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सरकारी अस्पताल में ब्रांडेड दवाइयां लिखने वाले डॉक्टर सुधर जाएं, डीएम ने दिखाई सख्ती

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Published : Dec 11, 2019, 11:08 PM IST

सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने यदि मरीज़ों को ब्रांडेड कंपनी की दवाइयां लिखी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस मामले में डीएम ने सीएमओ को निर्देशित किया है.

सरकारी अस्पतालों को सीएमओ द्वारा निर्देश
सीएमओ द्वारा जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध करने के निर्देश देते हुए

देहरादून: अक्सर देखा जाता है कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर मरीजों को ब्रांडेड दवाइयां लिख देते हैं, जिससे मरीज को मजबूरी में बाहर से महंगी दवाइयां लेनी पड़ती हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है, क्योंकि जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस मामले को संज्ञान में लेकर सीएमओ को सर्तक रहने के निर्देश दिए हैं.

साथ ही ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने आदेश दिए हैं, ताकि सरकारी अस्पतालों में आये मरीजों को सस्ती दवायां व इलाज मिल सके.

सीएमओ ने दी जानकारी.

वहीं सीएमओ मीनाक्षी जोशी ने कहा कि, डीएम का मानना है कि सभी को सर्तक रहना चाहिए और यदि इस तरह की कोई शिकायत आती है तो उन डॉक्टरों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सीएमओ ने बताया कि सभी डॉक्टरों को शुरू से निर्देश दिए जाते हैं कि जो भी दवाइयां मरीजों को लिखेंगे वो ब्रांड न लिखकर जेनेरिक दवाइयां का नाम लिखें. ताकि मरीजों को सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध हो सकें और मरीजों के अधिक रुपये खर्च न हो.

ये भी पढ़े: उत्तराखंड: लाभार्थियों को नहीं मिल रहा अटल आयुष्मान योजना का लाभ

इसके साथ ही पहले तो सरकार की यह कोशिश रहती है कि सभी दवाइयां अस्पताल में ही उपलब्ध हो और जो दवाइयां उपलब्ध न हो बाहर बने जन औषधि केंद्र पर उपलब्ध कराई जाए.

देहरादून: अक्सर देखा जाता है कि सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर मरीजों को ब्रांडेड दवाइयां लिख देते हैं, जिससे मरीज को मजबूरी में बाहर से महंगी दवाइयां लेनी पड़ती हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होने वाला है, क्योंकि जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस मामले को संज्ञान में लेकर सीएमओ को सर्तक रहने के निर्देश दिए हैं.

साथ ही ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने आदेश दिए हैं, ताकि सरकारी अस्पतालों में आये मरीजों को सस्ती दवायां व इलाज मिल सके.

सीएमओ ने दी जानकारी.

वहीं सीएमओ मीनाक्षी जोशी ने कहा कि, डीएम का मानना है कि सभी को सर्तक रहना चाहिए और यदि इस तरह की कोई शिकायत आती है तो उन डॉक्टरों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. साथ ही सीएमओ ने बताया कि सभी डॉक्टरों को शुरू से निर्देश दिए जाते हैं कि जो भी दवाइयां मरीजों को लिखेंगे वो ब्रांड न लिखकर जेनेरिक दवाइयां का नाम लिखें. ताकि मरीजों को सस्ती दरों पर दवाइयां उपलब्ध हो सकें और मरीजों के अधिक रुपये खर्च न हो.

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इसके साथ ही पहले तो सरकार की यह कोशिश रहती है कि सभी दवाइयां अस्पताल में ही उपलब्ध हो और जो दवाइयां उपलब्ध न हो बाहर बने जन औषधि केंद्र पर उपलब्ध कराई जाए.

Intro:सरकारी अस्पतालों में तैनात सरकारी डॉक्टरों ने यदि मरीज़ों को ब्रांडेड कंपिनयों की दवाइयां लिखी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।इस मामले में डीएम ने सीएमओ को निर्देशित किया है।वही सीएमओ ने तमाम सरकारी अस्पतालों में जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा है ताकि मरीजो को सस्ती दवाई के साथ सस्ता इलाज मिल सके।वही सीएमओ ने कहा कि डीएम का मानना है कि सभी को सर्तक रहना हैं और यदि इस तरह की कोई शिकायत आती हैं तो उन डॉक्टरों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।


Body:अक्सर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर ब्रांडेड कंपनियों को फायदा पहुचाने के लिए साथ ही अपने फायदे के लिए मरीजो को ब्रांडेड दवाइया लिख देते है जिससे मरीजो को मजबूरी में बाहर से महंगी दवाइया लेनी पड़ती है।लेकिन अब ऐसा नही होने वाला है क्योंकि जिलाधिकारी सी रविशंकर ने इस मामले को सज्ञान में लेकर सीएमओ को सर्तक रहने के निर्देश दिए है साथ ही ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने आदेश दे दिए है ताकि सरकारी अस्पतालों में आये मरीजो को सस्ती दवाई मिल सके।


Conclusion:सीएमओ मीनाक्षी जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि शुरू से ही सभी डॉक्टरों को निर्देश जाता रहा है कि जो भी मरीजों को दवाई लिखेंगे तो दवाईयों के ब्रांड न लिखकर जेनरिक दवाइया लिखने का काम करेंगे।ताकि मरीजो को सस्ते दरों पर दवाइया उपलब्ध हो सके ओर मरीजों का अधिक रुपय खर्च न हो।साथ हीं पहले तो सरकार की कोशिश रहती है कि सभी दवाइया अस्पताल से ही उपलब्ध हो।और जो दवाइया उपलब्ध न हो वह दवाइया बाहर बने जन औषधि केंद्र में उपलब्ध कराई जाए।वही डीएम का मानना है कि सभी को सर्तक रहना हैं और यदि इस तरह की कोई शिकायत आती हैं तो उन डॉक्टरों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

बाइट-मीनाक्षी जोशी(सीएमओ)
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