देहरादून: नगर निकाय कर्मचारी महासंघ उत्तराखंड समिति ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर नगर निगम में बैठक की. इस दौरान फैसला लिया गया कि अगर उनकी 12 सूत्रीय मांग सरकार नहीं मानती है तो शासन को 20 दिन का नोटिस देकर 28 जून से प्रदेश के सभी निकाय कर्मचारी आंदोलन करेंगे. इसमें सफाई के साथ ही स्ट्रीट लाइट, वसूली और पालिका के सभी काम बंद कर दिए जाएंगे.
नगर निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उनके द्वारा दिसंबर 2018 में उत्तराखंड सरकार को 12 सूत्रीय मांग पत्र भेजा गया था. उसमें से मुख्य मांगों को स्वीकर किया गया था, लेकिन अब महंगाई भत्ता, आवास भत्ता जैसे तमाम भत्तों का शासनादेश जारी नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि हेल्थ स्मार्ट कार्ड सभी कर्मचारियों को दिए जाने हैं, लेकिन अबतक कार्ड नहीं बने हैं.
पढ़ें- पुलिस के इस काम से सरोवर नगरी नहीं आना चाहते पर्यटक, जानिए क्या है वजह
प्रांतीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने बताया कि निकाय के कर्मचारियों को जनवरी तक स्वास्थ्य स्मार्ट कार्ड बनने की बात कही थी, लेकिन वो अबतक नहीं बना. सातवां वेतन आयोग शासन ने लागू किया था, लेकिन 1 जनवरी 2016 से अभी तक एरियर नहीं दिया गया है. इसके अलावा जीवन बीमा सुविधा भी नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा नई स्वास्थ्य स्कीम लागू करने की बात कही थी, लेकिन कोई भी स्कीम शुरू नहीं की गई है. वहीं, राज्य कर्मचारियों की तरह निकाय कर्मियों पर भी शासनादेश लागू करने की मांग पर सहमति देने के बाद भी लागू नहीं किया गया है.
भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से आग्रह किया गया है कि जल्द से सारी समस्याओं को सुलझाते हुए मांगों को माना जाए. उन्होंने कहा कि अगर 20 दिनों तक ऐसा नहीं होता है तो 28 जून से प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा.