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नगर निकाय कर्मचारी महासंघ ने सरकार को दिया 20 दिन का वक्त, जानिए क्या है मामला

नगर निकाय कर्मचारी महासंघ ने सरकार को दिया 20 दिनों का अल्टीमेटम. आंदोलन की भी चेतावनी.

कर्मचारी महासंघ की बैठक.
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Published : Jun 9, 2019, 11:35 PM IST

देहरादून: नगर निकाय कर्मचारी महासंघ उत्तराखंड समिति ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर नगर निगम में बैठक की. इस दौरान फैसला लिया गया कि अगर उनकी 12 सूत्रीय मांग सरकार नहीं मानती है तो शासन को 20 दिन का नोटिस देकर 28 जून से प्रदेश के सभी निकाय कर्मचारी आंदोलन करेंगे. इसमें सफाई के साथ ही स्ट्रीट लाइट, वसूली और पालिका के सभी काम बंद कर दिए जाएंगे.

नगर निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत.

नगर निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उनके द्वारा दिसंबर 2018 में उत्तराखंड सरकार को 12 सूत्रीय मांग पत्र भेजा गया था. उसमें से मुख्य मांगों को स्वीकर किया गया था, लेकिन अब महंगाई भत्ता, आवास भत्ता जैसे तमाम भत्तों का शासनादेश जारी नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि हेल्थ स्मार्ट कार्ड सभी कर्मचारियों को दिए जाने हैं, लेकिन अबतक कार्ड नहीं बने हैं.

पढ़ें- पुलिस के इस काम से सरोवर नगरी नहीं आना चाहते पर्यटक, जानिए क्या है वजह

प्रांतीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने बताया कि निकाय के कर्मचारियों को जनवरी तक स्वास्थ्य स्मार्ट कार्ड बनने की बात कही थी, लेकिन वो अबतक नहीं बना. सातवां वेतन आयोग शासन ने लागू किया था, लेकिन 1 जनवरी 2016 से अभी तक एरियर नहीं दिया गया है. इसके अलावा जीवन बीमा सुविधा भी नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा नई स्वास्थ्य स्कीम लागू करने की बात कही थी, लेकिन कोई भी स्कीम शुरू नहीं की गई है. वहीं, राज्य कर्मचारियों की तरह निकाय कर्मियों पर भी शासनादेश लागू करने की मांग पर सहमति देने के बाद भी लागू नहीं किया गया है.

भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से आग्रह किया गया है कि जल्द से सारी समस्याओं को सुलझाते हुए मांगों को माना जाए. उन्होंने कहा कि अगर 20 दिनों तक ऐसा नहीं होता है तो 28 जून से प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा.

देहरादून: नगर निकाय कर्मचारी महासंघ उत्तराखंड समिति ने 12 सूत्रीय मांगों को लेकर नगर निगम में बैठक की. इस दौरान फैसला लिया गया कि अगर उनकी 12 सूत्रीय मांग सरकार नहीं मानती है तो शासन को 20 दिन का नोटिस देकर 28 जून से प्रदेश के सभी निकाय कर्मचारी आंदोलन करेंगे. इसमें सफाई के साथ ही स्ट्रीट लाइट, वसूली और पालिका के सभी काम बंद कर दिए जाएंगे.

नगर निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत.

नगर निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उनके द्वारा दिसंबर 2018 में उत्तराखंड सरकार को 12 सूत्रीय मांग पत्र भेजा गया था. उसमें से मुख्य मांगों को स्वीकर किया गया था, लेकिन अब महंगाई भत्ता, आवास भत्ता जैसे तमाम भत्तों का शासनादेश जारी नहीं किया गया है. उन्होंने बताया कि हेल्थ स्मार्ट कार्ड सभी कर्मचारियों को दिए जाने हैं, लेकिन अबतक कार्ड नहीं बने हैं.

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प्रांतीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने बताया कि निकाय के कर्मचारियों को जनवरी तक स्वास्थ्य स्मार्ट कार्ड बनने की बात कही थी, लेकिन वो अबतक नहीं बना. सातवां वेतन आयोग शासन ने लागू किया था, लेकिन 1 जनवरी 2016 से अभी तक एरियर नहीं दिया गया है. इसके अलावा जीवन बीमा सुविधा भी नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा नई स्वास्थ्य स्कीम लागू करने की बात कही थी, लेकिन कोई भी स्कीम शुरू नहीं की गई है. वहीं, राज्य कर्मचारियों की तरह निकाय कर्मियों पर भी शासनादेश लागू करने की मांग पर सहमति देने के बाद भी लागू नहीं किया गया है.

भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से आग्रह किया गया है कि जल्द से सारी समस्याओं को सुलझाते हुए मांगों को माना जाए. उन्होंने कहा कि अगर 20 दिनों तक ऐसा नहीं होता है तो 28 जून से प्रदेश व्यापी आंदोलन किया जाएगा.

Intro:आज नगर निकाय कर्मचारी महासंघ उत्तराखंड की 12 सूत्रीय मांगों को लेकर समिति की बैठक नगर निगम में आयोजित की गई।बैठक में अपनी मांगों को लेकर सभी पदाधिकारियों ने आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की।साथ ही बैठक में कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर विचार विमर्श किया गया।ओर बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर नगर निकाय कर्मचारी महासंघ की 12 सूत्रीय मांग सरकार ने नही मांगी तो शासन को 20 दिन का नोटिस देकर 28 जून को प्रदेश के सभी निकाय कर्मचारी आंदोलन करने को बाध्य होंगे।जिसमे सफाई के साथ स्ट्रीट लाइट,वसूली ओर पालिका के सभी काम बंद कर दिए जाएंगे।


Body:बैठक में चर्चा की गई कि सरकार ने पिछले कई सालों से कर्मचारियों का सामूहिक बीवी का भुगतान रोकने के साथ साथ सामूहिक जीवन बीमा बाधित कर दिया है।साथ ही कर्मचारियों को देय आवास भत्ता यात्रा भत्ता और महंगाई भत्ते की संशोधित दरें निकाल पर लागू नहीं की जा रही है और वेतन विसंगतियां जस की तस बनी हुई है।घोषणा के बावजूद अन्य अनुभाग के अनुसार हेल्थ स्मार्ट कार्ड,आयुष्मान भारत योजना निकाय को प्रदान नहीं की गई।ओर निगम सीमा विस्तार के बावजूद कर्मचारियों की संख्या नहीं बड़ाई जाने पर निकायो का कार्य बाधित हो रहा है।साथ ही बैठक में सुझाव दिया गया कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीति के विरोध में आंदोलन का नोटिस दिया जाएगा।


Conclusion:नगर निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह रावत ने बताया कि हमने दिसंबर 2018 में उत्तराखंड सरकार को अपनी 12 सूत्रीय मांग पत्र दिया था।जिसमें हमारी मुख्य मांगे शासन आदेश शासन से ओर विभागों की तरह निकाय कर्मचारियों के लागू होने के लिए स्वीकर किया था लेकिन अब महंगाई भत्ता,आवास भत्ता इस तरह के सभी भत्तों का शासन आदेश द्वारा नही किया गया है।हेल्थ स्मार्ट कार्ड सभी कर्मचारियों को दिए गए है लेकिन निकाय के कर्मचारियों को पहले जनवरी के महीने का समय दिया गया था लेकिन अब तक भी स्मार्ट कार्ड नही बना है।हमारा सातवां वेतन आयोग शासन ने लागू किया था लेकिन 1 जनवरी 2016 से अभी तक एक साल का नही दिया है।जिसमे हमने मांग की थी कि तुरंत हमारे कर्मचारियों को सातवां वेतन दिया जाए।बीमा हमको नही दिया जा रहा है और कहा जा रहा है कि दूसरी स्किम लागू कर रहे है लेकिन अब तक कोई ही स्किम शुरू नही की है।हमने शहरी विकास मंत्री को आग्रह किया है कि जल्द से जल्द हमारी मांग को सुलझा ले और अगर 20 दिनों तक हमारी 12 सूत्रीय मांग में कोई कार्यवाही नही होती है तो 28 जून से हम पूरे प्रदेश में सारे कर्मचारी आंदोलन करेंगे।

बाइट-भूपेंद्र सिंह रावत(अध्यक्ष,नगर निकाय कर्मचारी महासंघ)
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