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उत्तराखंड को कई गुना दाम चुकाने पर भी नहीं मिल रही बिजली, आज बढ़ सकता है पावर कट

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Published : Apr 23, 2022, 12:00 PM IST

Updated : Apr 23, 2022, 12:16 PM IST

उत्तराखंड में बिजली संकट (Uttarakhand power cut) दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. ऊर्जा निगम (Uttarakhand Energy Corporation) के अधिकारियों को दोगुने से भी ज्यादा दामों पर बिजली नहीं मिल पा रही है. शुक्रवार को बिजली की कमी की स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि उत्तराखंड में आज भारी बिजली कटौती हो सकती है.

Uttarakhand power cut
कॉन्सेप्ट इमेज.

देहरादून: उत्तराखंड में बिजली संकट (Uttarakhand power cut) दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. स्थिति यह है कि हर रोज करोड़ों की बिजली राज्य के लिए पूरी नहीं पड़ रही है. खास बात यह है कि प्रदेश में अब करीब 7 मिलियन यूनिट तक बिजली की कमी पड़ रही है. ऊर्जा निगम (Uttarakhand Energy Corporation) के अधिकारियों को दोगुने से भी ज्यादा दामों पर भी बिजली नहीं मिल पा रही है.

उधर माना जा रहा है कि आज बिजली संकट के लिहाज से बेहद चिंताजनक हालात संभव हैं. शुक्रवार को बिजली की कमी की स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि उत्तराखंड में आज भारी बिजली कटौती हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्रवार को प्रदेश में 7 मिलियन यूनिट तक की बिजली की कमी की खबर है.

पढ़ें-उत्तराखंड में बिजली कटौती पर भड़के CM धामी, अधिकारियों से मांगा जवाब

ऐसे में आज यदि डिमांड कुछ और बढ़ती है और बिजली की व्यवस्था ऊर्जा निगम नहीं कर पाता है तो उद्योग क्षेत्र में इसका भारी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. यही नहीं पहले से ही करीब 4 घंटे की बिजली कटौती झेल रहे उपभोक्ताओं को और ज्यादा समय तक बिना बिजली के रहना पड़ सकता है. इस मामले पर यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव ने कहा कि बिजली की डिमांड पूरी करने की कोशिश की जा रही है. उम्मीद है कि आज विपरीत स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

उत्तराखंड में फिलहाल बिजली की डिमांड 45.5 मिलियन यूनिट है जो कि इस सीजन में रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज की गई है. उधर राज्य में बिजली उत्पादन से लेकर केंद्रीय पूल और बिजली खरीद करने के बाद भी राज्य के पास करीब 38.5 मिलियन यूनिट ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है. ईटीवी भारत ने पहले ही अपनी रिपोर्ट में बताया था कि इस बार गैस आधारित बिजली उत्पादन ठप होने से बिजली का संकट आ सकता है. दरअसल, राज्य में करीब 7 मिलियन यूनिट तक उत्पादन गैस आधारित दो प्लांटों से किया जाता है.

पढ़ें-रूस-यूक्रेन युद्ध का उत्तराखंड पर असर, अंधेरे में डूब सकते हैं लाखों परिवार, जानिए कारण

लेकिन इस बार गैस ना मिलने के कारण इन प्लांट्स पर उत्पादन ठप है. उधर बिजली की डिमांड भी इस बार पिछले सालों के मुकाबले बढ़ी है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन स्थितियों से निपटने के लिए ऊर्जा निगम के अधिकारियों की तरफ से कोई कार्य योजना नहीं तैयार की गई. लिहाजा इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. खुद ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने 1 दिन पहले ही इस बात को जाहिर किया था.

पढ़ें-उत्तराखंड में बिजली की दरों में आज से बढ़ोत्तरी, नया टैरिफ प्लान जारी

देहरादून: उत्तराखंड में बिजली संकट (Uttarakhand power cut) दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. स्थिति यह है कि हर रोज करोड़ों की बिजली राज्य के लिए पूरी नहीं पड़ रही है. खास बात यह है कि प्रदेश में अब करीब 7 मिलियन यूनिट तक बिजली की कमी पड़ रही है. ऊर्जा निगम (Uttarakhand Energy Corporation) के अधिकारियों को दोगुने से भी ज्यादा दामों पर भी बिजली नहीं मिल पा रही है.

उधर माना जा रहा है कि आज बिजली संकट के लिहाज से बेहद चिंताजनक हालात संभव हैं. शुक्रवार को बिजली की कमी की स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि उत्तराखंड में आज भारी बिजली कटौती हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्रवार को प्रदेश में 7 मिलियन यूनिट तक की बिजली की कमी की खबर है.

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ऐसे में आज यदि डिमांड कुछ और बढ़ती है और बिजली की व्यवस्था ऊर्जा निगम नहीं कर पाता है तो उद्योग क्षेत्र में इसका भारी प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. यही नहीं पहले से ही करीब 4 घंटे की बिजली कटौती झेल रहे उपभोक्ताओं को और ज्यादा समय तक बिना बिजली के रहना पड़ सकता है. इस मामले पर यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव ने कहा कि बिजली की डिमांड पूरी करने की कोशिश की जा रही है. उम्मीद है कि आज विपरीत स्थितियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

उत्तराखंड में फिलहाल बिजली की डिमांड 45.5 मिलियन यूनिट है जो कि इस सीजन में रिकॉर्ड स्तर पर दर्ज की गई है. उधर राज्य में बिजली उत्पादन से लेकर केंद्रीय पूल और बिजली खरीद करने के बाद भी राज्य के पास करीब 38.5 मिलियन यूनिट ही बिजली उपलब्ध हो पा रही है. ईटीवी भारत ने पहले ही अपनी रिपोर्ट में बताया था कि इस बार गैस आधारित बिजली उत्पादन ठप होने से बिजली का संकट आ सकता है. दरअसल, राज्य में करीब 7 मिलियन यूनिट तक उत्पादन गैस आधारित दो प्लांटों से किया जाता है.

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लेकिन इस बार गैस ना मिलने के कारण इन प्लांट्स पर उत्पादन ठप है. उधर बिजली की डिमांड भी इस बार पिछले सालों के मुकाबले बढ़ी है. सबसे बड़ी बात यह है कि इन स्थितियों से निपटने के लिए ऊर्जा निगम के अधिकारियों की तरफ से कोई कार्य योजना नहीं तैयार की गई. लिहाजा इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. खुद ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने 1 दिन पहले ही इस बात को जाहिर किया था.

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Last Updated : Apr 23, 2022, 12:16 PM IST
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