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डॉक्टरों का ब्लैक डे: रामदेव की टिप्पणी से आहत डॉक्टरों ने बांधी काली पट्टी, बाबा को गिरफ्तार करने की मांग

देहरादून में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने बाबा रामदेव की टिप्पणियों से आहत होकर काली पट्टी बांधकर काम किया. बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी और डॉक्टरों पर दिये गए बयानों से आक्रोषित स्वास्थ्य कर्मियों ने योग गुरू को गिरफ्तारी करने की मांग की है.

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Published : Jun 1, 2021, 4:18 PM IST

Updated : Jun 1, 2021, 4:47 PM IST

देहरादून: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) से जुड़े चिकित्सकों और प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के डॉक्टरों ने एलोपैथी और चिकित्सकों के बारे में बाबा रामदेव (swami ramdev) की टिप्पणियों के खिलाफ विरोध स्वरूप आज राज्य भर में काली पट्टी बांधकर काम किया. सभी डॉक्टर रामदेव के एलोपैथी चिकित्सकों पर दिए गए बयान से नाराज हैं, और इसी कड़ी में बाबा रामदेव को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर लामबंद हैं.

आईएमए (IMA) के प्रदेश सचिव डॉ अजय खन्ना.

इस आंदोलन में सरकारी और प्राइवेट चिकित्सकों के साथ ही मेडिकल कॉलेजों के जेआर भी शामिल रहे. आईएमए (IMA) के प्रदेश सचिव डॉ अजय खन्ना ने बताया कि एसोसिएशन से जुड़े चिकित्सकों और प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के डॉक्टरों की तरफ से आज ब्लैक डे मनाकर बाबा रामदेव की तरफ से की जा रही टिप्पणियों का विरोध किया गया है. रेजिडेंट डॉक्टरों के सबसे बड़े संगठन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी आंदोलन का समर्थन करते हुए काला दिवस मनाया.

Dehradun
प्रेमनगर राजकीय संयुक्त अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने किया विरोध

ये भी पढ़ेंः आयुर्वेद और एलोपैथिक के विवाद पर बाबा रामदेव का यू टर्न, अब इन पर फोड़ा ठीकरा

रामदेव को भेज चुकी है मानहानि का नोटिस

गौर हो कि इससे पहले आईएमए बाबा रामदेव को एक हजार करोड़ रुपए के मानहानि का नोटिस भेज चुकी है, इसके अलावा प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य संघ ने भी बाबा रामदेव के बयानों की कड़ी निंदा करते हुए पतंजलि के सभी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया है. हालांकि, विवाद ज्यादा बढ़ने के बाद योग गुरु बाबा रामदेव ने चिकित्सकों के साथ चल रहे विवाद को खत्म करने की बात कही है, लेकिन रामदेव की तरफ से दिए गए बयानों की वजह से सरकारी और निजी चिकित्सकों में योग गुरु रामदेव के खिलाफ बेहद आक्रोश है.

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रामदेव की टिप्पणी से आहत डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध काम किया

क्या है विवाद

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में बाबा रामदेव एलोपैथी को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' बताते हुए देख गये थे. उनका कहना था कि भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं. आईएमए के अनुसार, रामदेव ने कहा कि 'एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है.' भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने रामदेव के बयान को 'अज्ञानता भरी' टिप्पणी करार दिया था और मांग की थी कि कथित रूप से लोगों को भ्रमित करने और एलोपैथी दवाओं को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर उनसे विवादित बयान वापस लेने को कहा था.

वहीं, इस विवाद के तुरंत बाद ही बाबा रामदेव का एक और वीडियो सामने आया था जिसमें वो ये कहते सुनाई दे रहे हैं कि 1000 से ज्यादा डॉक्टर वैक्सीन की डबल डोज लगाने के बाद मर गए हैं. जो अपने आपको ही नहीं बता पाए वो कैसी डॉक्टरी. वीडियो में वो डॉक्टर (टर्र-टर्र कहकर) शब्द का मजाक भी बना रहे हैं. स्वामी रामदेव डॉक्टरों पर तंज कसते हुए ये जरूर कहते सुनाई दे रहे हैं कि डॉक्टर बनना है तो स्वामी रामदेव जैसा बनो, जिसके पास कोई डिग्री नहीं है लेकिन वो फिर भी वो सबका डॉक्टर हैं.

ये भी पढ़ेंः आयुर्वेद और एलोपैथिक के विवाद पर बाबा रामदेव का यू टर्न, अब इन पर फोड़ा ठीकरा

पिथौरागढ़ में भी विरोध प्रदर्शन

बाबा रामदेव के एलोपैथिक पर दिए बयान को लेकर पिथौरागढ़ में डॉक्टरों ने विरोध किया. आईएमए के आह्वान पर पिथौरागढ़ के चिकित्सकों ने जिला अस्पताल परिसर में बाबा रामदेव के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार से बाबा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की. चिकित्सकों का कहना है कि बाबा रामदेव ने अपमानजनक बयान देकर डॉक्टरों का मनोबल गिराने का काम किया है. ऐसे में सरकार को इस पर तत्काल सख्त एक्शन लेना चाहिए.

doctors protest.
पिथौरागढ़ में भी डॉक्टरों का प्रदर्शन.

बाबा रामदेव के एलोपैथिक पर दिए गए बयान का चौतरफा विरोध हो रहा है. आईएमए और अन्य संगठन ने इसका पुरजोर विरोध किया है. डॉक्टरों का कहना है कि बाबा रामदेव ने अपने बयान से देश के उन तमाम डॉक्टरों के मनोबल को गिराने का काम किया है जो दिन-रात एक कर अपनी जान की बाजी लगा कर लोगों की सेवा में लगे हुए हैं. पिथौरागढ़ के डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के बयान को अशोभनीय करार देते हुए सरकार से बाबा रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की.

देहरादून: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) से जुड़े चिकित्सकों और प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के डॉक्टरों ने एलोपैथी और चिकित्सकों के बारे में बाबा रामदेव (swami ramdev) की टिप्पणियों के खिलाफ विरोध स्वरूप आज राज्य भर में काली पट्टी बांधकर काम किया. सभी डॉक्टर रामदेव के एलोपैथी चिकित्सकों पर दिए गए बयान से नाराज हैं, और इसी कड़ी में बाबा रामदेव को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर लामबंद हैं.

आईएमए (IMA) के प्रदेश सचिव डॉ अजय खन्ना.

इस आंदोलन में सरकारी और प्राइवेट चिकित्सकों के साथ ही मेडिकल कॉलेजों के जेआर भी शामिल रहे. आईएमए (IMA) के प्रदेश सचिव डॉ अजय खन्ना ने बताया कि एसोसिएशन से जुड़े चिकित्सकों और प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के डॉक्टरों की तरफ से आज ब्लैक डे मनाकर बाबा रामदेव की तरफ से की जा रही टिप्पणियों का विरोध किया गया है. रेजिडेंट डॉक्टरों के सबसे बड़े संगठन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी आंदोलन का समर्थन करते हुए काला दिवस मनाया.

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प्रेमनगर राजकीय संयुक्त अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने किया विरोध

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रामदेव को भेज चुकी है मानहानि का नोटिस

गौर हो कि इससे पहले आईएमए बाबा रामदेव को एक हजार करोड़ रुपए के मानहानि का नोटिस भेज चुकी है, इसके अलावा प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य संघ ने भी बाबा रामदेव के बयानों की कड़ी निंदा करते हुए पतंजलि के सभी उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया है. हालांकि, विवाद ज्यादा बढ़ने के बाद योग गुरु बाबा रामदेव ने चिकित्सकों के साथ चल रहे विवाद को खत्म करने की बात कही है, लेकिन रामदेव की तरफ से दिए गए बयानों की वजह से सरकारी और निजी चिकित्सकों में योग गुरु रामदेव के खिलाफ बेहद आक्रोश है.

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रामदेव की टिप्पणी से आहत डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध काम किया

क्या है विवाद

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में बाबा रामदेव एलोपैथी को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' बताते हुए देख गये थे. उनका कहना था कि भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं. आईएमए के अनुसार, रामदेव ने कहा कि 'एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है.' भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने रामदेव के बयान को 'अज्ञानता भरी' टिप्पणी करार दिया था और मांग की थी कि कथित रूप से लोगों को भ्रमित करने और एलोपैथी दवाओं को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रामदेव को पत्र लिखकर उनसे विवादित बयान वापस लेने को कहा था.

वहीं, इस विवाद के तुरंत बाद ही बाबा रामदेव का एक और वीडियो सामने आया था जिसमें वो ये कहते सुनाई दे रहे हैं कि 1000 से ज्यादा डॉक्टर वैक्सीन की डबल डोज लगाने के बाद मर गए हैं. जो अपने आपको ही नहीं बता पाए वो कैसी डॉक्टरी. वीडियो में वो डॉक्टर (टर्र-टर्र कहकर) शब्द का मजाक भी बना रहे हैं. स्वामी रामदेव डॉक्टरों पर तंज कसते हुए ये जरूर कहते सुनाई दे रहे हैं कि डॉक्टर बनना है तो स्वामी रामदेव जैसा बनो, जिसके पास कोई डिग्री नहीं है लेकिन वो फिर भी वो सबका डॉक्टर हैं.

ये भी पढ़ेंः आयुर्वेद और एलोपैथिक के विवाद पर बाबा रामदेव का यू टर्न, अब इन पर फोड़ा ठीकरा

पिथौरागढ़ में भी विरोध प्रदर्शन

बाबा रामदेव के एलोपैथिक पर दिए बयान को लेकर पिथौरागढ़ में डॉक्टरों ने विरोध किया. आईएमए के आह्वान पर पिथौरागढ़ के चिकित्सकों ने जिला अस्पताल परिसर में बाबा रामदेव के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही सरकार से बाबा के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की. चिकित्सकों का कहना है कि बाबा रामदेव ने अपमानजनक बयान देकर डॉक्टरों का मनोबल गिराने का काम किया है. ऐसे में सरकार को इस पर तत्काल सख्त एक्शन लेना चाहिए.

doctors protest.
पिथौरागढ़ में भी डॉक्टरों का प्रदर्शन.

बाबा रामदेव के एलोपैथिक पर दिए गए बयान का चौतरफा विरोध हो रहा है. आईएमए और अन्य संगठन ने इसका पुरजोर विरोध किया है. डॉक्टरों का कहना है कि बाबा रामदेव ने अपने बयान से देश के उन तमाम डॉक्टरों के मनोबल को गिराने का काम किया है जो दिन-रात एक कर अपनी जान की बाजी लगा कर लोगों की सेवा में लगे हुए हैं. पिथौरागढ़ के डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के बयान को अशोभनीय करार देते हुए सरकार से बाबा रामदेव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की.

Last Updated : Jun 1, 2021, 4:47 PM IST
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