देहरादून: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में भराड़ीसैंण विधानसभा भवन का घेराव करने जा रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प का मामला बढ़ता जा रहा है. इस मामले में जहां कांग्रेस मंगलवार को त्रिवेंद्र सरकार का पुतला फूंकेगी तो वहीं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पूरी घटना के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने चमोली के घाट क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत लोगों पर पुलिस लाठी चार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की है. कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महामंत्री संगठन विजय सारस्वत ने बताया कि चमोली के घाट क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी. इसके लिए बजट भी अवमुक्त किया गया, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया. जिसके विरोध में स्थानीय जनता लंबे समय से आंदोलनरत थी, लेकिन सरकार ने उन पर लाठीचार्ज करवा दिया.
विजय सारस्वत ने कहा कि राज्य सरकार लाठीचार्ज कर जनता का उत्पीड़न कर रही है. लाठीचार्ज के विरोध में प्रीतम सिंह के आह्वान पर मंगलवार को सभी जिला मुख्यालयों में भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ पुतला दहन किया जाएगा.
इधर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने भी घाट के आंदोलनकारियों पर भराड़ीसैंण में हुए लाठीचार्ज पर सरकार की कड़ी आलोचना की है. जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती और पूर्ण सिंह लिंगवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री का जनता के प्रति दूरी बनाना उनके अहंकार को दर्शाता है. राज्य आंदोलनकारी मंच ने सरकार से इस घटना की जांच की मांग की है.
बता दें कि सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन घाट-नंदप्रयाग मोटर मार्ग के चौड़ीकरण की मांग को लेकर घाट क्षेत्र के लोगों ने भराड़ीसैंण विधानसभा भवन का घेराव करने की कोशिश की. पुलिस ने उन्हें दिवालीखाल में बैरिकेडिंग लगाकर रोकने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच झड़प भी हुई. आंदोलनकारियों की तरफ से पुलिस पर पथराव भी किया. पुलिस की तरफ से भी वाटर कैनन और लाठीचार्ज किया गया. इस दौरान में एक सीओ और पुलिस का जवान घायल हो गया है. वहीं आंदोलनकारियों के चोटिल होने की भी सूचना है. अब इस मामले में राजनीति गरमाने लगी है.