देहरादून: उत्तराखंड पुलिस मंथन-समाधान एवं चुनौतियां कार्यक्रम के तीसरे दिन डीजीपी अशोक कुमार (Uttarakhand DGP Ashok Kumar) की अध्यक्षता में एक वर्टिकल इंटरेक्शन कार्यशाला का (Vertical Interaction Workshop) आयोजन किया गया. इसमें 166 अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्रतिभाग किया. पुलिस मंथन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्टिकल इंटरेक्शन कार्यशाला में जमीनी स्तर पर पुलिसिंग कर रहे जवानों व अधिकारियों से बेहतर पुलिसिंग के सुझाव लेकर धरातल स्तर पर कार्य करने की रणनीति बनी.
इस दौरान साइबर क्राइम, ड्रग्स, ट्रैफिकिंग की समस्या से निपटने के लिए पुलिस की कार्यप्रणाली में किस तरह से सुधार की आवश्यकता है, इस विषय पर भी मंथन किया गया. वहीं, पुलिस ऑपरेशनल कार्यक्षमता को कैसे सुधारें? इसमें आने वाली व्यवहारिक कठनाइयों में बदलाव की जरूरत पर आगे की कार्ययोजना बनाई गई.
डीजीपी अशोक ने कहा कि पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण और उनके कल्याण सहित कार्मिक संबंधी जैसे मुद्दों पर आगे बहुत ही गहराई से मंथन किया जाएगा. इस मंथन कार्यशाला में प्राप्त समस्याओं व सुझावों को एकत्र कर पुलिस मुख्यालय के माध्यम से तमाम मुद्दों के संबंध में शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जाएगा.
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DGP की कार्यशाला में तत्काल विचार-विमर्श कर इन विषयों पर निर्णय लिया गया.
- चीता मोबाइल बाइकों को तेल की कमी नहीं होने दी जाएगी.
- चौकियों को भी गस्त के लिए बाइक प्रदान किए जाने की मांग पर कार्रवाई.
- महिला हल्पडेस्क व चीता मोबाइल को सीयूजी (closed user group) मोबाइल नंबर प्रदान किए जाएंगे. भविष्य में पुलिस चौकियों को भी सीयूजी मोबाइल नंबर प्रदान किए जाने का प्रयास किया जाएगा.
- पुराने इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर सहित आरक्षियों को तकनीकी दक्षता से मजबूत बनाया जाएगा. इसके लिए उन्हें पुलिस लाइन व बटालियनों में विशेष प्रशिक्षण कराया जाएगा. ताकि वह लोग बेहतर पुलिसिंग एडवांस तकनीक का बखूबी इस्तेमाल कर सकें.
- विशेषज्ञ सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक (CO) निरीक्षक (इंस्पेक्टर) और उप-निरीक्षकों (दारोगा) को मानदेय पर विवेचना में सहायतार्थ के रूप सेवा ली जाएगी.
- सभी जवनों में स्मार्ट बैरक्स को लेकर काफी खुशी है. इनसे उनके रहन सहन का स्तर उभरा है. ऐसे में स्माट बैरक्स की तर्ज पर अब थानें और चौकियों के शौचालयों को भी स्मार्ट बनाया जाएगा.
- पुलिस कर्मियों के वेलफेयर के तहत शुरू की गई व्हाट्सएप पर छुट्टी आवेदन करने की व्यवस्था को अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा.
- पुलिस कर्मियों द्वारा अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के जन्मदिन व सालगिराह पर आकस्मिक अवकाश के लिए अब अनुरोध किया जा सकेगा. ऐसा होने पर उन्हें तत्काल अवकाश दिया जाएगा.
- पीएसी जहां पर स्थाई रूप से निवास कर रही है. वहां पर उनकी रहने के स्तर में सुधार के लिए सेनानायक 31वीं वाहिनी पीएसी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है.
- पब्लिक प्रेशर में निलंबित या लाइन हाजिर किए गए कर्मियों की प्राथमिकता के आधार पर 3 दिवस के भीतर जांच पूर्ण कर प्रकरण की समीक्षा की जाएगी.
- पुलिस कर्मियों में तनाव मुक्ति के लिए उत्तराखंड पुलिस वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (उपवा) के तत्वाधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.