवनों में रहते हुए डर सताने लगा है शुगर मिल प्रशासन को कई बार अवगत करा दिया है लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया है ।

शुगर मिल कर्मचारी संघ के नेता विजय शर्मा ने बताया कि सैकड़ों कर्मचारी इन भवनों में रहने को मजबूर हैं और यह भवन खंडहर में बदल चुके हैं और चारों तरफ गंदगी का आलम है और कोई भी अप्रिय घटना कभी भी घट सकती है


Conclusion:शुगर मिल के अधिशासी निदेशक मनमोहन सिंह रावत ने बताया कि शुगर शुगर मिल की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है और जर्जर भवनों की स्थिति से अवगत हैं और समय-समय पर भवनों की मरम्मत का कार्य करवाया जाता है और विभागीय स्तर पर भी भवनों को बनवाने के लिए लिखा गया है ।
बाइट मुन्नी लाल कर्मचारी
बाइट विजय शर्मा कर्मचारी नेता चश्मे वाले
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