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Dehradun Municipal Corporation के टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य अधूरा, सरकारी कार्यालयों पर करोड़ों का बकाया

देहरादून नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में टैक्स कलेक्शन के लिए 50 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है, लेकिन अब तक निगम ने सिर्फ 36 करोड़ का ही टैक्स जमा किया है. देहरादून जिले के कई सरकारी कार्यालयों पर करोड़ों का बकाया है, जिसे वसूलना निगम के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.

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Published : Feb 17, 2023, 5:06 PM IST

Updated : Feb 17, 2023, 5:27 PM IST

टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य अधूरा

देहरादून: वित्तीय वर्ष 2022-23 के खत्म होने में अब डेढ़ महीना ही रह गया है, लेकिन अब तक देहरादून नगर निगम के पास कुल 36 करोड़ रुपए का ही टैक्स जमा हुआ है. जबकि इस वित्तीय वर्ष में नगर निगम ने 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य रखा था. टैक्स कलेक्शन कम होने के पीछे सरकारी कार्यालयों द्वारा कर समय से जमा नहीं करना माना जा रहा है. देहरादून जिले में 85 सरकारी कार्यालयों का करीब 15 करोड़ का टैक्स बकाया है.

देहरादून में सरकारी कार्यालयों पर नगर निगम का करोड़ों का टैक्स बकाया है. जिसमें मुख्य एसएसपी ऑफिस, सिडकुल, पीएचक्यू, दून अस्पताल, हेड पोस्ट ऑफिस, सीपीडब्ल्यूडी, सेवायोजन कार्यालय, खेल निदेशालय, ट्रांजिट हॉस्टल, एफआरआई और सर्वे ऑफ इंडिया का नाम शामिल है. देहरादून में करीब 200 से 250 कमर्शियल करदाता हैं, जिन पर 10 से 12 करोड़ बकाया है. देहरादून नगर आयुक्त मनुज गोयल ने कहा सभी बकाया करदाताओं को नोटिस भेजने का काम का किया जा रहा है. उसके बाद भी अगर करदाता टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं तो सख्त रुख अपनाया जाएगा.
ये भी पढ़ें: HC On Paper Leak: उत्तराखंड में पेपर लीक की CBI जांच मामले में सुनवाई, HC ने सरकार से मांगा जवाब

बता दें कि देहरादून नगर निगम के लिए सरकारी कार्यालयों से टैक्स वसूली टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. क्योंकि नगर निगम प्रशासन सरकारी कार्यालयों को कई बार नोटिस भेज चुका है. इन सरकारी कार्यालयों द्वारा नोटिस का जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा जा रहा है. ऐसे कई कार्यालय है, जिन्होंने पिछले कई सालों से टैक्स जमा नहीं किया है. उनका लाखों रुपए का टैक्स पेंडिंग पड़ा है. नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर भी कई बार इन विभागों के अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन अब तक भी किसी तरह का कोई रास्ता नहीं निकल पाया है.

वहीं, देहरादून नगर निगम को सरकारी कार्यालयों को सील करने की भी अनुमति नहीं मिल सकती है. इसलिए सरकारी कार्यालय नगर निगम को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं. अगर जनपद के सरकारी कार्यालय अपना टैक्स नगर निगम में जमा करते हैं तो नगर निगम के राजस्व में काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है. नगर आयुक्त मनुज गोयल ने कहा नगर निगम ने टैक्स कलेक्शन में 36 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है, लेकिन हमारा लक्ष्य है कि इस साल वित्तीय वर्ष में 45 करोड़ के आंकड़े को हम पार करें.

अभी वित्तीय वर्ष 2022-23 के खत्म होने में डेढ़ महीने का वक्त बचा है. आखिरी समय में ही सबसे ज्यादा हाउस टैक्स जमा होता है. इस बार कोशिश रहेगी कि 50 करोड़ का लक्ष्य पार करेंगे. नगर निगम बकायेदारों को पूर्व से ही नोटिस दे रहा है. इन करदाताओं के ऊपर जो बकाया है, उसका बिल भी दिए जा रहा है. काफी जगह से हमारे पास हाउस टैक्स आना शुरू हो गया है. नगर निगम को उम्मीद है कि इस महीने के आखिर तक अधिकतर कमर्शियल टैक्स आ जाएगा. बाकी मार्च के महीने में जो बकायेदार रह जाएंगे, उनसे टैक्स वसूलने का काम किया जाएगा. बहुत बड़ी रकम सरकारी कार्यालयों पर बकाया है. नगर निगम द्वारा लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं, लेकिन सरकारी कार्यालयों द्वारा टैक्स जमा नहीं हो रहा है.

टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य अधूरा

देहरादून: वित्तीय वर्ष 2022-23 के खत्म होने में अब डेढ़ महीना ही रह गया है, लेकिन अब तक देहरादून नगर निगम के पास कुल 36 करोड़ रुपए का ही टैक्स जमा हुआ है. जबकि इस वित्तीय वर्ष में नगर निगम ने 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य रखा था. टैक्स कलेक्शन कम होने के पीछे सरकारी कार्यालयों द्वारा कर समय से जमा नहीं करना माना जा रहा है. देहरादून जिले में 85 सरकारी कार्यालयों का करीब 15 करोड़ का टैक्स बकाया है.

देहरादून में सरकारी कार्यालयों पर नगर निगम का करोड़ों का टैक्स बकाया है. जिसमें मुख्य एसएसपी ऑफिस, सिडकुल, पीएचक्यू, दून अस्पताल, हेड पोस्ट ऑफिस, सीपीडब्ल्यूडी, सेवायोजन कार्यालय, खेल निदेशालय, ट्रांजिट हॉस्टल, एफआरआई और सर्वे ऑफ इंडिया का नाम शामिल है. देहरादून में करीब 200 से 250 कमर्शियल करदाता हैं, जिन पर 10 से 12 करोड़ बकाया है. देहरादून नगर आयुक्त मनुज गोयल ने कहा सभी बकाया करदाताओं को नोटिस भेजने का काम का किया जा रहा है. उसके बाद भी अगर करदाता टैक्स का भुगतान नहीं करते हैं तो सख्त रुख अपनाया जाएगा.
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बता दें कि देहरादून नगर निगम के लिए सरकारी कार्यालयों से टैक्स वसूली टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. क्योंकि नगर निगम प्रशासन सरकारी कार्यालयों को कई बार नोटिस भेज चुका है. इन सरकारी कार्यालयों द्वारा नोटिस का जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा जा रहा है. ऐसे कई कार्यालय है, जिन्होंने पिछले कई सालों से टैक्स जमा नहीं किया है. उनका लाखों रुपए का टैक्स पेंडिंग पड़ा है. नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर भी कई बार इन विभागों के अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन अब तक भी किसी तरह का कोई रास्ता नहीं निकल पाया है.

वहीं, देहरादून नगर निगम को सरकारी कार्यालयों को सील करने की भी अनुमति नहीं मिल सकती है. इसलिए सरकारी कार्यालय नगर निगम को करोड़ों रुपए का चूना लगा रहे हैं. अगर जनपद के सरकारी कार्यालय अपना टैक्स नगर निगम में जमा करते हैं तो नगर निगम के राजस्व में काफी बढ़ोत्तरी हो सकती है. नगर आयुक्त मनुज गोयल ने कहा नगर निगम ने टैक्स कलेक्शन में 36 करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है, लेकिन हमारा लक्ष्य है कि इस साल वित्तीय वर्ष में 45 करोड़ के आंकड़े को हम पार करें.

अभी वित्तीय वर्ष 2022-23 के खत्म होने में डेढ़ महीने का वक्त बचा है. आखिरी समय में ही सबसे ज्यादा हाउस टैक्स जमा होता है. इस बार कोशिश रहेगी कि 50 करोड़ का लक्ष्य पार करेंगे. नगर निगम बकायेदारों को पूर्व से ही नोटिस दे रहा है. इन करदाताओं के ऊपर जो बकाया है, उसका बिल भी दिए जा रहा है. काफी जगह से हमारे पास हाउस टैक्स आना शुरू हो गया है. नगर निगम को उम्मीद है कि इस महीने के आखिर तक अधिकतर कमर्शियल टैक्स आ जाएगा. बाकी मार्च के महीने में जो बकायेदार रह जाएंगे, उनसे टैक्स वसूलने का काम किया जाएगा. बहुत बड़ी रकम सरकारी कार्यालयों पर बकाया है. नगर निगम द्वारा लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं, लेकिन सरकारी कार्यालयों द्वारा टैक्स जमा नहीं हो रहा है.

Last Updated : Feb 17, 2023, 5:27 PM IST
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