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राहत: अब निजी अस्पताल में भी होगा कोरोना मरीजों का इलाज, इन नियम-शर्तों का करना होगा पालन

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Published : Jul 22, 2020, 4:36 PM IST

Updated : Jul 22, 2020, 6:16 PM IST

शासन के इस आदेश के बाद सरकारी अस्पतालों पर कोरोना मरीजों के इलाज का दबाव कुछ कम होगा.

देहरादून
देहरादून

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए शासन ने बड़ा फैसला लिया है. इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. इस आदेश के तहत प्रदेश के किसी भी निजी अस्पताल में भर्ती मरीज यदि कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका इलाज उसी अस्पताल में हो सकेगा.

आदेश में साफ किया गया है कि निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज के चिकित्सा की सभी सुविधाएं होनी चाहिए. कोरोना मरीजों का उपचार केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार करना होगा. साथ ही अस्पताल प्रबंधन को मरीज की सभी जानकारियां मुख्य चिकित्सा अधिकारी या नोडल जिला सर्विलेंस अधिकारी को देनी होगी.

Corona
शासन ने जारी किए आदेश

जारी किए गए दिशा निर्देश

  • Co-Morbid रोगी की COVID-19 रोगी की जांच आईसीएमआर की गाइड लाइन के आधार पर की जाएगी.
  • अस्पताल का नैदानिक स्थापना अधिनियम-2010 (Clinical Establishment Act-2010) के निहित प्राविधानों के अन्तर्गत पंजीकरण होना चाहिए.
  • अस्पताल में कोविड-19 रोगियों को रखने के लिए एक अलग वार्ड/ब्लॉक, जिसमें प्रवेश और निकासी (Entry/Exit) के द्वार अलग-अलग होने चाहिए.
  • आपातकालीन सेवाओं में 24 घंटे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात हो. इसके साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सक की ऑनकॉल सुविधा हो.
  • अस्पताल में आईसीयू की सुविधा 24X7 हो.
  • फार्मेसी की सुविधा 24X7 हो.
  • आइसोलेशन वार्ड में प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा हो.
  • बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2016 के प्राविधानों का पालन अस्पतालों में किया जा रहा हो. इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राधिकार प्राप्त हो.
  • समस्त मेडिकल और पैरामेडिकल स्टॉफ कोविड-19 से बचाव हेतु आईपीसी प्रोटोकॉल व वेस्ट मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित हो.
  • कोविड-19 से बचाव हेतु सोशल-डिस्टेंसिंग के साथ उपयुक्त लॉजिस्टिक व पीपीई किट त्रिस्तरीय सर्जीकल मास्क, फेस शील्ड, सैनेटाइजर समेत जरुरी उपकरण पर्याप्त मात्रा में हो.
  • समर्पित कोविड-19 एम्बुलेंस (Dedicated Covid-19 Ambulance) की सुविधा हो.

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए शासन ने बड़ा फैसला लिया है. इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. इस आदेश के तहत प्रदेश के किसी भी निजी अस्पताल में भर्ती मरीज यदि कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो उसका इलाज उसी अस्पताल में हो सकेगा.

आदेश में साफ किया गया है कि निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज के चिकित्सा की सभी सुविधाएं होनी चाहिए. कोरोना मरीजों का उपचार केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार करना होगा. साथ ही अस्पताल प्रबंधन को मरीज की सभी जानकारियां मुख्य चिकित्सा अधिकारी या नोडल जिला सर्विलेंस अधिकारी को देनी होगी.

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शासन ने जारी किए आदेश

जारी किए गए दिशा निर्देश

  • Co-Morbid रोगी की COVID-19 रोगी की जांच आईसीएमआर की गाइड लाइन के आधार पर की जाएगी.
  • अस्पताल का नैदानिक स्थापना अधिनियम-2010 (Clinical Establishment Act-2010) के निहित प्राविधानों के अन्तर्गत पंजीकरण होना चाहिए.
  • अस्पताल में कोविड-19 रोगियों को रखने के लिए एक अलग वार्ड/ब्लॉक, जिसमें प्रवेश और निकासी (Entry/Exit) के द्वार अलग-अलग होने चाहिए.
  • आपातकालीन सेवाओं में 24 घंटे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ तैनात हो. इसके साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सक की ऑनकॉल सुविधा हो.
  • अस्पताल में आईसीयू की सुविधा 24X7 हो.
  • फार्मेसी की सुविधा 24X7 हो.
  • आइसोलेशन वार्ड में प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा हो.
  • बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स-2016 के प्राविधानों का पालन अस्पतालों में किया जा रहा हो. इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राधिकार प्राप्त हो.
  • समस्त मेडिकल और पैरामेडिकल स्टॉफ कोविड-19 से बचाव हेतु आईपीसी प्रोटोकॉल व वेस्ट मैनेजमेंट प्रोटोकॉल में प्रशिक्षित हो.
  • कोविड-19 से बचाव हेतु सोशल-डिस्टेंसिंग के साथ उपयुक्त लॉजिस्टिक व पीपीई किट त्रिस्तरीय सर्जीकल मास्क, फेस शील्ड, सैनेटाइजर समेत जरुरी उपकरण पर्याप्त मात्रा में हो.
  • समर्पित कोविड-19 एम्बुलेंस (Dedicated Covid-19 Ambulance) की सुविधा हो.
Last Updated : Jul 22, 2020, 6:16 PM IST
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